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बाबरी विध्वंस के 30 साल : VHP द्वारा मस्जिद विध्वंस की रिहर्सल के बाद हजारों की भीड़ ने तोड़े थे फोटोग्राफर्स के कैमरे

Janjwar Desk
6 Dec 2022 12:17 PM IST
बाबरी विध्वंस के 30 साल : VHP द्वारा मस्जिद विध्वंस की रिहर्सल के बाद हजारों की भीड़ ने तोड़े थे फोटोग्राफर्स के कैमरे
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बाबरी विध्वंस के 30 साल : VHP द्वारा मस्जिद विध्वंस की रिहर्सल के बाद हजारों की भीड़ ने तोड़े थे फोटोग्राफर्स के कैमरे (Image:social media)

Demolition of Babri Masjid: आज से तीस बरस पहले 6 दिसंबर 1992 को सोलहवीं सदी में बनी बाबरी मस्जिद को एक भीड़ ने ढ़हा दिया। ये भीड़ कारसेवकों की थी। इसे लेकर देशभर में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया। जगह-जगह हिंसा हुई। हजारों लोग हिंसा की बलि चढ़ गये...

Demolition of Babri Masjid: आज से तीस बरस पहले 6 दिसंबर 1992 को सोलहवीं सदी में बनी बाबरी मस्जिद को एक भीड़ ने ढ़हा दिया। ये भीड़ कारसेवकों की थी। इसे लेकर देशभर में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया। जगह-जगह हिंसा हुई। हजारों लोग हिंसा की बलि चढ़ गये। आज घटना के तीस साल बीत जाने के बाद भी यूपी पुलिस को यहां कड़ी सुरक्षा का बंदोबस्त करना पड़ता है।

30 साल पहले उत्तर प्रदेश के अयोध्या में घटी इस घटना में राम मंदिर की सांकेतिक नींव रखने को उमड़ी भीड़ ने बाबरी मस्जिद ढ़हा दी थी। यह घटना इतिहास में प्रमुखता से दर्ज हुई। राम मंदिर की सांकेतिक नींव रखने गये हजारों लोगों ने गुंबद गिराकर विवाद को जन्म दिया। हजारों कारसेवकों ने मस्जिद के तीन गुंबदों को ध्वस्त कर दिया था।

बाबरी विध्वंस का रिहर्सल

साल 1987 में द पायनियर अखबार से जुड़े प्रवीण जैन कुछ वर्षों से अयोध्या आंदोलन को कवर कर रहे थे। दिसंबर 1992 से पहले वे दो-तीन बार अयोध्या जा चुके थे। 6 दिसंबर से पहले भी एडिटर विनोद मेहता ने उन्हें अयोध्या जाने को कहा था जिसके बाद 4 दिसंबर को वे अयोध्या पहुंच गए। लेकिन 5 दिसंबर को उन्हें आभास हो गया था कि बाबरी मस्जिद गिराई जाने वाली है।

अयोध्या में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रवीण जैन ने विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) वीएचपी नेता अशोक सिंघल (Ashok Singhal) से संगठन की योजनाओं के बारे में सवाल किया था। जैन ने बताया था कि उत्तर में तब वह सिर्फ मुस्कुरा दिए थे और कहा था "बस इंतजार करो और देखो..."

एक दिन पहले VHP ने की विध्वंस की रिहर्सल

पत्रकार प्रवीण जैन ने बताया था कि 5 दिसंबर को वीएचपी ने बाबरी मस्जिद के पास एक रिहर्सल भी की थी। यहां किसी मीडिया को जाने की अनुमति नहीं थी लेकिन जैन अकेले ऐसे पत्रकार थे जो वहां मौजूद थे...वीएचपी के एक दूसरे नेता बीएल शर्मा उनके मित्र थे। उन्होंने 5 दिसंबर की सुबह जैन को मिलने के लिए कहा और वादा किया कि वह उन्हें कुछ दिलचस्प दिखाएंगे।

वह दिन आया... जैन जब वहां पहुंचे तो शर्मा ने उन्हें वीएचपी का पहचान पत्र दिया। यह पहचान पत्र उस जगह तक जाने के लिए था जहां कुछ देर बाद बाबरी मस्जिद गिराने की रिहर्सल होनी थी.. जैन से कहा गया था कि वह स्थल पर खुद को वीएचपी फोटोग्राफर के रूप में पेश करें। फिर शर्मा, जैन को रिहर्सल दिखाने के लिए ले गए, और वहीं उन्होंने तस्वीरें खींची। यही वह क्षण था जब प्रवीण जैन जान चुके थे कि बाबरी मस्जिद को गिराया जाने वाला है।

फोटोग्राफर्स के कैमरे तोड़ दिए गए थे

6 दिसंबर को जब विध्वंस की वास्तविक तस्वीरें मीडियाकर्मियों ने लेनी शुरू की, वीएचपी वर्कर्स ने उनके कैमरों को तोड़ना शुरू कर दिया...वर्कर्स को सारे सबूत मिटाने के निर्देश दिए गए थे। वे पत्रकारों पर उतना हमला नहीं कर रहे थे, जितना फोटोग्राफरों पर।

साथी फोटोग्राफरों पर हमले होते देख जैन ने वहां से निकलने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि मैंने अपने सिर को अपनी जैकेट से ढक लिया और इस वजह से वीएचपी वर्कर्स उनके कैमरे भी नहीं देख पाए... रघु राय और पाब्लो बार्थोलोम्यू जैसे नामचीन फोटोग्राफर्स को भी पीटा गया। निशाने पर जैन भी थे लेकिन वह मानस भवन में जाकर छिप गए जहां कई बड़े राजनेता ठहरे हुए थे।

जैन ने बताया- मैंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के शीर्ष नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से फोटोग्राफरों पर हो रहे हमले को रोकने की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने मेरी नहीं सुनी। फोटोग्राफरों की पिटाई की योजना भी सुनियोजित थी।

यूपी से उत्तराखंड तक खास इंतजाम

बाबरी विध्वंस की बरसी पर यूपी के अयोध्या और मथुरा में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। पुलिस और ड्रोन से चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है। इनपुट है कि ये इंतजाम अयोध्या और मथुरा समेत पूरे यूपी में किये गये हैं। साथ ही सात उत्तराखंड तक सुरक्षा कड़ी की गई है। अयोध्या और मथुरा में प्रशासन ने आज के दिन किसी भी तरह के आयोजन की मंजूरी नहीं दी है।

रेड जोन वालों पर विशेष नजर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों धर्मस्थलों के 300 मीटर क्षेत्र में बने रेड जोन पर आने जाने वालों के साथ-साथ हिंदूवादी संगठनों पर नजर रखी जा रही है। सभी संगठनों को सख्त हिदायत भी जारी की गई है। मथुरा के एसएसपी गौरव ग्रोवर ने पूरे मथुरा में सुरक्षा को लेकर पुलिस कर्मियों से पल-पल पर नजर बनाए रखने के लिए कहा है।

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