अमित शाह का आज से तमिलनाडु दौरा, करुणानिधि के बड़े बेटे के अलागिरि के साथ आने के आसार
जनज्वार। भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का शनिवार से दो दिन का चेन्नई दौरा शुरू हो रहा है। तय कार्यक्रम के अनुसार, अमित शाह इस दौरान के कई विकास योजनाओं की शुरुआत करेंगे, लेकिन अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उनके इस दौरे को अहम माना जा रहा है।
Looking forward to being in Tamil Nadu tomorrow. Will inaugurate and lay the foundation stones of various development projects.
— Amit Shah (@AmitShah) November 20, 2020
நாளை தமிழகத்திற்கான பல்வேறு வளர்ச்சி மற்றும் மேம்பாட்டுத் திட்டங்களுக்கு அடிக்கல் நாட்டி தொடங்கி வைக்க இருப்பதை மகிழ்ச்சியுடன் தெரிவித்துக் கொள்கிறேன் https://t.co/ykLR9ZpexP
संभावना है कि इस दौरान दिवंगत एम करुणानिधि के बड़े बेटे अलागिरि के साथ उनकी दोस्ती किसी निर्णायक आयाम तक पहुंचेगी। इस बात की संभावना तब और मजबूत हो गई जब अलागिरि के एक करीबी नेता व पूर्व सांसद केपी रामालिंगम ने आज डीएमके छोड़ कर भाजपा ज्वाइन कर लिया। रामलिंगम ने खुद को अलागिरि का आदमी बताते हुए कहा कि उन्हें भाजपा के साथ लाने की कोशिश करेंगे।
I have close relations with MK Alagiri (DMK chief MK Stalin's brother). I will try to bring him to Bharatiya Janta Party: KP Ramalingam who joined BJP today https://t.co/Zg4ohmZ5z6 pic.twitter.com/F6AtlQAjoV
— ANI (@ANI) November 21, 2020
अलागिरि डीएमके की राजनीति में उपेक्षा के शिकार हैं। पार्टी पर उनके छोटे भाई एमके स्टालिन का नियंत्रण है और वे पार्टी प्रमुख होने के साथ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। ऐसे में अलागिरि अपने लिए नई राजनीतिक संभावनाएं तलाश रहे हैं।
संभावना है कि वे एक स्वतंत्र पार्टी का गठन कर भाजपा से गठजोड़ कर चुनाव लड़ें। वे कलैनार डीएमके यानी केडीएमके नाम से पार्टी का गठन कर सकते हैं। हालांकि अलागिरि का तमिलनाडु की राजनीति में बहुत प्रभाव नहीं है, लेकिन करुणानिधि का पुत्र होने की वजह से वे ऐसा कदम उठायेंगे तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान डीएमके और स्टालिन को होगा। अगर अलागिरि डीएमके को प्रभावी नुकसान पहुंचाने में सफल रहते हैं तो स्वतः उनका राजनीतिक महत्व बढ जाएगा।
मालूम हो कि राज्य में अभी अन्नाद्रमुक की सरकार है और उसकी शीर्ष नेता जयललिता के निधन के बाद पार्टी अलग-अलग खेमे में बंटी है। उधर, जयललिता की सहयोगी शशिकला की भी चुनौतियां हैं।
तमिलनाडु भाजपा के लिए सबसे चुनौतिपूर्ण राज्य साबित होता रहा है, लेकिन अपनी जमीन बनाने के लिए वह वहां लगातार प्रयास कर रही है। 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 2.86 प्रतिशत वोट शेयर पाया था, अगर वह अपना वोट शेयर धीरे-धीरे बढाने में कामयाब रहती है तो उसे इसका लाभ होगा।
#GoBackAmitShah और वेलकम चाणक्य कर रहा ट्रेंड
अमित शाह के तमिलनाडु दौरे को लेकर इस दक्षिण भारतीय राज्य में राजनीति गर्म है। भाजपा व शाह विरोधी #GoBackAmitShah शटैग पर ट्वीट कर उनकी यात्रा का विरोध कर रहे हैं। इस हैशटैग के सोशल मीडिया पर टाॅप ट्रेंड में शामिल होने के बाद शाह समर्थकों ने #TNwelcomeschanakya ट्रेंड कराना शुरू किया।