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WHO ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर लगाई अस्थायी रोक, कहा पहले डेटा सेफ्टी की होगी समीक्षा

Nirmal kant
26 May 2020 8:00 AM IST
WHO ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर लगाई अस्थायी रोक, कहा पहले डेटा सेफ्टी की होगी समीक्षा
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधानोम ने कहा है कि एग्जिक्यूटिव ग्रुप ने फिलहाल सॉलिडैरिटी ट्रायल के अंतर्गत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर अस्थायी रोक लगा दी है। पहले डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड सेफ्टी डेटा की समीक्षा करेगा...

जनज्वार। कोरोनावायरस के संक्रमण से निपटने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका समेत कई देश हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को असरदार दवा मानकर चल रहे थे। यह दवा मलेरिया के उपचार में इस्तेमाल की जाती है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिलहाल हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर अस्थायी रोक लगा दी है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत की ओर से इस दवा को दुनिया के 60 तक निर्यात किया गया था।

कुछ दिन पहले ही दुनियाभर के रिसर्च प्रकाशित करने वाली मशहूर पत्रिका द लैंसेट ने कहा था कि क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से फायदा मिलने का कोई सबूत नहीं मिला है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधानोम ने कहा है कि एग्जिक्यूटिव ग्रुप ने फिलहाल सॉलिडैरिटी ट्रायल के अंतर्गत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर अस्थायी रोक लगा दी है। पहले डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड सेफ्टी डेटा की समीक्षा करेगा। ट्रायल के बाकी हिस्से जारी रहेंगे।

सॉलिडैरिटी एक इंटरनैशनल क्लिनिकल ट्रायल है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की पार्टनरशिप के साथ लॉन्च किया गया है। सॉलिडैरिटी ट्रायल में इलाज के चार विकल्पों की तुलना की जाएगा जिससे उनके COVID-19 पर होने वाले असर का आकलन किया जा सके।

रिसर्च प्रकाशित करने वाली पत्रिका द लैंसेट ने दावा किया था कि मर्कोलाइड के बिना या उसके साथ भी क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से कोविड-19 मरीजों की मृत्युदर बढ़ जाती है।

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त्रिका ने कहा कि ताजा रिसर्च करीब 15 हजार कोविड-19 मरीजों पर किया गया है। इससे पहले अमेरिका सरकार के विशेषज्ञों ने भी कहा था कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी कोविड-19 के इलाज में कारगर नहीं है।

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