ग्रूप योरम म्यूज़िक बैंड की सदस्य हेलिन बोलेक की भूख हड़ताल के 288वें दिन मौत
बैंड के सोशल मीडिया एकाउंट ने इस बारे में साझा की जानकारी, बैंड पुलिस के खिलाफ भूख हड़ताल पर है, क्योंकि लोकगीत गाने वाले इस ग्रुप पर पुलिस बार बार कर रही है छापेमारी...
जनज्वार। इस्तांबुल के योरम म्यूज़िक बैंड सदस्य हेलिन बोलेक की 288 दिन की भूख हड़ताल के दौरान मौत हो गयी। योरम ग्रुप ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया एकाउंट से दी। इस ग्रुप के सदस्यों ने ट्विटर पर मैसेज में लिखा, "288 दिनों के अनशन पर, ग्रुप योरम के सदस्य हेलिन बोलेक शहीद हो गए हैं... हम सभी से आह्वान कर रहे हैं कि वे अपने शहीद की बहादुरी को सलाम करने के लिए उनके घर आयें..."
इस्तांबुल का यह ग्रुप लोकगीत गाता है। इसकी गतिविधियों को यहां की पुलिस गैरकानूनी मानती है, इसलिए उन पर बार बार छापेमारी की जाती है। छापेमारी में बैंड के कई सदस्यों को पकड़ लिया गया था। इनकी रिहाई के लिए और दर्ज मामले खारिज करने के लिए यह अनशन किया गया था।
पुलिस ने बैंड पर न सिर्फ छापेमारी की, बल्कि उनके कार्यक्रम पर भी रोक लगा दी थी। एक छापेमारी के बाद ग्रुप योरुम की 28 वर्षीय सिंगर हेलेन बॉलेक और राहब्राहिम गोकचेक ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। उनकी मांग यही थी कि पुलिस उनके खिलाफ की जा रही दमनात्मक कार्यवाही बंद करे, जितने सदस्यों को पकड़ा गया है,उन्हें रिहा किया जाए।
इसके अलावा मांग कर रहे थे कि योरम ग्रुप के कार्यक्रमों पर सरकार की तरफ से जो रोक लगी है, उसे हटाया जाये। उनका कहना था कि वह कोई गलत काम नहीं कर रहे हैं, जिससे कानून व्यवस्था को दिक्कत आये। जब उनकी मांग को नहीं माना गया तो वह भूख हड़ताल पर चले गये।
हेलेन बॉलेक की तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां भी उन्होंने भूख हड़ताल जारी रखी। वह धीरे धीरे मौत के मुंह में जा रहे थे। इसके बाद भी पुलिस और प्रशासन ने उनकी मांग को नहीं माना। अंत: हेलेन बॉलेक की मौत हो गयी।
अनशन के दौरान हेलिन बॉलेक की मां अयुगल बिलगी ने एक अपील जारी कर अपनी बेटी के पक्ष में समर्थन जुटाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था,"वह रात को सो नहीं सकती हैं, क्योंकि उसके सांस सांसनली में सूजन आ गई है। उसके लिए कोई नींद नहीं है, क्योंकि वह बहुत दर्द झेलती है। मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी फिर से लोक गीत गाए। मैं नहीं चाहती कि मेरा बच्ची मर जाए। मंच पर आप यदि इन अच्छे लोगों को देखना चाहते हैं तो तो, कृपया, हर कोई जो मेरी बातें सुनता है, कृपया कुछ करें, लेकिन जल्दी से।"
हेलिन बॉलेक की मौत के बाद ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन और तुर्की के मानवाधिकार फाउंडेशन ने एक संयुक्त बयान जारी किया।
इसमें उन्होंने कहा है कि "हेलिन बोलेन के गुजरने से हमें खेद है, हम मानवाधिकार संगठनों के रूप में अपनी भूमिका अच्छे से नहीं निभा पाये। इस वजह से हम एक कलाकार की मौत को नहीं रोक पाये। उन्होंने कहा कि सरकार मानव अधिकार को लेकर अपना नजरिया बदले, क्योंकि उन्हें मानव अधिकार का पालन करना चाहिए।
उन्होंने "सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द किसी भी तरह के नुकसान को रोकने के लिए कार्रवाई की जाए और मांगों को पूरा करके समस्या का समाधान किया जाए।"
पुलिस ने योरम ग्रुप के केंद्र पर दो साल में दस बार छापेमारी की। पुलिस की कार्यवाही के दौरान ग्रुप की किताबें फट गयी थीं। उनके संगीत यंत्र टूट गये थे। ग्रुप की ओर से जो बयान दिया गया, इसके मुताबिक उनके दस सदस्यों को पुलिस ने पकड़ लिया था। सात सदस्य अभी भी पुलिस की हिरासत में हैं।
यही वजह रही कि ग्रुप के सदस्यों को इसके विरोध में अनशन पर जाना पड़ा। उनकी मांग है कि बार बार छापेमारी कर उन्हें डराने की कोशिशें बंद होनी चाहिए। मंत्रालय ने योरम ग्रुप को वांटेड की सूची में रखा है, उसे हटाने की भी मांग की जा रही थी।
इसके अलावा मांग कर रहे थे कि संगीत समारोहों पर प्रतिबंध को हटा दें, जिसके सभी समारोहों पर लगभग तीन वर्षों के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। सदस्यों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को हटाया जाये और सभी गिरफ्तार सदस्यों को रिहा किया जाये।