Bihar News : पागल कुत्ते के काटने पर करवाया था झाड़-फूंक, दो महीने बाद भौंकने और काटने लगा युवक

Bihar News : बिहार के पूर्णिया जिले में 2 महीने पहले एक युवक को कुत्ते ने काट लिया था, युवक ने इस घटना को नजरअंदाज कर इलाज नहीं करवाया था और उसके परिवार वालों ने उसका झाड़-फूंक कराया था...

Update: 2022-06-09 13:37 GMT

Bihar News : पागल कुत्ते के काटने पर करवाया था झाड़-फूंक, दो महीने बाद भौंकने और काटने लगा युवक

Bihar News : बिहार के पूर्णिया जिले में 2 महीने पहले एक युवक को कुत्ते ने काट लिया था। युवक ने इस घटना को नजरअंदाज कर इलाज नहीं करवाया था और उसके परिवार वालों ने उसका झाड़-फूंक कराया था। अब असर ऐसा हुआ कि युवक अब पागल कुत्ते की तरह न केवल भौंकने लगा है बल्कि लोगों को काटने की कोशिश करने लगा है। परिजन उसके दोनों हाथ और पैर में गमछा बांधकर उसे जीएमसीएच ले आए हैं। जहां अस्पताल के चिकित्सक ने उसकी जांच के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया है। बता दें कि यह मामला जिले के रुपौली का है।

कुत्ते के काटने के बाद किया गया था झाड़-फूंक

पीड़ित युवक बिहार के पूर्णिया जिले के रुपौली गांव का निवासी है। युवक उमेश राम का पुत्र पंकज राम है। कुत्ते की तरह उसे भौंकने और काटते देख अस्पताल में लोगों की भीड़ लग गई। रोगी युवक के चाचा गोप्लेश्वर राम ने बताया कि 2 महीने पहले उसके भतीजे को कुत्ते ने काट लिया था। इसके बाद उसका झाड़-फूंक कराया गया था।

हवा और पानी से डरने लगा युवक

बीते मंगलवार को अचानक पीड़ित युवक के शरीर में खिंचाव होने लगा और वह हवा बहने और पानी से डरने लगा। इसके बाद पागल कुत्ते की तरह जोर जोर से भौंकने लगा और लोगों को काटने की कोशिश भी करने लगा। ऐसे स्थिती में उसे अस्पताल लाया गया। जहां इंजेक्शन देकर पटना जाने को कहा गया। उन्होंने बताया कि 10 महीने पहले ही उनके भतीजे की शादी हुई है।

समय से वैक्सीन ना मिलने पर स्थिति बनी गंभीर

डॉक्टर ए अहद का कहना है कि कुत्ते के काटने के बाद युवक को समय पर वैक्सीन नहीं दी गई थी। उसकी हालत गंभीर बन गई है। युवक की ऐसी प्रवृत्ति को हाइड्रोफोबिया कहते हैं। जिसका इलाज संभव नहीं है। कुत्ते के काटने के 10 दिन बाद या फिर 10 साल बाद भी असर होने पर ऐसी स्थिति बन जाती है।

कुत्ते के काटने पर वैक्सीन की सभी डोज लेना जरूरी

आवारा कुत्ते के काटने पर कम से कम 10 दिन तब उसे बांधकर ऑब्जर्वेशन में रखा जाता है। अगर कुत्ते की मौत हो जाती है तो निश्चित रूप से वैक्सीन की पूरी डोज ले लेनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा कुत्ता जो जंगल में रहकर सड़ा गला मांस खाता है, वह इनफेक्टेड हो जाता है। ऐसे कुत्ते के काट लेने पर इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। इसके बचाव में समय पर वैक्सीन लेना चाहिए। यही बचाव है।

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