अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव ने योग-प्राणायाम से कोरोना को हराने का किया दावा, आप ऐसे दावों पर बिल्कुल न करें भरोसा
अगर ऑक्सीजन लेवल गिर रहा है तो योग-प्राणायाम के भरोसे बिल्कुल न रहें तुरन्त ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की व्यवस्था करें। योग- प्राणायाम के भरोसे रहना जानलेवा साबित हो सकता है।
जनज्वार। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका ने दावा किया है कि उन्होंने बिना किसी दवा, इंजेक्शन और जांच के ही कोविड-19 को मात दे दी है। अपने इस अनुभव को उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने साझा भी किया है। कुलदीप रांका ने बताया है कि कुंजल व जल नेती क्रिया के द्वारा ही वे पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गये। इन दोनों क्रियाओं के साथ ही उन्होंने प्राणायाम भी किया।
कुंजल क्रिया में सुबह भूखे पेट गुनगुने पानी में नींबू और नमक डालकर 6-7 गिलास पिया जाता है फिर उल्टी करके बाहर निकाल दिया जाता है। इससे शरीर का कफ़ बाहर आ जाता है और नाक के छिद्र खुल जाते हैं। जलनेती क्रिया में नाक के एक छिद्र से पानी को ग्रहण कर दूसरे छिद्र से बाहर निकालते हैं।
इस सम्बंध में हमने वैज्ञानिक गौहर रज़ा की राय ली। उन्होंने बताया कि ऐसे बहुत से मामले हैं जिनमें लोग योग-प्राणायाम व दवाई का इस्तेमाल किये बिना भी ठीक हो रहे हैं। यह कोई नई बात नही है। लेकिन इस तरह का प्रचार घातक साबित हो सकता है। जिन लोगों की स्थति गंभीर है और लक्षण दिख रहे हैं वे इस तरह की बातों पर बिल्कुल विश्वास न करें। समय पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयां लें। अगर ऑक्सीजन लेवल गिर रहा है तो योग-प्राणायाम के भरोसे बिल्कुल न रहें तुरन्त ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की व्यवस्था करें। योग- प्राणायाम के भरोसे रहना जानलेवा साबित हो सकता है।
बहुत सारे हिन्दी अखबार और डिजिटल मीडिया पोर्टल कह रहे है कि योग-प्राणायाम से कोरोना बीमारी को ठीक किया जा सकता है। इस तरह के दावों में कोई भी सत्यता नहीं है। ये दावे जनता को सिर्फ गुमराह कर रहे हैं। गंभीर स्थति वाले मरीज इस तरह की अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान न दें। डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही अपना इलाज करें।