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Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में कांग्रेस पर मंडराए संकट के बादल

Janjwar Desk
26 Sep 2022 3:23 PM GMT
Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में कांग्रेस पर मंडराए संकट के बादल
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Rajasthan Political Crisis : कांग्रेस में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव और भारत जोड़ो यात्रा के बीच राजस्थान में राजनीतिक संकट गहरा गया है। कांग्रेस आलाकमान द्वारा सचिन पायलट को अगला मुख्यमंत्री बनाने की संभावना के बीच अशोक गहलोत के समर्थक में 90 विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया।

Rajasthan Political Crisis : कांग्रेस में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव और भारत जोड़ो यात्रा के बीच राजस्थान में राजनीतिक संकट गहरा गया है। कांग्रेस आलाकमान द्वारा सचिन पायलट को अगला मुख्यमंत्री बनाने की संभावना के बीच अशोक गहलोत के समर्थक में 90 विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। उधर, पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले को सुलझाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को हर एक बागी विधायक से बात करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, विधायकों ने दोनों नेताओं के सामने कुछ शर्तें रखते हुए मिलने से इनकार कर दिया। उधर, कांग्रेस आलाकमान इन शर्तों पर असहमत दिख रहा है। ऐसे में खड़गे और माकन गहलोत से मुलाकात कर दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान को रिपोर्ट सौंपनी है।

बीते कुछ सालों में कांग्रेस पार्टी अपनी आपसी कलह और अनिर्णय वाली हालत में नजर आ रही है। वैसे भी पार्टी के पास करने को कुछ बचा नहीं है। अगर एक दो राज्यों में उनकी सरकार है भी तो पार्टी आलाकमान अपने निर्णयों से खुद को ही मटियामेट करने में लगी हुई है। अच्छी खासी चल रही राजस्थान सरकार में इस तरह की गुटबाजी और फूट कांग्रेस का स्तर आगे चलकर और भी अधिक डांवाडोल वाली स्थिति में ला देगी, ऐसा कयास है लगाया जा रहा है।

कांग्रेस के सीनियर नेताओं का कहना है कि 'गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ से बाहर हैं। अन्य नेता भी बाहर होंगे, जो 30 सितंबर से पहले नामांकन दाखिल करेंगे। अब मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह, केसी वेणुगोपाल वे नाम हैं जो अध्यक्ष पद की रेस में चल रहे हैं। सीडब्ल्यूसी सदस्य और पार्टी के एक नेता ने ये भी कहा कि गहलोत ने जिस तरह का व्यवहार किया वह पार्टी नेतृत्व के साथ अच्छा नहीं रहा। उन्होने सीनियर लीडरशिप की परेशानी बढ़ाई है।

बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इसके बाद से चर्चा थी कि गहलोत के अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ेगा और उनकी जगह सचिन पायलट लेंगे। सोनिया गांधी ने इसके लिए सचिन पायलट और अशोक गहलोत से बात भी की थी। हालांकि, सचिन पायलट को लेकर कोई ऐलान होता, उससे पहले ही राजस्थान में बगावत हो गई और अशोक गहलोत खेमे के करीब 90 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया।

माकन ने गहलोत से नहीं की मुलाकात

अजय माकन ने अशोक गहलोत से मुलाकात नहीं की है। हालांकि, खड़गे की मुलाकात गहलोत से हुई है। उधर, माकन और खड़गे दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। वे सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे और राजस्थान के सियासी संकट पर रिपोर्ट पेश करेंगे। वहीं, राहुल गांधी ने भी माकन, वेणुगोपाल और अन्य नेताओं से बातचीत की है। वेणुगोपाल आज दिल्ली पहुंच रहे हैं। वे भी सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। आज सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर अहम बैठक होगी।

गहलोत से नाराज है आलाकमान

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक आलाकमान अशोक गहलोत के रवैये से खासा नाराज है। पार्टी का कहना है कि राजस्थान में सब कुछ अशोक गहलोत से पूछ कर ही किया गया था। उसके बावजूद भी जिस ढंग से यह सब तमाशा किया गया, यह ठीक नहीं है। इससे अशोक गहलोत की छवि ही खराब हुई है। पार्टी उनको अध्यक्ष बनाने की सोच रही है। ऐसे में एक मुख्यमंत्री पद को लेकर उनको ऐसा नहीं करना चाहिए। बेशक अशोक गहलोत ने इस बात को साफ किया है कि इस पूरे सियासी ड्रामे में उनका कोई हाथ नहीं है। लेकिन पार्टी आलाकमान को लगता है कि अशोक गहलोत के कहने पर यह सब हो रहा है। पार्टी को यह भी लगता है कि उनके आसपास के लोगों ने अशोक गहलोत को यह समझा दिया है कि पार्टी अध्यक्ष की बजाय मुख्यमंत्री की कुर्सी ज्यादा बड़ी है। इसलिए यह सब सियासी ड्रामा हुआ है। पार्टी पर्यवेक्षक आज दोपहर बाद दिल्ली आकर सोनिया गांधी को पूरी रिपोर्ट देंगे।

