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Manoj Muntazir : मुगलों को डकैत कहने वाले कवि मनोज मुंतशिर कविता चोरी विवाद में फंसे, अंग्रेजी पॉयम की हूबहू नकल के आरोप

Janjwar Desk
24 Sep 2021 8:32 AM GMT
Manoj Muntazir : मुगलों को डकैत कहने वाले कवि मनोज मुंतशिर कविता चोरी विवाद में फंसे, अंग्रेजी पॉयम की हूबहू नकल के आरोप
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(मुगलों को डकैत कहने वाले कवि मनोज मुंतशिर कविता चोरी के नए विवाद में फंस गए हैं) File pic.

Manoj Muntazir: मुंतशिर, साल 2018 में आई अपनी बुक मेरी फितरत है मस्ताना को लेकर विवादों में घिर गए हैं, आरोप है कि इस बुक की कविता 'मुझे कॉल करना' हूबहू रॉबर्ट जे लेवरी की साल 2007 में आई कविता कॉल मी से मिलती है..

Manoj Muntazir Controversy : (जनज्वार)। मुगलों को डकैत (Mughals were Dakaits) कहने का विवाद अभी ठंढा भी नहीं पड़ा था कि बॉलीवुड गायक मनोज मुंतशिर एक नए विवाद में घिर गए हैं। इस बार उनपर गाना-कविता और कंटेंट चुरा कर कॉपी करने का आरोप लगा है।

मुंतशिर, साल 2018 में आई अपनी बुक मेरी फितरत है मस्ताना को लेकर विवादों में घिर गए हैं। आरोप है कि इस बुक की कविता 'मुझे कॉल करना' (Call me whenever) हूबहू रॉबर्ट जे लेवरी (Robert J Lewari) की साल 2007 में आई कविता कॉल मी से मिलती है। हालांकि गायक ने इसे लेकर सफाई दी है और आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि अगर यह साबित हो गया तो वे लिखना छोड़ देंगे।

इससे पहले कुछ ट्रोलर्स (Trollers) ने कथित सबूत शेयर करते हुए मनोज मुंतशिर पर दूसरों की कविता अपने नाम से छापने का आरोप लगाया है। कविता के साथ ही उन पर 'केसरी' फिल्म का गाना 'तेरी मिट्टी' भी पाकिस्तानी गाने से कॉपी करने का आरोप लग रहा है।

खबरों के मुताबिक अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की फिल्म 'केसरी' के गाने 'तेरी मिट्टी' को एक पाकिस्तान गाने (Pakistani song) की कॉपी बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर ये चर्चा जोरों पर है कि मनोज मुन्तशिर ने पाकिस्तान गाना जो कि साल 2005 में रिलीज हुआ था को कॉपी करके 'तेरी मिट्टी' गीत लिखा है।

जिस कविता को कॉपी करने का मनोज मुंतशिर (Manoj Muntazir) पर आरोप लगा है, उस कविता का नाम 'मुझे कॉल करना' है। इस कविता के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। ये कविता साल 2018 में आई उनकी एक किताब 'मेरी फितरत है मस्ताना' (Meri fitarat hai maarana) में छपी थी। लोगों का कहना कि ये कविता किसी और ने लिखी थी। मनोज ने इसका हिंदी अनुवाद कर अपनी किताब में छाप दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसे लेकर जब मुंतशिर से पूछा गया कि अचानक उनके खिलाफ ऐसे आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं, तो राइटर ने जवाब में कहा, "लोग मुझे अटैक (People attacking me) कर रहे हैं क्योंकि मैंने मुगलों के खिलाफ एक वीडियो बनाई थी जिसमें मैंने उन्हें ग्लोरीफाइड डकैत बताते हुए कई मजबूत शब्दों का इस्तेमाल किया है।"

मीडिया से बात करते हुए इन आरोपों पर मनोज ने कहा, "'अगर ये साबित हो जाएगा कि तेरी मिट्टी गाना किसी भी गाने का कॉपी है तो मैं लिखना छोड़ दूंगा।"

मनोज मुंतशिर ने आगे कहा, "जो भी मुझपर ये आरोप लगा रहे हैं वो पहले जाकर वीडियो (see the Videos) को देखें। उस गाने को यूट्यूब पर कई महीनों पहले हमारी फिल्म केसरी के गाने के रिलीज के बाद अपलोड किया गया था। साथ ही ये भी बता दूं कि वो सिंगर पाकिस्तानी नहीं बल्कि भारतीय लोक गायक गीता राबरी (Indian folk singer Geeta Rabari) हैं, आप चाहें तो उन्हें कॉल करके चेक कर सकते हैं।'

मुंतशिर ने कहा कि वह रबारी को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं और वह हमेशा उनकी रचनाओं के प्रति सम्मान बनाए रखती हैं। उन्होंने कहा, 'गीताजी ने हमेशा मेरे काम की सराहना की है और आप उनसे पूछ भी सकते हैं।' उनसे से जब ये पूछा गया कि सिर्फ ये ही गीत नहीं बल्कि उनकी अन्य गीतों और कविताओं पर भी साहित्यिक चोरी (Copying the Literature) का आरोप लगता रहा है।जिसके लिए सोशल मीडिया पर उन्हें खासा ट्रोल भी होना पड़ा है।

बता दें कि मनोज मुंतशिर की किताब 'मेरी फितरत है मस्ताना' का प्रकाशन वाणी प्रकाशन (Vaani Prakashan) ने किया था। विवाद को तूल पकड़ता देख वाणी प्रकाशन की तरफ से अदिति माहेश्वरी ने बयान देते हुए कहा कि हम इस मामले में लेखक के ऑफिशिल बयान रिलीज करने का इंतजार करेंगे।

इस कविता को लेकर लगे आरोप

मनोज मुंतशिर की कविता-

कभी उदास हो रोने का दिल करे, मुझे कॉल करना

शायद मैं तुम्हारे आंसू न रोक पाऊं पर तुम्हारे साथ रोऊंगा ज़रूर

कभी अकेलेपन से घबरा जाओ तो मुझे कॉल करना

शायद मैं तुम्हारी घबराहट न मिटा पाऊं पर अकेलापन बांटूंगा ज़रूर

कभी दुनियां बदरंग लगे तो मुझे कॉल करना

शायद मैं पूरी दुनिया में रंग न भर पाऊं

पर ये दुआ ज़रूर करूंगा कि तुम्हारी जिन्दगी खूबसूरत हो

और कभी ऐसा हो कि तुम कॉल करो

और मेरी तरफ से जवाब ना आए

तो भाग के मेरे पास आ जाना, शायद मुझे तुम्हारी ज़रूरत हो

रॉबर्ट जे लेवरी की कविता-

call me...

If one day you feel like crying…

call me

I don't promise that

I will make you laugh

But I can cry with you.

If one day you want to run away

Don't be afraid to call me.

I don't promise to ask you to stop,

But I can run with you.

If one day you don't want to listen to anyone

call me

i promise to be there for you

but i also promise to remain quiet

But…

If one day you call

and there is no answer…

come fast to see me..

Perhaps I need you.

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