उत्तराखंड के चंपावत के स्कूल में बदहवास होकर चिल्लाने लगीं छात्राएं, दो दिन से हो रही घटनाओं से शिक्षा विभाग में हड़कंप

Champawat news : मनोचिकित्सकों की राय में मास हिस्टीरिया आमतौर पर मनोविकार या मनोवैज्ञानिक समस्या है, इसमें कई बार किसी असामान्य हरकत की साथ दूसरे की नकल करते हैं, इसमें व्यक्ति भीतर ही भीतर घुट रहा होता है और अपना दर्द किसी को बता नहीं पाता...

Update: 2022-12-29 07:05 GMT

उत्तराखंड के चंपावत के स्कूल में बदहवास होकर चिल्लाने लगीं छात्राएं, दो दिन से हो रही घटनाओं से शिक्षा विभाग में हड़कंप

Champawat Reetha Sahib GIC student mass hysteria : उत्तराखंड के स्कूलों में टीनएजर छात्राओं का अचानक बदहवास होकर चिल्लाते हुए बेहोश हो जाने का सिलसिला थम नहीं रहा। अब राज्य के चम्पावत जिले के दूरस्थ रीठा साहिब के राजकीय इंटर कॉलेज में इस प्रकार की घटना सामने आई है जहां पिछले दो दिनों से छात्र व छात्राएं सामूहिक रूप से बदहवासी की हालत में पहुंचकर चिल्लाते हुए बेहोश हो जा रहीं हैं।

शिक्षा विभाग का कहना है कि मास हिस्टीरिया से बच्चों में इस प्रकार की प्रवृत्ति आ रही है। इस मामले में शिक्षा विभाग ने स्वास्थ्य विभाग से स्कूल में जाकर छात्रों की काउंसिलिंग की मांग की है। अभिभावकों का कहना है कि दैवीय प्रकोप के कारण उनकी बच्चियां झूम रही हैं और इसके लिए पूजा पाठ कराना होगा।

जानकारी के मुताबिक इस विद्यालय में पहले मंगलवार 27 दिसंबर को तीन छात्रों समेत 24 छात्राओं के बेहोश होने का मामला सामने आया। इसके बाद बुधवार 28 दिसंबर को भी पांच छात्राएं इसी प्रकार से चीखने-चिल्लाने के बाद अजीब सा व्यवहार करने लगीं। इन दो दिनों में स्कूल में अलग-अलग कक्षाओं की 26 छात्राएं और तीन छात्र अचेत हुए हैं।

पूर्व बीडीसी सदस्य कुंदन सिंह बोहरा ने बताया कि मंगलवार 27 दिसंबर को इंटरवल के बाद नौंवी से इंटर तक की 24 छात्राएं चिल्लाने और रोने लगीं। स्कूल के स्टाफ ने अचेत हुईं छात्राओं को जब पानी पिलाया, तब जाकर वह होश में आईं। लेकिन इसके बाद बुधवार 28 दिसंबर को पांच छात्राएं फिर बेहाशी की हालत में चली गई। छात्राओं के इस प्रकार से बेहोश होने की घटना से स्कूल का स्टॉफ भी घबरा गया।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मास हिस्टीरिया के लक्षणों से इस प्रकार की बेहोशी आ जाती है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से स्कूल में जाकर सभी बच्चों की गंभीरता से काउंसिलिंग करने का अनुरोध किया है। बता दे कि इससे पूर्व जीआईसी रमक और पाटी के स्कूल में ऐसे ही मामले सामने आ चुके हैं।

सीईओ जितेंद्र सक्सेना ने घटना की बाबत जानकारी देते हुए कहा है कि रीठा साहिब जीआईसी में दो दिन में 29 छात्राओं और तीन छात्रों को दौरे पड़े हैं। ये दौरे हिस्टीरिया जैसे हैं। छात्र-छात्राओं को समझाने के अलावा काउंसलिंग और इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया गया है। वहीं सीएमओ डॉ. केके अग्रवाल ने कहा है कि रीठा साहिब के जीआईसी में छात्राओं के अलावा कुछ छात्रों में हिस्टीरिया की शिकायत मिली है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को स्कूल में काउंसलिंग के लिए भेजा जाएगा।

मनोचिकित्सकों की राय में मास हिस्टीरिया आमतौर पर मनोविकार या मनोवैज्ञानिक समस्या है। इसमें कई बार किसी असामान्य हरकत की साथ दूसरे की नकल करते हैं। इसमें व्यक्ति भीतर ही भीतर घुट रहा होता है और अपना दर्द किसी को बता नहीं पाता।

पहाड़ में ऐसे मामलों में ज्यादातर देव डांगर और झाड़फूंक का सहारा लिया जाता है। ऐसे मरीज दूसरे को झूमते देखते हैं, तो कई बार वे भी उसकी नकल करने लगते हैं। इसे ही मास हिस्टीरिया कहते हैं। यह समस्या ज्यादातर अपने मन में दबी बात को न कह पाने के कारण पैदा हुई कुंठा की वजह से सामने आती है।

Tags:    

Similar News