Chhattisgarh News : सर्पदंश के बाद झाड़-फूंक के चक्कर में लगे रहते हैं लोग, हर साल यहां होती हैं 50 से ज्यादा मौतें
Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में अंधविश्वास और आस्था का वास्ता कोई नई बात नहीं है, यहां झाड़फूंक करने वाले बाबा आसानी से मिल जाते है, लोग सर्पदंश के बाद अस्पताल न जाकर सीधे झाड़फूंक के चक्कर में लग जाते है, इसी कारण यहां हर साल करीब 50 से ज्यादा मौते सर्पदशं से होती है...
Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) में अंधविश्वास के कारण हो रही मौतों की संख्या में इजाफा होता ही जा रहा है। बता दें कि छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में अंधविश्वास और आस्था का वास्ता कोई नई बात नहीं है, यहां झाड़फूंक करने वाले बाबा आसानी से मिल जाते है। बात दें कि यहां लोग सर्पदंश के बाद अस्पताल न जाकर सीधे झाड़फूंक के चक्कर में लग जाते है, इसी कारण यहां हर साल करीब 50 से ज्यादा मौते सर्पदशं से होती है। (Every year 50 people die of snakebite in Surajpur) प्रशासन के ग्रामिणों में जागरुकता के लिए पहल करने के दावे बस दफ्तरों तक ही सीमित नजर आते है।
सर्पदंश के कारण मौतों की संख्या में इजाफा
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के सूरजपुर में एक ओर सर्पदंश से होने वाले मौतों के आंकड़े हर साल बढ़ते ((Every year 50 people die of snakebite in Surajpur)) जा रहे है तो वहीं दूसरी ओर केवल अपने नाम कि पहचान के लिए झाड़फूंक बाबा ग्रामिणों की जान के साथ खेल रहे है। 'नवभारत टाइम्स' में छपी एक खबर के अनुसार स्थानीय लोगों का मानना है कि अस्पताल दूर होने और अव्यवस्थित होने के कारण ही इन बाबाओं की दुकान चल रही है। यदि आकड़ों की बात करें तो पिछले 3 सालों में जिले में 150 से ज्यादा लोगों ने सर्पदंश की वजह से अपनी जान गवा चुके हैं, बावजूद इसके जिले में एक भी स्नेक रेस्क्यू टीम नहीं है।
बढ़ते मौत के आकड़ों का कारण है लोगों का अंधविश्वास
मीडिया के द्वारा लगातार सवाल खड़े किए जाने के बाद अब जिले के डीएफओ स्नेक रेस्क्यू टीम बनाने की बात कर रहे हैं। वहीं इस मामले में जिले के चिकित्सा अधिकारी का दावा है कि उन्होंने सर्पदंश से निपटने के लिए सभी छोटे बड़े अस्पतालों में एंटी स्नेक वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता करा दी गई है। साथ ही वे लगातार सर्पदंश से बढ़ते मौत के आंकड़ों की वजह ग्रामीणों के अंधविश्वास को मानते हैं।