कौन होगा अध्यक्ष फैसला आज, एनडीए व महागठबंधन ने झोंकी ताकत, AIMIM- बसपा और लोजपा पर सबकी नजर

तीनों विधायकों को अपने पाले में करने के लिए दोनों खेमे जोर लगाए हुए हैं। ऐसे में इनके रुख पर भी सबकी नजरें टिकी हुई हैं...

Update: 2020-11-25 05:46 GMT

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा का नया अध्यक्ष कौन होगा, इसका फैसला आज हो जाएगा। एनडीए के विजय कुमार सिन्हा या महागठबंधन के अवध बिहारी चौधरी में से कौन अध्यक्ष बनता है, यह सदन में आज होनेवाली वोटिंग से तय हो जाएगा, पर दोनों खेमों ने अध्यक्ष के चुनाव को एक तरह से शक्ति परीक्षण का रूप दे दिया है। इस कारण अध्यक्ष का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है।

अध्यक्ष के चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन, दोनों खेमों ने पूरा जोर लगा दिया है। आंकड़े हालांकि एनडीए के पक्ष में हैं, पर महागठबंधन कहीं से भी थोड़ी सी ढील देने के मूड में नहीं दिख रहा। लिहाजा महागठबंधन की ओर से पूरी ताकत झोंक दी गई है।

मंगलवार की रात पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर महागठबंधन के नवनिर्वाचित विधायकों की अहम बैठक हुई। बैठक में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर रणनीति तय की गई। राजद नेता तेजस्वी यादव ने सभी दलों के नवनिर्वाचित विधायकों से अंतरात्मा की आवाज पर अध्यक्ष के लिए मतदान करने की अपील की है। लगभग पूरी रात दोनों खेमों की ओर से रणनीतियां बनती रहीं और एक-दूसरे को मात देने के लिए कील-कांटे दुरुस्त किए जाते रहे।

बात अगर आंकड़ों की करें तो एनडीए का पलड़ा भारी है। एनडीए के पास 125 विधायक हैं, जबकि महागठबंधन के पास 110 विधायक हैं। सबसे अहम असदुद्दीन ओवैसी का रुख माना जा रहा है। उनकी पार्टी एआईएमआईएम के 5 विधायक किस ओर जाते हैं, यह देखना दिलचस्प तो होगा ही, एआईएमआईएम की भविष्य की रणनीति क्या रहने वाली है, एक तरह से इसका भी खुलासा हो जाएगा।

उधर चिराग पासवान की पार्टी लोजपा और मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी के एक-एक विधायक हैं, जबकि एक निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह हैं। इन तीनों विधायकों को अपने पाले में करने के लिए दोनों खेमे जोर लगाए हुए हैं। ऐसे में इनके रुख पर भी सबकी नजरें टिकी हुई हैं।

इन सबके बीच सुशील मोदी ने लालू प्रसाद पर आरोप लगाकर नया सियासी बम फोड़ दिया है। इस आरोप के तार भी कहीं न कहीं अध्यक्ष के इसी चुनाव से जुड़े हुए हैं। चूंकि सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि लालू प्रसाद एनडीए के विधायकों से संपर्क कर उन्हें मंत्री पद का प्रलोभन दे रहे हैं और अपने खेमे में करने की कोशिश कर रहे हैं।

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