Begin typing your search above and press return to search.
झारखंड

झारखंड के कोडरमा में आषाढी पूजा के साथ ग्रामीणों ने की कोरोना की पूजा, ताकि गांव में न फैले बीमारी

Janjwar Desk
10 Jun 2020 9:12 PM IST
झारखंड के कोडरमा में आषाढी पूजा के साथ ग्रामीणों ने की कोरोना की पूजा, ताकि गांव में न फैले बीमारी
x
इस साल जब कोरोना वायरस फैला हुआ है तो लोगों ने खेती के लिए आषाढी पूजा करने के साथ कोरोना की पूजा भी की ताकि बीमारी गांव में नहीं फैले।

जनज्वार ब्यूरो। झारखंड के कोडरमा जिले के चंदवारा प्रखंड की उरवां गांव में लोगों ने बुधवार को आषाढी पूजा के साथ कोरोना की भी पूजा की और इस बीमारी से निजात की कामना की। उरवां स्थित देवी मंदिर में कोरोना को दूर भगाने के लिए हवन, पूजा की गयी और आरती का आयोजन किया गया।

लोगों में यह धारणा है कि पूजा-पाठ से कोरोना भाग जाएगा। दरअसल इस गांव में हर साल कृषि कार्य से पहले आषाढी पूजा की जाती है और इससे पहले मंदिर में रंग रोगन का कार्य कराया जाता है। इस साल जब कोरोना वायरस फैला हुआ है तो लोगों ने खेती के लिए आषाढी पूजा करने के साथ कोरोना की पूजा भी की ताकि बीमारी गांव में नहीं फैले।

ससे पहले आपने बिहार व झारखंड के कुछ गांवों में महिलाओं द्वारा कोरोना माई की पूजा करने की खबर देखी पढी होगी। गांव में आषाढी पूजा के अनुष्ठान के साथ कोरोना से मुक्ति का भी अनुष्ठान किया गया। हालांकि मुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र पासवान ने जनज्वार से बातचीत में मीडिया में आयी उन खबरों को गलत बताया कि यहां 400 बकरों की बलि दी गयी।

वीरेंद्र पासवान ने कहा कि हमलोग पुरखों से ही हर साल खेती कार्य शुरू करने से पहले गांव के मंदिर में पूजा पाठ व हवन करते हैं। इस साल भी ऐसा किया गया, हां इस दौरान तीन बलि दी गयी और उसे गांव के 500 घरों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। वहीं, एक स्थानीय सूत्र ने बताया कि गांव के बुजुर्गाें ने यह कहा है कि आषाढी पूजा के साथ कोरोना की पूजा की गयी है ताकि यह बीमारी गांव में नहीं फैले।

मीडिया में 400 बकरों की बलि की खबर आने पर गांव में जांच के लिए प्रखंड से सीओ व थाना प्रभारी भी आज शाम पहुंचे। इस संबंध में पूछने पर चंदवारा के सीओ मुजाहीद अंसारी ने जनज्वार से कहा कि हमलोग गांव में ही हैं और लोगों से बात कर रहे हैं और यह झूठी सूचना है।

न्होंने कहा कि तीन बलि पड़ी है और यहां के ग्रामीण हर साल खेती शुरू करने से पहले आषाढी पूजा करते हैं और उसी के तहत आज पूजा पाठ की गयी। उन्होंने कहा कि यह लोगों की अधिक भीड़ भी नहीं जुटी थी। गांव में करीब 500 लोगों का परिवार है। लोगों ने आषाढी पूजा के साथ कोरोना मुक्ति अनुष्ठान में भी हिस्सा लिया।

Next Story

विविध