दलित परिवार को मिली सरकारी जमीन पर दबंगों ने कब्जे के लिए डायन बताने की रची साजिश

दलित परिवार की बुजुर्ग महिला पर डायन होने का आरोप लगाया जा रहा है। लोग परिवार पर थूकते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है कि वे लोग गांव छोड़ कर चले जाएं और परिवार को मिली सरकारी जमीन व उसके द्वारा खरीदी गई जमीन पर कब्जा कर लिया जाए...

Update: 2020-09-28 03:10 GMT

डायन ठहराकर महिलाओं के उत्पीड़न की घटनायें हमारे समाज में हो चुकी हैं आम (प्रतीकात्मक फोटो)

जनज्वार। झारखंड के गुमला जिले के कामडारा प्रखंड में एक परिवार को लोग डायन का आरोप लगा कर प्रताड़ित कर रहे हैं। कामडारा प्रखंड क्षेत्र के टंगराटोली गांव निवासी 70 वर्षीय बिरझु राम व उनके पूरे परिवार को डायन का आरोप लगा कर गांव से बाहर किए जाने की कोशिश की जा रही है। ऐसा उनकी जमीन पर कब्जे के लिए किया जा रहा है। बिरझु राम की पत्नी पर डायन होने का आरोप लगाया जा रहा है। बिजझु राम दलित वर्ग से आते हैं।

बिरझु राम शादी-विवाह, पूजा-पाठ में परंपरागत वाद्य बजाते हैं। इसके अलावा वे मछली मार कर भी परिवार का भरण पोषण करते हैं। पर, इन दिनों वे ग्रामीणों की प्रताड़ना से परेशान हैं और कानूनी मदद मांगी है। गांव के लोग उनके परिवार पर डायन कह कर थूकते हैं।

भूमिहीन परिवार होने के कारण सरकारी योजना के तहत 1986 में उन्हें जिला प्रशासन ने बंदोबस्ती कर तीन डिसमिल जमीन दी थी। पर, उस जमीन पर चट्टान होने के कारण 1987 में फिर प्रखंड प्रशासन द्वारा उन्हें दूसरी जमीन आवंटित की गई, जिस पर वे घर बनाकर अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। उक्त तीन डिसमिल जमीन पर उन्हें खपरैल घर बनाया।

फिर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले लाभ से उन्होंने वर्ष 2019 में मकान के आधे भाग की ढलाई करायी। उनके द्वारा ऐसा किए जाने के बाद उनके घर के सामने निकास द्वार पर परती खाली जमीन का सीमांकन एक महिला के नाम कर दिया गया। इसके साथ ही उनके द्वारा खरीदी गयी पांच डिसमिल जमीन की घेराबंदी को कुछ लोगों ने हटा दिया।

ऐसे में उनके परिवार को जमीन से बेदखल करने के लिए डायन-बिसाही का साजिश रचा गया है। उनकी पत्नी पर डायन का आरोप लगाकर लोग उन्हें उनकी जमीन व घर से बेदखल करना चाहते हैं। उन्हें गांव से बाहर करने के लिए उनके शरीर पर थूका जाता है। उनका 40 वर्षीय पुत्र सुखचंद्र राम ढाई साल से लापता है। कामडारा के सीओ संतोष बैठा ने कहा है मामला संज्ञान में आया है और इसकी जांच करायी जाएगी।

बुजुर्ग बिरझु राम ने गुमला के डीसी और कामडारा थाना को आवेदन दिया है और कार्रवाई की मांग की है। कार्रवाई नहीं होने पर वे वकील के माध्यम से कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

झारखंड का गुमला जिला डायन कुप्रथा से सर्वाधिक पीड़ित जिला है। यहां अक्सर इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। प्रशासन, एनजीओ व सरकार द्वारा जागरूकता के लिए तमाम प्रयास किए जाने के बावजूद डायन बिसाही के नाम पर महिला प परिवारों का उत्पीड़न कम नहीं हो रहा है।

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