झोलाछाप की सलाह पर परिवार के 13 सदस्यों ने पी होम्योपैथी दवा, 8 की मौत, 5 की हालत गंभीर
जनज्वार। कोरोना की भयावहता के बीच अंधविश्वास और झोलाछाप डॉक्टरों का धंधा भी खूब फल—फूल रहा है। जहां गुजरात में कोरोना को जड़ से मिटाने के लिए 500 लोगों द्वारा मंदिर के चक्कर काटने समेत, नींबू का रस नाक में डालने और तमाम अन्य तरह के अंधविश्वास सामने आये हैं, वहीं झोलाछाप डॉक्टरों की उल्टी—सीधी दवाओं से भी कई लोगों का रोग खत्म होने के बजाय बढ़ रहा है।
ऐसी ही एक घटना छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से सामने आयी है। यहां एक झोलाछाप डॉक्टर की सलाह पर पूरे परिवार ने होम्योपैथिक दवा पी थी, जिसे पीकर परिवार के 8 लोगों की मौत हो गई और 5 की हालत बहुत गंभीर बनी हुयी है।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक कोरोना के लक्षण दिखायी देने पर एक परिवार ने किसी झोलाछाप डॉक्टर की सलाह से होम्योपैथिक दवा पी थी, जिसके बाद हालत बिगड़ी और 8 की मौत हो गयी जबकि बाकी बचे 5 सदस्यों की हालत गंभीर बनी हुयी है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है और दूसरे संभावित एंगल से भी जांच कर रही है।
मीडिया में आई जानकारी के मुताबिक यह घटना बिलासपुर के सिरगिट्टी थाना क्षेत्र की है। शुरुआती जानकारी में सामने आया कि यहां कोरमी गांव में परिवार के सभी लोगों ने एल्कोहलयुक्त होम्यैपैथिक दवा पी थी। जांच में सामने आया कि परिवार ने होम्योपैथिक दवा ड्रोसेरा 30 पी थी, जिसे पीने के कुछ देर बाद ही सबकी तबीयत बिगड़ने लगी और एक के बाद एक 8 लोगों की मौत हो गयी।
सिटी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (सीएसपी) निमेष बाराइया ने इस घटना के बारे में मीडिया को बताया कि यह घटना बिलासपुर के सिरगिट्टी थाना क्षेत्र की है। यहां कोरमी गांव में मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को ये मौतें हुई हैं। 9 मृतकों में से 4 की मौत मंगलवार 4 मई की देर रात गांव में हुई, जबकि 5 की मौत बिलासपुर के अस्पताल में हुई।
सीएसपी ने आगे कहा कि पीड़ितों ने मंगलवार 4 मई की रात ड्रोसेरा 30 (Drosera-30) होम्योपैथिक सीरप पानी में मिलाकर पी थी।
वहीं बिलासपुर के एसपी प्रशांत अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि मंगलवार 4 मई की रात जब गांव में चार लोगों की मौत हुई तो लोगों को आशंका हुई कि उनकी मौत कोरोना की वजह से हुई है, इसके बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस को मौतों के बारे में सूचना मिली तो मौके पर पहुंची। वहां पता चला कि और भी लोग बीमार हैं। जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि सीरप का सेवन गांव के अन्य 9 लोगों ने किया है। उन्हें भी तुरंत अस्पताल ले जाया गया। इनमें से अब तक 4 की मौत हो चुकी है।'
पुलिसिया जांच में यह भी सामने आया कि मृतकों में से 4 लोगों का अंतिम संस्कार परिजनों द्वारा रात में ही कर दिया गया था, इसलिए मामला संदेहास्पद लग रहा है। पुलिस के मुताबिक 5 लोगों की हालत गंभीर बनी हुयी है और वे अस्पताल में भर्ती हैं।
इस मामले में बिलासपुर के सीएमओ का कहना है कि होम्योपैथिक दवा पीने से परिवार के 8 लोगों की मौत हुई और 5 अस्पताल में भर्ती हैं। बकौल सीएमओ कोरोना पीड़ित परिवार ने होम्योपैथिक दवा ड्रोसेरा 30 (Drosera 30) पी थी, जिसमें 91 फीसदी एल्कोहल होता है। परिवार को ड्रोसरा 30 दवा देने वाला डॉक्टर फिलहाल फरार है।