ऑस्ट्रेलियाई अखबार द हेराल्ड सन का दावा - चीन में जबरन बेचे जा रहे हैं उइगरों के अंग, सालाना कमाई 7500 करोड़

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ( UNHRC ) ने साल 2021 की शुरुआत में कहा था कि चीन में उइगरों मुस्लिमों के अंगों को बेचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। यह काम सुनियोजित तरीके से हो रहा है और गंभीर चिंता का विषय है।

Update: 2021-10-31 09:36 GMT

ई दिल्ली। चीन ( China ) के शिनजियांग प्रांत ( Xinjiang Province ) में उइगर ( Uyghur organs ) सहित अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित रूप से जारी मानवाधिकारों के हनन का मामला एक बार सुर्खियों में है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीजिंग उइगरों के अंगों ( Uyghur organs ) की तस्करी से सालाना अरबों डॉलर कमा रहा है। यह एक गंभीर मसला है। यह पहली बार नहीं है, जब चीन पर डिटेंशन सेंटरों जरिए अंग कटाई और उसकी बिक्री करने का आरोप लगा है। इन आरोपों को चीन हमेशा से खारिज करता आया है। चीन का आरोप है कि पश्चिम मीडिया देश की छवि खराब करने की एक सुनियोजित योजना के तहत इस तरह की खबरों को तवज्जो देता है, जिसमें सबूत उसके पास नहीं होते हैं।

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हेल्दी लीवर की कीमत 1.20 करोड़

न्यूज एजेंसी एएनआई ने ऑस्ट्रेलियाई मॉर्निंग अखबार द हेराल्ड सन (the herald sun ) के हवाले से बताया है कि उईगर मुस्लिमों ( Uighur Muslims ) का एक हेल्दी लिवर गैर कानूनी तरीके से 1 लाख 60 हजार अमेरिकी डॉलर ( 1.20 करोड़ रुपए ) में बेचने का काम धडल्ले से जारी है। ऐसा कर चीन कम से कम 1 बिलियन अमरीकी डालर ( भारतीय रुपए में लगभग 7500 करोड़ ) की कमाई करता है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ( UNHRC ) विशेषज्ञों का कहना है कि उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं। अपनी हालिया रिपोर्ट में द हेराल्ड सन ने विस्तार से इसका जिक्र किया है।

अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीन जबरन अंग कटाई और नसबंदी के अभियान में शामिल है। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि अंग प्रत्यारोपण करने वाले अस्पताल कथित तौर पर डिटेशन सेंटरों ( Detention Centers ) के आसपास के क्षेत्रों में ही होते हैं। इन अस्पतालों में किए गए ऑपरेशनों की संख्या और छोटी प्रतीक्षा सूचियों साफ पता चलता है कि लंबे समय से जबरन अंग कटाई और ब्लैक मार्केट ( Black Market ) में उसे बेचने का काम जारी है।

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दूसरे धर्मों के लोग भी निशाने पर

सिर्फ उइगर मुस्लिम ही नहीं, बल्कि चीन में तिब्बतियों, ईसाईयों और फालुन गोंग नाम के मजहब को मानने वालों के साथ भी ऐसा ही सलूक किया जा रहा है। UNHRC का कहना था कि बिना सहमति लिए उइगर मुस्लिमों का ब्लड टेस्ट्स, अल्ट्रासाउंड और एक्सरे करवाए जाते हैं। ताकि चीन की सरकार को उनके शरीर के बारे में पूरी जानकारी हो जाए। जबकि अन्य कैदियों को ऐसी परीक्षाओं से गुजरने की आवश्यकता नहीं होती है।

84 अरब डॉलर की संपत्तियां जब्त

अखबार ने ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट ( ASPI ) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि 2017 और 2019 के बीच देश भर के कारखानों में लगभग 80,000 उइगरों के अंगों की तस्करी हुई। ताइवान के समाचार में प्रकाशित एक जांच का हवाला देते हुए अखबार ने बताया है कि हाल के वर्षों में उइगरों से 84 अरब डॉलर की संपत्तियां जब्त की गई हैं। इनमें उइगरों की चल और अचल संपत्तियां शामिल हैं। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ( UNHRC ) ने 2006 और 2007 में भी चीनी सरकार के सामने इस मसले को गंभीरता से उठाया था। चीन ने यूएनएचआरसी के दोवों को उस समय खारिज कर दिया था।

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