केरल में जल्द ही रोबोट द्वारा चलाए जा सकते हैं कोरोना वायरस के आइसोलेशन वार्ड
असिमोव रोबोटिक्स ने एक तीन-पहिए वाला रोबोट विकसित किया है जिसका उपयोग आइसोलेशन वार्डों में कोरोना वायरस पॉजिटिव रोगियों की सहायता के लिए किया जा सकता है। यह उनको कमरे में वो सब करने में मदद करेगा जो नर्स और डॉक्टर अब तक कर रहे हैं..
जनज्वार। फरवरी 2020 के पहले सप्ताह में जब केरल में भारत का पहला कोरोना वायरस का मामला सामने आया तब से वह इस महामारी के खिलाफ युद्धस्तर पर काम कर रहा है। अन्य भारतीय राज्यों के विपरीत केरल ने पिछले सप्ताह से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उपाय तेज कर दिए हैं। राज्य में जहां स्वास्थ्य कर्मियों के पास कोरोना वायर से बचने के लिए सुरक्षा उपकरणों की भारी कमी है, ऐसे में केरल में एक्सपर्ट जिस समाधान पर पहुंचे हैं, वो है- रोबोट।
कोच्चि स्थित असिमोव रोबोटिक्स ने एक तीन-पहिए वाला रोबोट विकसित किया है जिसका उपयोग आइसोलेशन वार्डों में कोरोना वायरस (COVID-19) पॉजिटिव रोगियों की सहायता के लिए किया जा सकता है। यह उनको कमरे में वो सब करने में मदद करेगा जो नर्स और डॉक्टर अब तक कर रहे हैं। यह रोबोट आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टर और नर्सों की तरह भोजन और दवाओं जैसी मदद देगा, अब तक डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को उनके संपर्क में आने का खतरा होता है।
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असिमोव रोबोटिक्स के संस्थापक और सीईओ जयकृष्णन टी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, असप्तालों में मानव जैसे रोबोट तैनात करना अव्यावहारिक है। यही कारण है कि हम कॉस्ट इफेक्टिव मॉडल पर काम कर रहे हैं जो इस पॉइंट पर बहुत व्यावहारिक है।
सात सदस्यों की टीम के द्वारा पंद्रह दिनों में पहला रोबोट विकसित करने के बाद फर्म ने कहा कि वे लॉन्च होने के बाद एक रोबोट का एक दिन में मैन्युफैक्चर करेंगे।
जयकृष्णन ने इकोनॉमिक टाइम्स ने कहा, हमने रोबोट का प्रोटोटाइप पूरा कर लिया है। इसमें बाहें नहीं होती हैं लेकिन एक डिटेचेबल कंटेनर होता है जो अपने द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं को स्वयं कीटाणुरहित करता है। क्योंकि यह रिमोवल है इसलिए इसे समय-समय पर कीटाणुरहित भी किया जा सकता है।
यह रोबोट ( जिसका नाम कर्मी-बोट रखा गया है) ऊपरी और निचले ट्रे के साथ आएगा जो भोजना और अस्पताल के उपकरणों से लैस होगा। इसका इस्तेमाल क्वारंटाइन जोन में प्रयुक्त वस्तुओं को कीटाणुरहित करने के लिए किया जा सकता है।
इस रोबोट में सामान्य तौर पर मैनुअल कार्यों से जुड़ी सेवाओं (दवाओं की सेवा या मदद करना) की सुविधा के अलावा इन-बिल्ट-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा है जो स्वास्थ्य कर्मियों को दूर से रोगियों के साथ जोड़ देगा और शारीरिक मौजूदगी के जोखिम के बिना बातचीत की अनुमति देगा।
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बता दें कि इस टेक फर्म को कुछ हफ्तों पहले कोच्चि में मास्क और हैंड सैनिटाइजर देने के लिए रोबोट तैनात करने के लिए खूब लोकप्रियता मिली। उसने अब अपना नया मॉडल आइसोलेशन वार्डों के लिए डिजाइन किया है।
एक ऐसे समय में जब आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस की मांग तेज हो रही है देशभर में टेक इनोवेटर्स और एंटरप्रियॉनर्स को भी इस तरह की तकनीकी प्रगति भी महसूस कर रहे हैं, भारत में विशेष रूप से बहुत ही उच्च तकनीक वाली रोबोटिक्स फर्म हैं जो स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
लेकिन यह ट्रेंड अब दुनियाभर में है, कोरोना वायरस संकट का जवाब देने के लिए रोबोटिक्स प्रदाताओं की भीड़ है।
केरल स्टार्ट अप मिशन प्रमुख साजी गोपीनाथ कहते हैं, इन स्टार्ट अप्स (जैसे असीमोव रोबोटिक्स) के पास कई प्रोडक्ट हैं जिन्हें कई बार समाधान के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
हमने महसूस किया कि देखभाल और अन्य गैर-आवश्यक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे कि भोजन या दवा की डिलीवरी के साथ रोबोटिक्स का उपयोग करना स्वास्थ्य कर्मियों पर बोझ को काफी कम कर सकता है।
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एक अन्य गुड़गांव स्थित टेक स्टार्टअप ने एक इलेक्ट्रॉनिक तापमान स्कैनर लॉन्च किया है, जो मैनुअल थर्मल स्कैनिंग चेक का काम और वीडियो एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर यूजर के शरीर का तापमान 37 डिग्री से ऊपर होने पर अलर्ट कर देता है।
भारत में इस तरह की तकनीकियां अभी लाइन पर हैं जो सैकड़ों लोगों की जान बचा सकती हैं। कोच्चि स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर इन्क्यूबेटर मेकर विलेज के सीईओ प्रसाद बालकृष्णन नायर कहते हैं, स्थिति में सुधार करने के लिए तकनीक के लिए यह एक बेहतर समय है। हम कई प्रयासों को बढ़ावा दे रहे हैं जो इन कोशिशों में मदद कर सकती हैं।