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UP : कौन है जिसका लखनऊ में 40 दिवंगत पत्रकारों के परिवार को 20 से घटकर 10 लाख की चेक दिलवाने का कराया जाए राजतिलक?

Janjwar Desk
1 Aug 2021 8:06 AM GMT
UP : कौन है जिसका लखनऊ में 40 दिवंगत पत्रकारों के परिवार को 20 से घटकर 10 लाख की चेक दिलवाने का कराया जाए राजतिलक?
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बगल की एक कुर्सी खाली कराकर चेक के बड़े-बड़े कटआउट रखे गये ताकी कैमरों को ठीक दिखाई दे. (photo-rohini singh)

पत्रकारों को चेकें बांटने को लेकर तमाम तरह की बातें सामने निकलकर आ रही हैं। जिसमें एक यह भी कि, लखनऊ या यूपी के पत्रकारों को फ्री वैक्सीनेशन की सरकार की योजना को रजत शर्मा के मुताबिक, उनने प्रदेश सरकार से आग्रह किया था...

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा 40 दिवंगत पत्रकारों को 10-10 लाख रूपये की धनराशि वितरित किए जाने के मामले में सरकार की आलोचना हो रही है। तमाम लोग सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें लिख रहे हैं, सवाल भी उटा रहे हैं। वहीं मुख्य अतिथि रहे रजत शर्मा को भी आड़े हाथों लिया जा रहा है।

पेगासस जासूसी लिस्ट में शामिल पत्रकार रोहिणी सिंह ट्वीट करती हैं, 'आक्सीजन और इलाज के अभाव में पत्रकारों को मरने के लिए छोड़ा, समय पर उन्हें वैक्सीनेट ना कर उनकी जान जोखिम में डाल दी, दिवंगत पत्रकार के परिजनों को मिलने वाली सरकारी सहायता 20 लाख से घटा कर 10 लाख कर दी…पर चेक के बड़े प्रिंटआउट निकाल कर फोटोसेशन करवाए गए, इन्हें धन्यवाद कहिए।'

पत्रकारों को चेकें बांटने को लेकर तमाम तरह की बातें सामने निकलकर आ रही हैं। जिसमें एक यह भी कि, लखनऊ या यूपी के पत्रकारों को फ्री वैक्सीनेशन की सरकार की योजना को रजत शर्मा के मुताबिक, उनने प्रदेश सरकार से आग्रह किया था। अगर यह बात ठीक है तो प्रदेश भर के पत्रकार संगठनो की बात झूठी है जिसमें कहा गया था कि उनके प्रयास से यह वैक्सीने सरकार की तरफ से लगवाई गई हैं। इसी बात को कोट करते हुए वरिष्ठ पत्रकार नवेद शिकोह लिखते हैं 'रजत शर्मा ने लखनऊ के पत्रकार संगठनो की पोल खोल दी।'

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार सुशील दुबे लिखते हैं 'वैसे एक बात बिल्कुल नहीं समझ आयी की, वैक्सीन का क्रेडिट रजत शर्मा जी ले गये, 10 लाख के चेक का सहगल जी शिशिर जी, भारत समाचार ने अपनी लड़ाई खुद लड़ी उसके लिये up से एक कड़ी निंदा टाइप का प्रस्ताव भी नहीं पास हुआ। थप्पड़ में मिठाई मिला दी, और भी क़ई मैटर हैं, तो ये संजू दत्त 'मान्यता' दत्त और तमाम ओल-फ़ोल टाइप के संगठन और खलीफा हैं किस काम के लिये। केवल मकान, विज्ञापन कुछ नगदी और बुके के लिये, जूनियर बेचारे क्या करें क्षमा प्रार्थी हूँ, बाकी रही बची इज्जत कि कसर आज पूरी कर दी सूचना विभाग के सिस्टम ने।'

इन सभी बातों को मिलाकर देखा जाए तो कई बातें निकलकर सामने आ रही हैं। वैक्सीन के लिए रजत शर्मा जी बोले तो यूपी भर के पत्रकार संगठनों ने फिर क्या किया। दूसरी बात मृतक पत्रकारों के परिवार को चेक बांटने का क्रेडिट नौकरशाह ले गये। फिर भोले मानुष योगी आदित्यनाथ के हाथ क्या आया। अब स्वरा भास्कर की ली गई चुटकी के भी मायने अलग हैं, जिसका अंदाजा लगाते रहना चाहिए।

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