Joe Biden on Russia Ukraine War : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जताई नाराजगी, भारत को प्रमुख सहयोगियों में बताया अपवाद, क्यों?

Joe Biden on Russia Ukraine War : यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को दंडित करने वाले पश्चिमी प्रतिबंधों पर भारत का रवैया अलग है।

Update: 2022-03-22 03:05 GMT

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

Joe Biden on Russia Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध ( Russia Ukraine War) के बीच जंग थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच रूस के प्रति मोदी सरकार की नरमी को लेकर अमेर‍िकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ( Joe Biden ) ने बड़ा बयान दिया है। साथ ही अपनी नाराजगी भी जाहिर कर दी है। जो बाइडेन ( Joe Biden ) ने कहा है क‍ि भारत अमेरिका के प्रमुख सहयोगियों में एक अपवाद है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को दंडित करने वाले पश्चिमी प्रतिबंधों पर उसका रवैया अलग है। या यूं कहें कि कुछ हद तक अस्थिर रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ( Joe Biden ) ने कहा कि क्वाड सहयोगियों में संभावित अपवाद के साथ भारत ( India ) इसमें से कुछ पर अस्थिर है, लेकिन जापान बेहद मजबूत रहा है। बाइडेन ने कहा क‍ि पुतिन की आक्रामकता से निपटने के मामले में भारत की तरह ऑस्ट्रेलिया का हाल भी कमोवेश वैसा ही है।

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रूस से तेल खरीदने पर जताई नाराजगी

बाइडेन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ संयुक्त मोर्चे के लिए नाटो, यूरोपीय संघ और प्रमुख एशियाई भागीदारों सहित अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन की सराहना की है। क्वाड समूह के साथी सदस्यों में ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के विपरीत भारत ने रूसी तेल खरीदना जारी रखा है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र में मास्को की निंदा करने वाले वोटों में शामिल नहीं हुआ। जबकि पश्चिमी देश मास्को को अलग-थलग करना चाहते हैं।

नाटो को बांटने में पुतिन नहीं हुए सफल

बाइडेन ने वाशिंगटन में अमेरिकी व्यापार जगत के नेताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि रूस पर प्रतिबंध लगाने के मामले में नाटो और प्रशांत क्षेत्र में एक संयुक्त मोर्चा प्रभावी रहा है। " क्वाड में जापान बेहद मजबूती के साथ प्रतिबंधों पर अमल किया। पुतिन नाटो को बांटने की कोशिश में जुटे थे, लेकिन नाटो अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा मजबूती के साथ एकजुट रहा।

बता दें कि भारत सरकार के एक अधिकारी ने पिछले हफ्ते कहा था कि हम कच्चे तेल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता हैं। लगभग 85 प्रतिशत जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर हैं। जिसमें रूस एक प्रतिशत से भी कम "मामूली" आपूर्ति करता है। रूस यूक्रेन संघर्ष के बाद तेल की कीमतों में उछाल ने अब हमारी चुनौतियों को बढ़ा दिया है। भारत अब प्रतिस्पर्धी ऊर्जा स्रोतों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा। नई दिल्ली का ऐतिहासिक रूप से मास्को के साथ घनिष्ठ संबंध रहा है। यूक्रेन में हिंसा को समाप्त करने का हमने आह्वान किया है। 

भारत ने अमेरिका का इसलिए नहीं दिया साथ

Joe Biden on Russia Ukraine War : दरअसल, नई दिल्ली का ऐतिहासिक रूप से मास्को के साथ घनिष्ठ संबंध रहा है। यूक्रेन में हिंसा को समाप्त करने का हमने आह्वान किया है। यूक्रेन युद्ध की वजह से पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए भारत ने रूस से सस्ते में पेट्रोल पहले से ज्यादा खरीदने का फैसला लिया है। जबकि अमेरिका चाहता था कि भारत ऐसा नहीं करे। खास बात यह है कि भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है। इसलिए अमेरिका को उम्मीद थी कि भारत रूस के खिलाफ प्रतिबंधों में भारत का साथ देगा, लेकिन भारत ने रूस से अपने पुराने संबंधों का हवाला देते हुए इस मुद्दे पर अपनी नीति पर अमल करने का फैसला लिया है।

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