Madhya Pradesh Crime News : बुखार उतारने के लिए आदिवासी युवक को गर्म सलाखों से दागा, हालात बिगड़ने पर किया हॉस्पिटल में भर्ती

Madhya Pradesh Crime News : मध्य प्रदेश (Mdhya Pradesh) के बुरहानपुर जिले के आदिवासी क्षेत्रों में लोहे की गर्म सलाखों से दाग कर इलाज किया जा रहा है...;

Update: 2022-04-14 11:30 GMT
Madhya Pradesh Crime News : बुखार उतारने के लिए आदिवासी युवक को गर्म सलाखों से दागा, हालात बिगड़ने पर किया हॉस्पिटल में भर्ती

बुखार उतारने के लिए आदिवासी युवक को गर्म सलाखों से दागा, हालात बिगड़ने पर किया हॉस्पिटल में भर्ती

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Madhya Pradesh Crime News : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से अंधविश्वास (Blind Faith) का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बता दें कि यहां मध्य प्रदेश (Mdhya Pradesh) के बुरहानपुर (Burhanpur) जिले के आदिवासी क्षेत्रों में लोहे की गर्म सलाखों से दाग कर इलाज किया जा रहा है। बुरहानपुर जिला अस्पताल में ऐसा ही एक मामला सामने आया जहां एक आदिवासी युवक को बुखार आने के बाद उसे सरिया से दाग कर इलाज किया गया। जब तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया।

बुखार ठीक करने के लिए गर्म सलाखों से दागा

बता दें कि युवा को बुखार ठीक करने के नाम पर हाथ-पैर और पेट पर जगह-जगह गर्म सलाखों से दागा गया है। आदिवासी क्षेत्रों में आज भी इलाज के नाम पर यह अंधविश्वासी परंपरा जारी है। बुरहानपुर के खकनार तहसील के ग्राम दसघाट निवासी आदिवासी युवक अविनाश को काफी दिनों से बुखार आ रहा था। जब उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ी तो उसके पिता उसे जिला अस्पताल में भर्ती करने के लिए ले आए।

गांव में होता है परंपरागत तरीके से इलाज

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अविनाश के पिता मौजीलाल का कहना है कि ' हमारे वहां परंपरागत तरीके से इलाज करवाया था। जिसमें शरीर की नस पर सरिये से दागते हैं तो व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है। लेकिन इसे दूसरी कोई बीमारी हुई है , इसलिए इसे अस्पताल में भर्ती करने लाए हैं।'

परंपरागत इलाज से बिगड़ी तबियत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अविनाश की मां जसोदा बाई का कहना है कि अविनाश का बुखार ठीक नहीं हो रहा था और साथ ही उसे दस्त भी लग गए थे। गांव में ही अविनाश का बुखार ठीक करने के लिए शरीर पर चटक (गर्म लोहे के सलाखों से दागा) लगाए ताकि वह ठीक हो जाए लेकिन उसके पैर में सूजन आ गई। अब उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाए है।

अंधविश्वास में पड़कर करते है रूढ़िवादी तरीके से इलाज

बता दें कि इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि आदिवासी लोग अंधविश्वास के चलते शरीर पर दाग लगा कर इलाज करते हैं, जो इंसान के लिए बहुत ही खतरनाक होता है। इस तरह डेग लगाकर शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाया जाता है। जानकारी की कमी के चलते लोग इस तरह रूढ़िवादी तरीके से इलाज करवाते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। डॉक्टर संतोष का कहना है कि किसी भी तरह की बीमारी हो तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में मरीज को लाया जाए, ताकि उसका सही तरीके से इलाज किया जा सके।  

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