अब BJP के लिए डिस्को करेंगे मिथुन चक्रवर्ती, ब्रिगेड मैदान के मंच से लहराया पार्टी का झंडा
मिथुन चक्रवर्ती के मंच पर पहुंचने के बाद भीड़ में खासा उत्साह देखा गया, मिथुन ने हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन किया, इस दौरान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष आदि बड़े नेता मंच पर मौजूद रहे....
कोलकाता। आखिरकार मशहूर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती भाजपा में शामिल हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को रैली के लिए कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड मैदान में बने मंच पर भाजपा का झंडा लहराकर वह पार्टी में शामिल हुए।
राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में करीब दो बजे से बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। उनके पहुंचने के डेढ़ घंटे पहले ही मिथुन चक्रवर्ती भाजपा के चुनावी मंच पर पहुंचे। मिथुन चक्रवर्ती के मंच पर पहुंचने के बाद भीड़ में खासा उत्साह देखा गया। मिथुन ने हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन किया। इस दौरान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष आदि बड़े नेता मंच पर मौजूद रहे।
गौरतलब है कि अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को भाजपा में लाने की कोशिशें पिछले डेढ़ महीने में परवान चढ़ीं। बीते 16 फरवरी को मुंबई में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत से मिथन चक्रवर्ती ने भेंट की थी। जिसके बाद उनके भाजपा में जाने की अटकलें लगने लगीं थीं।
अब प्रधानमंत्री मोदी की कोलकाता रैली के मौके पर भाजपा में शामिल होकर उन्होंने सभी अटकलों को विराम दे दिया। माना जा रहा है कि मिथुन की लोकप्रियता से बंगाल में भाजपा को चुनानी लाभ हो सकता है। मिथुन चक्रवर्ती की यह दूसरी राजनीतिक पारी शुरू हुई है, इससे पूर्व वह तृणमूल कांग्रेस के कोटे से अप्रैल 2014 में राज्यसभा पहुंचे थे।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से 90 मिनट तक हुई मुलाकात के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने मीडिया से कहा था कि आप लोग इसको बंगाल चुनावों से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बैठक का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। तब राजनीतिक पार्टी ज्वाइन करने की अटकलों के सवाल पर मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि मैंने हमेशा समाज के गरीब तबके के लिए लड़ाई लड़ी है। जो कोई भी गरीबों के कल्याण के लिए काम करेगा, मैं उसका हमेशा समर्थन करूंगा। लेकिन इसमें कोई राजनीति नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले मिथुन चक्रवर्ती को वामपंथी समझा जाता था। वाम दलों के सरकार के दौरान उन्हें तत्कालीन खेल मंत्री सुभाष चक्रवर्ती का करीबी समझा जाता था। युवावस्था में में मिथुन ने खुद को वामपंथी बताया था। इसी वजह से जब उन्होंने ममता का दामन थामा था तो राज्य के लोगों को आश्चर्य हुआ था। एक बार फिर उन्होंने सभी को अपने कदम से हैरान किया है।
एक और सवाल का जवाब देते हुए मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि मैं अब राजनीति से दूर हूं। मैं एक अभिनेता हूं और ऐसे ही जीना चाहता हूं।