'दैवीय शक्ति बेटी को पसंद करती है, उसे दे देंगे बेटी तो बरसेगी कृपा', इस अंधविश्वास में मां बनी हत्यारन

महिला ने 15 दिन पहले पानी में डूबो कर बेटी को मारने की कोशिश की थी, लेकिन विफल रही थी। सीसीटीवी फुटेज से वह पकड़ में आयी...

Update: 2020-09-13 17:52 GMT

हत्यारन मां रानी (असली तसवीर) व बच्ची का प्रतीकात्मक फोटो।

जनज्वार। फरीदाबाद में अंधविश्वास का एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। एक महिला ने अपनी आठ वर्षीया मासूम बेटी की गर्दन दबा कर सिर्फ इसलिए हत्या कर दी कि उसे यह अंधविश्वास था कि दैवीय शक्ति उसकी बेटी को पसंद करती है और उसे अगर अपनी बेटी की बलि दे देगी तो उस पर व दैवीय शक्ति की कृपा बरस पड़ेगी।

उस महिला ने दैवीय शक्ति को अपनी बेटी की बलि चढाने के लिए तरह-तरह के उपक्रम किए। 15 दिन पहले उसे पानी के हौद में डूबाकर मारने की कोशिश की। लेकिन, तभी दूसरे बच्चे आ गए जिससे उसकी यह कोशिश फेल हो गई। इसके बाद फरीदाबाद के सेक्टर 23 की संजय काॅलोनी की रहने वाली महिला रानी ने अपनी आठ वर्षीया खुशी की हत्या गुरुवार को उस वक्त कर दी जब उसका पति ड्यूटी पर चला गया।

पति के ड्यूटी पर जाने के बाद महिला अपनी आठ साल की बेटी खुशी को लेकर घर से दिन के 12 बजे निकली और उसे लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर गांव बघौला के पास आटो से उतरी। इसके बाद उसे लेकर पैदल खेतों में गई जहां एक झाड़ी में छिप कर उसने उसकी गला दबा दी जिससे मासूम खुशी की मौत हो गई। इसके बाद वह शव को वहीं छोड़ कर शाम चार बजे घर लौट आई। उस महिला का पति राजेश सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी करता है।

पति राजेश जब गुरुवार शाम घर लौटा तो बेटी के बारे में पूछने पर उसे कोई संतुष्टिजनक जवाब नहीं मिला तो उसे ढूंढना शुरू किया। इसके बाद राजेश ने संजय कॉलोनी चौकी में मामला दर्ज कराया और पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। इसके बाद अगली सुबह खुशी का शव बघौला गांव में झाड़ियों में पड़ा मिला। जांच के क्रम में क्राइम ब्रांच डीएलएफ को रानी पर संदेह हो गया था।

इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच डीएलएफ प्रभारी संदीप कुमार के नेतृत्व में की जा रही थी। वह घर से थोड़ी दूर लगे सीसीटीवी में हाथ पकड़ कर बेटी को ले जाते हुए दिखी थी। पुलिस ने मामले में सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया।

इस मामले में एसीपी आदर्शदीप सिंह ने कहा कि रानी को झाड़-फूंक का अंधविश्वास था। वह 2001 से ही गहरे अंधविश्वास में जी रही थी। उसे यह लगता था कि दैवीय शक्ति को बेटी की बलि देकर खुश करने से उसके परिवार की तकलीफें खत्म हो जाएंगी। इस महिला का 13 व 10 साल को दो बेटा भी है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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