Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

दैनिक भास्कर के मालिकों-कर्मचारियों समेत ऑफिसों पर इनकम टैक्स के छापे, लोग बोले 'तेवर वाली पत्रकारिता' मोदी सरकार को नहीं बर्दाश्त

Janjwar Desk
22 July 2021 4:29 AM GMT
दैनिक भास्कर के मालिकों-कर्मचारियों समेत ऑफिसों पर इनकम टैक्स के छापे, लोग बोले तेवर वाली पत्रकारिता मोदी सरकार को नहीं बर्दाश्त
x

दैनिक भाष्कर के कई राज्य कार्यालयों पर आयकर विभाग की टीम ने एक साथ छापेमारी की है

आयकर विभाग ने दैनिक भास्कर के कई राज्य कार्यालयों पर एक साथ छापे मारे हैं, खबर है कि समाचार पत्र के भोपाल, अहमदाबाद और जयपुर के दफ्तरों में छापेमारी हुई है..

जनज्वार। आयकर विभाग ने देश के सबसे बड़े समाचार पत्र समूहों में से एक दैनिक भास्कर के कई राज्य कार्यालयों पर एक साथ छापे मारे हैं। खबर है कि समाचार पत्र के भोपाल, अहमदाबाद और जयपुर के दफ्तरों में आयकर विभाग की यह छापेमारी हुई है।

बताया जा रहा है कि सुधीर अग्रवाल सहित दैनिक भास्कर के तीनों समूह मालिकों के दफ्तरों पर भी छापे पड़े हैं। एक खबर यह भी निकल कर सामने आ रही है कि दैनिक भास्कर से जुड़े दफ्तरों पर दिल्ली में भी छापेमारी की गई है।

बताया जा रहा है कि अहमदाबाद में दैनिक भास्कर के स्टेट एचआर प्रमुख के घर पर भी आयकर विभाग की टीम पहुंची हुई है। समाचार पत्र के कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों को पूछताछ और आय-व्यय का ब्यौरा तलब करने के लिए आनन-फानन में दफ्तरों में बुलाया जा रहा है। आयकर विभाग की मुंबई की टीम ने यह छापेमारी की है। कहा जा रहा है कि विभाग को कुछ गड़बड़ी की शिकायत मिली थी और उसके बाद यह छापेमारी की गई है।

दैनिक भास्कर हालिया दिनों में अपनी तेवर वाली पत्रकारिता के कारण सुर्खियां बटोर रहा था। कोरोना काल में गंगा तट पर शवों का मामला हो या स्पाइवेयर जासूसी कांड का मसला, हिंदी पट्टी के समाचार पत्रों में दैनिक भास्कर अपने अलग तेवर के साथ रिपोर्टिंग कर रहा था।

देश का विपक्ष आरोप लगाता रहता है कि सरकारें बदले की भावना से कार्रवाई करती रहीं हैं, इन आरोपों का सत्ता पक्ष हमेशा खंडन करती रहीं हैं। ऐसे आरोपों को लेकर पक्ष-विपक्ष में बहस लगातार चलती रहती है। माना जा रहा है कि देश के सबसे बड़े समाचार पत्र समूहों में से एक दैनिक भास्कर के कार्यालयों पर आयकर विभाग की छापेमारी के बाद ऐसी बहसें एक बार फिर जोर पकड़ सकती हैं।

वैसे सरकारी एजेंसियों का कहीं छापा मारना या पूछताछ करना एक रूटीन वर्क माना जाता है। किसी गड़बड़ी की आशंका या संभावना होने पर जांच एजेंसियों या विभागीय एजेंसियों द्वारा कार्रवाई किया जाना उनके दायित्वों का हिस्सा होता है।


राजस्थान के पत्रकार अवधेश अकोदिया ने इसे लेकर अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने लिखा है,"दैनिक भास्कर के भोपाल, जयपुर और अहमदाबाद कार्यालय पर आयकर विभाग का छापा।" अवधेश अकोदिया राजस्थान के पत्रकार हैं और 'द वायर', 'कारवां', 'न्यूज लॉन्ड्री' आदि समाचार समूहों के लिए लिखते रहे हैं।

इस पूरी करवाई पर वरिष्ठ पत्रकार विश्दीपक कहते हैं, ' पिछले कुछ वक्त से "भास्कर" सरकार को खटक रहा था. महामारी के दौर में "टेलीग्राफ" की नकल ने इस अखबार को लोकप्रियता तो दिलाई लेकिन अग्रवाल बंधु यह भूल गए कि उनके पांव व्यस्था में काफी गहरे धंसे हैं। जिन राज्यों में यह अख़बार पिछले कुछ सालों में आक्रामक प्रचार और वितरण की वजह से नंबर एक बना, तकरीबन उन सभी राज्यों में बीजेपी पिछले कम से कम दो दशकों से सत्ता में है।

उन्होंने लिखा, "उदारीकरण के बाद से ही हिंदी क्षेत्र को "गोबर पट्टी" बनाए रखने में इस अख़बार ने अहम भूमिका निभाई है. फिर भी इनकम टैक्स की रेड का विरोध किया जाना चाहिए। यह बदले की कार्रवाई और झल्लाहट का नतीजा है। इससे यह भी पता चलता है कि सरकार बहादुर अंग्रेजी अख़बार से नहीं डरते। "टेलीग्राफ" जो हेडलाइन लगाना चाहे, लगता रहे, असर तभी होगा जब "भास्कर" रूख बदलेगा।"

Next Story

विविध