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फ्रेंडशिप की आड़ में चलता है जिस्मफरोशी का खुला खेल, अखबारों से लेकर गूगल तक विज्ञापनों का जाल
जनज्वार। क्या आप अकेलापन फील कर रहे हैं? आपको खालीपन महसूस हो रहा है। एन्जॉय करना चाहते हैं तो कॉल कीजिये। इस तरह के हजारों मैसेज और फ़ोन कॉल्स से अखबारी विज्ञापन और तमाम वेबसाइटें भरी रहती हैं, जो फ्रेंडशिप के नाम पर चलते हैं। असल में इन विज्ञापनों के पीछे एक बड़ा गिरोह और जाल काम कर रहा होता है, जो सही मायनों में सेक्स का संजाल होता है।
इन निकलने वाले विज्ञापनों की पड़ताल करते हुए कल 'जनज्वार' संवाददाता ने एक नम्बर डायल किया। डायल करते ही नम्बर दूसरी तरफ उठ जाता है। उधर से बात कर रही खनकीली आवाज वाली लड़की अपना नाम श्रुति बताती है। इस जैसे मामलों में दूसरी तरफ बात कर रहे लोग छद्मनाम से बात करते हैं। बातचीत के आकर्षण में कभी भोले तो कभी जरूरत से जादा होशियार लोग इनके चक्कर मे फंस जाते हैं।
बात कर रही लड़की श्रुति ने संवाददाता को बताया कि वह एक फ्रेंडशिप साइट से बात कर रही है। आगे वह असल मुद्दे पर आते हुए फीजिकल रिलेशन बनाने की बात कहती है, जिसपर इधर से कहा गया कि यह कैसे संभव होता है। तो लड़की जवाब देती है कि आपको हमारी साइट में जाकर सदस्यता करवानी होती है, उसके बाद आप फिज़िकल रिलेशन बना सकते हैं। सदस्यता का शुल्क पूछने पर वह हमें घुमा देती है।
यह लड़की श्रुति हमे बताती है कि चेक से सदस्यता शुल्क पे करते ही आपको हमारी मैडम मिलेंगी आकर। हमने पूछा मैडम मतलब दलाल। जिसमे लड़की जवाब देती है कि नहीं हमारी मैडमें हैं जो आकर आपके बताए पते पर आपसे फिजिकल रिलेशन बनायेगीं आकर। हमने उससे उसका पता पूछा तो उसने दिल्ली के द्वारका में होना बताया। आगे लड़की पूछती है कि क्या आप इंटरेस्टेड हैं, तो हमने कहा कि इंटरेस्टेड होंगे तो आपको याद करेंगे। जिसके बाद फोन कट जाता है।
दरअसल इन जैसों की आड़ में जिस्मफरोशी का खुला खेल चलता है। जिसे फ्रेंडशिप या अलग अलग नामों से संचालित किया जाता है। यह कहीं मसाज पार्लर तो कहीं फ्रेंडशिप के नाम से चलता है। दिल्ली में इन सबका बड़ा विस्तार है। जिनका जाल देश के विभिन्न राज्यों और शहरों तक फैला हुआ है।
एसपी साउथ दीपक भूकर ने 'जनज्वार' संवाददाता से बात करते हुए कहा कि 'इसी तरह का एक मामला नौबस्ता में सामने आया था। बीती सितंबर को उन्हें ज्ञात हुआ कि सेक्स रैकेट चल रहा है जो गूगल के जरिये मीले नम्बरों पर कॉल करने के बाद लड़कियां उपलब्ध करवाते थे। पूरे मामले की तहकीकात के बाद उन्होंने टीम को लगाया था। कई लोगों को हिरासत में लिए गया था। ये असल मे एक संगठित गिरोह होता है जो लोगों को बरगलाकर अपने जाल में फँसाते हैं। इन सबमे अक्सर रुपयों के फ्रॉड के भी मामले सामने आते हैं।