हिस्ट्रीशीटर से संन्यासी बने गोल्डन ​बाबा का लंबी बीमारी के बाद निधन, शामिल रहे थे दर्जनों अपराधों में

गाजियाबाद मूल के गोल्डन बाबा संन्यासी बनने से पहले दिल्ली में गारमेंट्स का कारोबार करते थे। कहा जाता है कि अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए सुधीर कुमार मक्कड़ गोल्डन बाबा बन गए। गांधी नगर के अशोक गली में गोल्डन बाबा का आश्रम है...

Update: 2020-07-01 05:57 GMT

जनज्वार। कई अखाड़ों से जुड़े गोल्डन बाबा उर्फ सुधीर कुमार मक्कड़ का कल 30 जून की देर रात निधन हो गया है। वे पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

पूर्वी दिल्ली स्थित गांधी नगर के रहने वाले सुधीर कुमार मक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा हरिद्वार के कई अखाड़ों से जुड़े रहे हैं। शरीर में किलो के हिसाब से सोना धारण करने के कारण उनका नाम गोल्डन बाबा पड़ा था। संत-महात्मा की बिरादरी में शामिल गोल्डन बाबा के नाम कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। कहा जाता है कि गोल्डन अपने शरीर पर हमेशा 20 किलो सोना धारण किये रहते थे। 

गोल्डन बाबा का असली नाम सुधीर कुमार मक्कड़ था। गाजियाबाद मूल के गोल्डन बाबा संन्यासी बनने से पहले दिल्ली में गारमेंट्स का कारोबार करते थे। कहा जाता है कि अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए सुधीर कुमार मक्कड़ गोल्डन बाबा बन गए। गांधी नगर के अशोक गली में गोल्डन बाबा का आश्रम है।

सुधीर कुमार मक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा को 1972 से ही सोना पहनना पसंद था। उनके बारे में बताया जाता है कि वह सोने को अपना ईष्ट देवता और आदर्श मानते थे। बाबा हमेशा कई किलो सोना पहने रहते थे। बाबा की दसों उंगलियों में सोने की अंगूठी, बाजूबंद, सोना का लॉकेट हमेशा रहता था। वह हमेशा 25-30 गार्डों की सुरक्षा चक्र से घिरे रहते थे।

पूर्वी दिल्ली के पुराने हिस्ट्रीशीटर गोल्डन बाबा के नाम अपहरण, फिरौती, जबरन वसूली, मारपीट, जान से मारने की धमकी जैसे तमाम छोटे-बड़े गुनाह शामिल हैं।

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