Karauli Baba Big expose : किसान की जमीन कब्जाने के लिए करौली सरकार ने चला अंधविश्वास का दांव, गांव को ही बता दिया शापित
Karauli Baba Big expose : करौली सरकार के लगातार खुलासों के बाद कानपुर के लवकुश आश्रम के अंदर की सूचनाएं लीक होने के डर से एंट्री से पहले कर्मचारियों के मोबाइल जमा कराये जा रहे हैं। कैश काउंटरों पर लगने वाली स्थानीय कर्मचारियों की ड्यूटी भी हटा दी गयी है, अब करौली सरकार के आश्रम में नए युवकों को सख्त आदेशों के बाद ड्यूटी पर तैनात किया गया...
एक्सपोज किये जाने पर अपने दरबार में नोएडा के डॉक्टर की बुरी तरह पिटाई करने वाले कानपुर के संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली सरकार पर एक नया खुलासा हुआ है। मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक करौली गांव पर कब्जा जमाने के लिए इस बाबा ने अंधविश्वास का सहारा लिया। करौली सरकार बाबा बाबा ने ग्रामीणों को डराया कि करौली गांव शापित है, और इसे श्राप से बाहर निकालने के लिए हवन अनुष्ठान करना पड़ेगा।
करौली सरकार के अंधविश्वास में डूबे ग्रामीण श्राप के नाम पर डरे हुए हैं। जानकारी सामने आ रही है कि इस वक्त लवकुश आश्रम में 5 अप्रैस से तीन दिवसीय विशाल हवन का आयोजन गांव का श्राप मिटाने के नाम पर किया जायेगा। वहीं दूसरी तरफ जो सच सामने आ रहा है उसके मुताबिक करौली सरकार के आश्रम से सटी करीब डेढ़ बीघे जमीन को हड़पने के लिए गांव के शापित होने का अंधविश्वास फैलाया गया है। करौली बाबा जमीन खरीदना चाहते थे, मगर किसान ने जमीन बेचने से साफ इंकार कर दिया था। मीडिया में आयी जानकारी के मुताबिक करौली सरकार किसान पर लगातार जमीन बेचने का दबाव बना रहे थे, जिसके बाद लगभग 3 महीने पहले किसान ने आश्रम के बाहर हंगामा भी किया था।
कहा जा रहा है कि किसान द्वारा हंगामा किये जाने के बाद गुस्साये करौली सरकार ने पूरे करौली गांव को ही श्रापित करार दे दिया। इतना ही नहीं आश्रम में आने वाले भक्तों को करौली बाबा ने गांव में किराये पर मिलने वाले कमरों में रुकने से यह कहते हुए मना कर दिया कि यह गांव श्रापित है, अगर यहां रुकोगे तो श्राप का असर तुम पर भी आ जायेगा। बाबा के फैलाये इस अंधविश्वास के बाद करौली गांव में किराये का धंधा करने वाले ग्रामीणों का धंधा चौपट हो गया।
गौरतलब है कि जनज्वार से हुई खास बातचीत में बाबा द्वारा दरबार में बुरी तरह पीटे गये डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी और उनके पिता डॉक्टर वीरेंद्र चौधरीह ने भी खुलासा किया था कि यहां उसके दरबार में जाने वाले भक्तों को वह अपने ही होटलों में ठहराता है और इसके लिए मोटी रकम वसूली जाती है। जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक आश्रम से सटी एक किसान की डेढ़ बीघा जमीन पर कब्जे के लिए बाबा न सिर्फ अंधविश्वास का सहारा ले रहा है, बल्कि ग्रामीणों पर दबाव भी बना रहा है, ताकि अपना धंधा चौपट होने के डर से ग्रामीण किसान को अपनी डेढ़ बीघा जमीन बाबा को सुपुर्द करने के लिए मजबूर करें।
वहीं दूसरी तरफ करौली बाबा का दावा है कि गांव का श्राप मिटाने के लिए अब वह ग्रामीणों की मदद से तीन दिवसीय हवन अनुष्ठान आयोजित कर रहे हैं। यह विशाल हवन 5 अप्रैल से शुरु होगा, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण भी सहयोग कर रहे हैं।
पाठकों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि करौली सरकार का उदय सिर्फ 3 साल पहले हुआ है। संतोष सिंह भदौरिया तीन साल पहले आम आदमी से करौली सरकार बन गए थे और इतने कम समय में आडंबर का दरबार लगाकर इतनी संपत्ति का मालिक बन गया जिसका अभी तक अंदाजा भी नहीं लगाया गया है।। लवकुश आश्रम में करौली बाबा की सरकार चलती है। करौली शंकर महादेव दरबार का साम्राज्य तकरीबन 14 एकड़ में फैला हुआ है। अचानक चर्चा में आया यह बाबा भक्तों से चमत्कार के नाम पर ठगी और शिव बैलेंस से झाड़फूंक-तंत्रमंत्र और हवन कर ऐश की जिंदगी जी रहा है।
करौली सरकार के लगातार खुलासों के बाद कानपुर के लवकुश आश्रम के अंदर की सूचनाएं लीक होने के डर से एंट्री से पहले कर्मचारियों के मोबाइल जमा कराये जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि कैश काउंटरों पर लगने वाली स्थानीय कर्मचारियों की ड्यूटी भी हटा दी गयी है। अब करौली सरकार के आश्रम में नए युवकों को सख्त आदेशों के बाद ड्यूटी पर तैनात किया गया है।
बाबा ने कमा ली है अकूत संपत्ति, लगाता है प्रॉपर्टी में पैसा
आश्रम से होने वाली अंधाधुंध कमाई को करौली सरकार द्वारा प्लाटिंग और प्रॉपर्टी के के कारोबार में लगाने की जानकारी है। कानपुर शहर समेत आसपास के जिलों में भी करौली बाबा ने कई बीघा जमीन खरीदी हुई है। आश्रम सूत्रों का कहना है कि संतोष भदौरिया उर्फ करौली सरकार ने लवकुश आश्रम से होने वाली अकूत कमाई को बिधनू पिपरगवां, सनिगवां, महाराजपुर, पाली के साथ ही उन्नाव, नोएडा और फतेहपुर में भी कई बीघे जमीन खरीदकर निवेश किया है। सूचना यह भी है कि जमीन की इस खरीदा फरोख्त का काम करौली बाबा के स्थानीय और आसपास इलाकों में रहने वाले लोग देखते हैं।
जानकारी यह भी सामने आ रही है कि करौली बाबा ने कोई भी प्रॉपर्टी अपने नाम पर नहीं ली हुई है, मगर इससे होने वाली इनकम का अधिकांश हिस्सा उस तक पहुंच जाता है। बाबा के करीबियों का कहना है कि करौली सरकार का प्रॉपर्टी का काम उसके 12 करीबी लोग देखते हैं। इन लोगों का काम लाभ की जमीन को देखकर कर फायदे का सौदा होने पर बाबा को बताने का है। इसके बाद बाबा अपने करीबियों की मदद से उन जमीनों को खरीदकर उसमें निवेश करता है।