Video : धीरेंद्र शास्त्री के बाद तर्कशास्त्री के इस चैलेंज पर उल्टे पांव भागे पंडोखर सरकार

Video : Video : जनज्वार लगातार पाखंड के खुलासे करता रहता है। हमने बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों का खुलासा किया था। जिसके बाद धीरेंद्र शाष्त्री ने कहा कि वे कोई चमत्कार नहीं करते। लोगों ने हमसे डिमांड रखी की पंडोखर वाले बाबा के चमत्कारों की बात करें...

Update: 2022-12-13 03:39 GMT

Video : जनज्वार लगातार पाखंड के खुलासे करता रहता है। हमने बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों का खुलासा किया था, जिसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वे कोई चमत्कार नहीं करते। लोगों ने हमसे डिमांड रखी की पंडोखर वाले बाबा के चमत्कारों की बात करें। उनके बारे में बताएं। आज हम पंडोखर वाले बाबा के विषय में बात करेंगे। पंडोखर बाबा और उनके चमत्कारों को करीब से समझने के लिए हमने मेघराज मित्तर से बात की। वे कई किताबें लिख चुके हैं, चमत्कारों को लेकर। साथ ही उन्होंने समाज में जागरूकता लाने के लिए तमाम खुलासे किये हैं। 

जनज्वार संपादक अजय प्रकाश से बात करते हुए मेघराज मित्तर कहते हैं कि ये लोग कोई चमत्कार नहीं करते..बल्कि चालाकी करते हैं। समाज को जागरूक करने के लिए मेघराज मित्तर ने अब तक 32 किताबें लिखी हैं और उनकी संस्था दावा करती है कि कोई व्यक्ति अगर चमत्कार करता है तो हमसे 1 करोड़ रूपये का इनाम ले जाए। बस हमें चमत्कार करके दिखाना होगा।  

मेघराज मित्तर कहते हैं कि हम कागज पर कुछ लिखेंगे और जो चमत्कार करने का दावा करता है, उसे बस कागज में जो लिखा है वह पढ़कर बताना होगा। मेघराज कहते हैं साल 1984 से हमने 10 हजार रूपये का चैलेंज देना शुरू किया था। इसके बाद इनाम की राशी 1 लाख, 5 लाख और अब 1 करोड़ रूपये की राशि का इनाम कर दिया है। जो बाहर के देशों की संस्थाएं हैं वो मिलियन के हिसाब से इनाम की राशि देते हैं। लेकिन अब तक हमें संसार में कोई भी चमत्कार करने वाला नहीं मिला है। 

मेघराज मित्तर के अनुसार एक बार पंडोखर वाले बाबा के दो चेले हमारे पास आए थे। उन्होंने चमत्कार करने का दावा किया था। फरवरी 2021 की बात है। उन्होंने एक लाख रूपये का बॉंन्ड भरकर हमें दिया। लेकिन वो फिर से हमारे पास नहीं आए। उनका एक लाख रूपया आज भी हमारे पास नहीं आए। 30 अप्रैल 2021 को यह तय हुआ था कि बरनाला में आकर हमें टेस्ट देना था। 15 मार्च को तर्कशास्त्री ने दोनों शिष्यों को फोन किया तो उधर से जवाब आया कि हम नहीं आ रहे। मेरा पापा मान नहीं रहा है। उन्होंने हमसे कहा कि हमारे यहां आ जाओ। लेकिन हमने बरनाला में कुर्सी इत्यादि मंगवाकर लोगों को आमंत्रित भी कर लिया था। उनका आना तय था लेकिन वे उल्टे पांव हो गये। 

हमारी उनसे चैलेंज स्वीकार करने के लिए लिखापढ़ी हो चुकी थी। अधिकारी, पत्रकारों और कुछ बुद्धजीवियों को आमंत्रित कर लिया गया था। लेकिन उनकी हिम्मत नहीं हुई हमारा चैलेंज एक्सेप्ट करने की। हम आज भी उनसे संपर्क करते हैं, कहते हैं कि वे आ जाएं कम से कम अपना एक लाख रूपया ही वापस ले जाएं। तर्कशास्त्री ने हवा में उड़ने वाले व्यक्ति और बिना हाथ लगाए पगड़ी खोल देने वाले व्यक्ति का भी रहस्य खोला। कैसे? जानने के लिए देखें यह लिंक Janjwar Media

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