Blind faith अंधविश्वास : झारखंड में डायन बताकर बुजुर्ग दंपती से रिश्तेदारों ने की मारपीट, घर से भागकर बचाई जान

पीड़ित पति-पत्नी ने बताया कि दो महीने पूर्व भी डायन-बिसाही का आरोप लगाकर इसी तरह तीनों लोगों ने मारपीट की थी...

Update: 2021-10-09 05:50 GMT

Jharkhand News (जनज्वार): झारखंड के कई राज्यों में लोग अभी भी डायन-बिसाही जैसी अंधविश्वास में यकीन करते हैं। ताजा मामला राज्य के गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र से है। यहां डायन-बिसाही के आरोप में रिश्तेदारों द्वारा एक बुजुर्ग दंपत्ती से मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। पीड़ित बुजुर्ग दंपत्ती ने घाघरा थाने में इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

डायन बिसाही के आरोप में दंपत्ती से मारपीट

घटना के बारे में बताया जा रहा है कि गुमला जिले के घाघरा थाना अंतर्गत खपिया गांव में कुछ महीनों के भीतर अलग अलग कारणों से तीन लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद से वृद्ध एतवा लोहरा (70 वर्ष) और उनकी पत्नी बलमइत देवी (65 वर्ष) पर लगातार डायन होने का आरोप लग रहा था। गुरूवार,7 अक्टूबर की शाम को इसी आरोप में बुजुर्ग दंपत्ती के छोटे भाई चरवा लोहरा, भतीजा चरकू लोहरा और गांव के खुदी लोहरा उनके घर आये और डायन बिसाही का आरोप लगाकर लाठी-डंडे से मारपीट करने लगे। जिससे पति-पत्नी घायल हो गये।

घर से भागकर बुजुर्ग दंपत्ती ने बचाई जान

मारपीट के बाद वृद्ध दंपत्ती किसी तरह जान बचाकर घर से भाग निकले। जान से मारे जाने के डर से रात में जिप सदस्य तिम्बू उंराव के घर पर छिपे रहे। 8 अक्टूबर, शुक्रवार की सुबह तिम्बू उरांव ने बुजुर्ग दंपत्ती को घाघरा थाना पहुंचाया जहां रिश्तेदारों के खिलाफ मारपीट और जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दर्ज की गई।

पीड़ित एतवा ने मामले के बारे में बताया कि दो वर्ष पहले छोटा भाई पांडे लोहरा की वज्रपात से मौत हो गयी थी। उसके बाद एक अन्य छोटे भाई चरवा की पत्नी सुभाष देवी की बिमारी के कारण मौत हुई थी। वहीं, पत्नी लोहरा की मां तोन्दो देवी का भी एक साल पहले बिमारी के कारण निधन हो गया। पीड़ित दंपत्ती का कहना है कि रिश्तेदार इन तीनों के मौत का कारण हमें समझते हैं और तीनों की मौत की वजह से डायन-बिसाही करने का आरोप लगाने लगे।

पूर्व में भी हुई है दंपत्ती से मारपीट

पीड़ित पति-पत्नी ने बताया कि दो महीने पूर्व भी डायन-बिसाही का आरोप लगाकर इसी तरह तीनों लोगों ने मारपीट की थी। उस वक्त भी छोटे भाई चरवा लोहरा, भतीजा चरकू लोहरा और गांव के खुदी लोहरा नाम के व्यक्तियों द्वारा ही मारपीट कर घायल कर दिया था। दंपत्ती का आरोप है कि उनपर चाकू से जानलेवा हमला भी किया गया था। उस समय ग्रामीणों की बैठक के बाद मामले को शांत करा लिया गया था।

बुजुर्ग दंपत्ती की मदद करने वाले तिम्बू उरांव का कहना है कि अभी भी पढ़े-लिखे लोग गांव में किसी के मौत को अंधविश्वास और डायन बिसाही से जोड़ देते है। वहीं, घाघरा थानेदार आकाश कुमार पांडे ने कहा कि पीड़ित दंपत्ती द्वारा आवेदन प्राप्त हो गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है और मारपीट करने वालों पर कार्रवाई होगी।


Tags:    

Similar News