Moral Education : स्कूलों में गीता और पंचतंत्र पढ़ाने पर विवाद, कांग्रेस नेता बोले - वैमनस्यता को मिलेगा बढ़ावा
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश।
Moral Education : गुजरात सरकार द्वारा स्कूली पाठ्यक्रमों में भगवद् गीता ( Geeta ) को शामिल करने की तैयारियों के बीच कर्नाटक सरकार ( karnataka Government ) ने प्रदेश के स्कूलों में नैतिक शिक्षा ( Moral Education ) के तहत छात्रों को गीता और पंचतंत्र ( Panchtantra ) की कहानियां पढ़ाने का फैसला लिया है। इस बारे में कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ( BC Nagesh ) ने कहा है कि मॉरल साइंस को एक विषय के रूप में शिक्षा सत्र 2022-23 से प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाई जाएंगी। किस कक्षा में पढ़ाने की जरूरत है, इस बारे में बहुत जल्द फैसला लिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि नई पीढ़ी के बच्चों को नैतिक शिक्षा ( Moral Education ) का पाठ पढ़ाना बहुत जरूरी है। कुछ ऐसे उदाहरण सामने आये हैं जिससे इस बात का पता चला है कि बच्चे में नैतिक ज्ञान का सख्त अभाव है जबकि बेहतर व्यक्तित्व निर्माण के नैतिक शिक्षा का ज्ञान होना जरूरी है। कई मामलों में बच्चे महाभारत में युद्ध के दृश्यों से भी अपरिचित मिले हैं। यह हमारी गलती है, क्योंकि हमने उन्हें सिखाया नहीं है। इसी वजह से हमने इस शैक्षणिक वर्ष से नैतिक शिक्षा ( Moral Education ) शुरू करने का फैसला लिया है।
निजी स्कूलों पर थोपने की जरूरत नहीं
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री ने बताया है कि हम छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ नैतिक कहानियों का चयन करेंगे। इसमें पंचतंत्र और गीता की कहानियां होंगी। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार को निजी स्कूलों पर नैतिक शिक्षा का पाठ थोपने की जरूरत नहीं है।
स्कूलों को सांप्रदायिक प्रयोगशाला में तब्दील न करे भाजपा : बी रामनाथ
Moral Education : दूसरी तरफ कर्नाटक के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बी रामनाथ राय ने भारतीय जनता पार्टी पर प्रदेश के स्कूलों को सांप्रदायिक प्रयोगशाला में तब्दील करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के इस फैसले से कर्नाटक में सांप्रदायिक वैमनसता को बढ़ावा मिलेगा। बोम्मई सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए बदले की राजनीतिके तहत ऐसा कर रही है।
कांग्रेस नेता बी रामनाथ का कहना है कि इसी तरह मंदिर के मेलों में गैर-हिंदुओं को व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इससे नस्लीय घृणा पैदा होगी। सत्ताधारी दल को धर्म के आधार पर वोटबैंक की राजनीति बंद करनी चाहिए।
बता दें कि गुजरात सरकार ने हाल ही में तीन से चार चरणों में नैतिक विज्ञान को स्कूली पाठ्यक्रमों में शुरू करने का फैसला लिया था। पहले चरण में भगवद् गीता को शामिल करने का फैसला लिया है।