Birbhum Violence : सच और झूठ से पर्दा उठाने के लिए गिरफ्तार आरोपियों का FPA टेस्ट कराएगी CBI

Birbhum Violence : पूछताछ के दौरान आरोपी सच बता रहे हैं या झूठ का पता लगाने के लिए सीबीआई ने फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक टेस्ट कराने का फैसला लिया है।

Update: 2022-04-02 10:46 GMT

CBI Investigation

Birbhum Violence : पश्चिम बंगाल के बीरभूम हत्याकांड में सच की तह तक पहुंचने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो ( CBI ) ने नई तरकीब पर अमल करने का फैसला लिया है। इस रणनीति के तहत सीबीआई बीरभूम हिंसा में गिरफ्तार सभी 9 आरोपियों का फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक टेस्ट ( Forensic Psychological Assessment ) कराएगी। ताकि इस बात का पता चल सके कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने जो जानकारी दी है वो सच है या झूठ। पीटीआई ने सीबीआई के एक अधिकारी के हवाले से यह खबर दी है। 

पश्चिम बंगाल के बीरभूम हत्याकांड ( BirBhum Violence ) में सच की तह तक पहुंचने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो ने नई तरकीब पर अमल करने का फैसला लिया है। इस रणनीति के तहत सीबीआई बीरभूम हिंसा में गिरफ्तार सभी 9 आरोपियों का फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक टेस्ट कराएगी। ताकि इस बात का पता चल सके कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने जो जानकारी दी है वो सच है या झूठ। पीटीआई ने सीबीआई ( CBI ) के एक अधिकारी के हवाले से यह खबर दी है।

पीटीआई की रिपोर्ट के मुता​बिक बीरभूम हिंसा के नौ संदिग्धों से पूछताछ के दौरान फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन( FPA ) का इस्तेमाल किया जाएगा। इसका मकसद पूछताछ के दौरान आरोपी सच कह रहे हैं या झूठ, की तह तक पहुंचना है। फोरेंसिंक मनोवैज्ञानिक टेस्ट दौरान एक मनोवैज्ञानिक आरोपियों की शारीरिक भाषा के साथ-साथ चेहरे के आवभाव को नोट करने के लिए मौजूद रहेगा। एफपीए रिपोर्ट को बतौर सबूत अदालत में पेश किया जाएगा।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सीबीआई द्वारा घटना के बारे अभी तक की पूछताछ में आरोपियों के बयानों से उत्पन्न विसंगतियों की वजह से यह फैसला लिया गया है।

इससे पहले सीबीआई ने नरसंहार में मारे गए आठ लोगों के डीएनए परीक्षण के लिए नमूने भेजने का भी फैसला लिया था। यह फैसला प्रभावित परिवारों द्वारा यह बताने के बाद लिया गया कि वे शवों की पहचान नहीं कर पा रहे हैं। डीएनए परीक्षण से हमें उनकी पहचान करने में मदद मिलेगी।

Birbhum Violence : बता दें कि टीएमसी नेता की हत्या के कुछ घंटे बाद जिले के रामपुरहाट थाना क्षेत्र के बोगतुई गांव में आठ लोगों जिंदा जला दिया गया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 21 मार्च को सीबीआई से इस घटना की जांच करने को कहा था।

Tags:    

Similar News