विधायकों ने नाराज होकर रखीं 3 शर्तें

विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर देर रात तक माकन और खड़गे ने विधायकों को मनाने की कोशिश की। बात नहीं बनी और सभी विधायक अपने घर चले गए। सूत्रों के मुताबिक घर जाने से पहले विधायकों ने आलाकमान के सामने तीन शर्तें रखी हैं। सूत्रों ने बताया कि नाराज विधायकों का कहना है कि जब तक इस बात पर सहमति नहीं बनेगी तबतक कोई विधायक बैठक में शामिल नहीं होगा।

सोनिया ने मांगी रिपोर्ट

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से राजस्थान में सियासी हालातों पर रिपोर्ट मांगी है। उधर, बताया जा रहा है कि गहलोत भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन टाल सकते हैं। सचिन पायलट इंतजार कर रहे हैं कि इस पूरे मामले में गांधी परिवार दखल दे और गहलोत के खिलाफ कोई कदम उठाए। केसी वेणुगोपाल से अशोक गहलोत से बात करने के लिए कहा गया है।

गौरतलब है कि, राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस की जीत के हीरो बने सचिन पायलट ने जुलाई 2020 में भी सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया था। चर्चा उठी थी कि पायलट अपने समर्थित विधायकों को लेकर बीजेपी में जा सकते हैं। तब दावा किया गया था कि 30 विधायक पायलट के साथ हैं। हालांकि पार्टी हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद दोनों खेमे में सहमति बन गई थी।

इधर, गहलोत गुट का दावा है कि उनके खेमे में 92 विधायक हैं। सचिन पायलट को महज 16 विधायकों का ही समर्थन बताया जा रहा है। दरअसल, गहलोत गुट के कांग्रेस नेता प्रताप खाचरियावास ने दावा किया है कि उनके साथ 92 विधायक हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है। इस लिहाज से आंकड़ों को देखें तो पायलट खेमे में सिर्फ 16 विधायक बचते हैं। हालांकि अभी तक पायलट गुट की तरफ से विधायकों की संख्या को लेकर कोई दावा नहीं किया गया है।

कांग्रेस पार्टी नहीं पहेली है - जगदंबिका पाल

बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कांग्रेस के घमासान पर चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी नहीं, पहेली है। कांग्रेस मुक्त भारत की ओर बढ़ रहा है। एक तरफ राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ राजस्थान में क्या हो रहा है? बता दें कि पाल पहले कांग्रेस के नेता रहे हैं।

कांग्रेस अपना घर नहीं संभाल पा रही- केजरीवाल

AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें राजनीति नहीं आती है। जनता के लिए काम करते हैं। स्कूल-अस्पताल बनाते हैं। वही चीजें हैं जो जनता को चाहिए, जनता को तोड़फोड़ की राजनीति पसंद नहीं आती है। हम काम की राजनीति करते हैं, इसलिए पहले दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाई। अब गुजरात में जनता कह रही है कि वहां भी AAP की सरकार बनेगी। वे (कांग्रेस) अपना घर नहीं संभाल पा रहे हैं। दोनों ही पार्टियां जोड़-तोड़ करती है। वे ये कहते रहते हैं कि केजरीवाल मुफ्त देना बंद करो। आज देशभर को उम्मीद आम आदमी पार्टी से है। मुझे विकल्प समझ नहीं आता। हमें देश को आगे ले जाना है।

बीजेपी ने दिये राष्ट्रपति शासन लगने के संकेत

राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर जारी राजनीतिक ड्रामे के बीच, भाजपा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का संकेत दिया। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट किया, इतनी अनिश्चितता तो आज भारत-आस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच में भी नहीं है जितनी राजस्थान की कांग्रेस पार्टी में नेता को लेकर है। विधायकों की बैठकें अलग चल रही हैं, इस्तीफों का सियासी पाखंड अलग चल रहा है। ये क्या राज्य चलाएंगे, कहां ले जाएंगे ये राजस्थान को, अब तो भगवान बचाए राजस्थान को।

क्या है राजस्थान का सियासी गणित?

  • कांग्रेस-108 विधायक
  • बीजेपी - 70
  • निर्दलीय - 13
  • आरएलपी - 3
  • माकपा - 2
  • बीटीपी - 2
  • आरएलडी - 1
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