Assam की भाजपा सरकार का शिक्षा मॉडल - हाईस्कूल के सभी छात्र हुए फेल, 34 सरकारी स्कूलों को बंद करने का मिला बहाना
(असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का फाइल फोटो)
Assam News : असम की हिमंता बिस्व सरमा सरकार ( Himanta Biswa Sarma ) ने प्रदेश सरकार द्वारा संचालित स्कूलों की दशा सुधारने के बदले 34 ऐसे स्कूलों को बंद करने फैसला लिया है जिनके रिजल्ट इस बार दसवीं में परीक्षा में शून्य आये हैं। इससे पहले भी असम सरकार ( Assam BJP Government Education model ) ने गुवाहाटी में 16 स्कूलों को बंद करने की घोषणा की थी। ये फैसला उस समय लिया जब असम में 1000 से ज्यादा स्कूल पहले ही एकीकरण प्रक्रिया के तहत बंद किए जा चके हैं। ताजा फैसले में जिन स्कूलों को बंद ( School closed ) करने का प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया गया है, उनमें एक भी छात्र 2022 हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट परीक्षा में पास नहीं हुए हैं।
2021 में पास हुए थे 93.10% छात्र
साल 2022 में एचएसएलएस में 10वीं कक्षा में छात्रों का पास प्रतिशत 2021 के 93.10 प्रतिशत से गिरकर 56.49 प्रतिशत हो गया था। साल 2021 में कोविड के कारण परीक्षा आयोजित नहीं की गई थी और परिणाम पिछली परीक्षाओं और आंतरिक मूल्यांकन में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर घोषित किए गए थे।
1000 स्कूल पहले ही हो चुके हैं बंद
असम में छात्रों की कमी के कारण प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में 1000 स्कूल पहले ही बंद किए जा चुके हैं। छात्रों और अभिभावकों में भी प्रतिक्रिया है कि विलय के नाम पर कई शिक्षण संस्थानों को पड़ोसी स्कूलों से जोड़ा गया है लेकिन कुछ स्कूलों को दूर स्थित संस्थानों से जोड़ने में भी कई जगहों पर छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के इस फैसले का लोग विरोध भी करने लगे हैं।
बंद होने वाले स्कूल इन जिलों के
जिन स्कूलों को असम सरकार ने बंद करने का फैसला लिया है उनमें सात स्कूल कार्बी आंगलोंग जिले से, पांच-पांच स्कूल जोरहाट और कछार से, 2-2 स्कूल धुबरी, गोलपारा, लखीमपुर, नागांव से और 1-1 स्कूल गोलाघाट, कामरूप, कोकराझार, नलबाड़ी, हैलाकांडी, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, चिरांग, दरांग और डिब्रूगढ़ जिलों के शामिल हैं। इन स्कूलों के 500 से अधिक छात्र इस साल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड असम द्वारा आयोजित एचएसएलसी परीक्षा में शामिल हुए थे। राज्य माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक बंद पड़े स्कूलों को आसपास के अन्य सरकारी स्कूलों में मिला दिया जाएगा और उनमें शिक्षकों और छात्रों को ठहराया जाएगा।
ये स्कूल हुए बंद
असम में जिन स्कूलों को बंद किया गया उनमें कछार के खुर्शीद अली सुखदेव नाथ हाई स्कूल, लखीपुर हाई स्कूल, नेहरू गर्ल्स हाई स्कूल, फुलेश्वरी पब्लिक हाई स्कूल, एसएनडीएम हाई स्कूल, चिरंग के बरपथार हाई स्कूल, दरंग जिले के पद्मपुखुरी हाई मदरसा, धुबड़ी का मोहन लाल शोभाशरिया एकाडमी हाई स्कूल, सापतग्राम हाई मदरसा, डिब्रुगढ़ के छात्री कल्याण बालिका हाईस्कूल, ग्वालपाड़ा के थोरका हाई स्कूल, गोलाघाट के मिसामारा आदर्श हाई स्कूल, हैलाकांडी के स्वामी विवेकानंद हाई स्कूल, जोरहाट के आमगुड़ीहाट हाई स्कूल, बालीगांव गीतार्थी वोकेशनल हाई स्कूल, विद्याधर शर्मा मेमोरियल हाई स्कूल, कुंवरी पुखुरी हाई स्कूल, नकचारी गर्ल्स हाई स्कूल, कामरूप ग्रामीण में गोहल कोनो हाई स्कूल, कार्बी आंगलांग में देवपानी हाई स्कूल, डिफू नाइट हाई स्कूल, हावराघाट तिनाली आंचलिक बोरो मीडियम हाई स्कूल, इंगलांगरी हाई स्कूल, जयपोंग आदर्श हाई स्कूल, ओई कारेंग हाई स्कूल, टेकेलागुन हाई स्कूल, कोकराझार के शास्त्री विद्यापीठ हाई स्कूल, लखीमपुर के आजाद आदर्श विद्यापीठ, शांतिज्योति हाई स्कूल, नगांव के अमोनी तिनाली माधवदेव हाई स्कूल, डॉ बिकोरी हाई स्कूल, नलबाड़ी के बरकुरिहा विद्यामंदिर हाई स्कूल और वेस्ट कार्बी आंगलोंग के मुनमिली हाई स्कूल शामिल हैं।
स्कूल बंद होने की वजह
इस साल जून में राज्य माध्यमिक शिक्षा विभाग ने दसवीं कक्षा की परीक्षा में खराब परिणाम के लिए 102 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। शून्य सफलता वाले स्कूलों के अलावा सूची में 10 प्रतिशत से कम पास प्रतिशत वाले स्कूल भी शामिल हैं। पिछले महीने राज्य सरकार ने लगभग 800 सरकारी स्कूलों को बंद करने की घोषणा की थी। इन स्कूलों में प्रत्येक में 30 से कम छात्र पढ़ाई कर रहे थे।
केजरीवाल की सीएम सरमा को नसीहत : बंद करने के बदले शिक्षा में करें सुधार
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने खराब रिजल्ट के कारण असम सरकार के 34 स्कूलों को बंद करने के फैसले को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गलत करार दिया है। केजरीवाल ने एक ट्वीट कर बताया कि स्कूल बंद करना समस्या का हल नहीं है। हमें तो अभी पूरे देश में बहुत सारे नए स्कूल खोलने की जरूरत है। स्कूल बंद करने की बजाय स्कूल को सुधार कर पढ़ाई ठीक कीजिए।