Blind Faith अंधविश्वास: सैकड़ों की मौजूदगी में बाबा ले रहे थे समाधि, पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल
दोपहर दो बजे के करीब बाबा समाधि के लिए खोदे गए 7 फीट गड्ढे में उतरकर लेट गए... इस अंधविश्वास के मेले में शामिल लोग ढोल बजाकर भजन-कीर्तन करने लगे...
Madhya Pradesh News (जनज्वार): अंधविश्वास की दुनिया में लीन कुछ लोग मोक्ष की चाह में जान लेने या देने से भी गुरेज नहीं करते हैं। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से एक ऐसी ही अंधविश्वास की घटना सामने आई है, जहां 105 साल के बाबा ने मोक्ष पाने के लिए जिंदा समाधि लेने की कोशिश की। लेकिन समय रहते पुलिस की तत्परता से बुजुर्ग को बचा लिया गया।
क्या है समाधि लेने के पीछे का मामला
घटना एमपी के मुरैना स्थित तुस्सीपुरा के कैथोदा गांव का है। यहां राम सिंह उर्फ पप्पड़ बाबा रहते हैं। गांव में बाबा का दुर्गादास आश्रम भी है। गांव और आसपास के इलाके के लोग उन्हें अपना गुरू मानते हैं। बाबा की उम्र करीब 105 साल बताई जाती है। कुछ दिनों पहले बाबा ने समाधि लेने की इच्छा जताई। बाबा ने कहा कि वह 100 साल के हो गए हैं और संत होने के नाते अब वे शरीर को त्यागकर समाधि लेना चाहते हैं। पहले तो परिवार और गांव के लोगों ने इसपर आपत्ति जताई, लेकिन बाबा की जिद के आगे सबको झुकना पड़ा। परिवार और बाबा के श्रद्धालुओं ने समाधि का इंतजाम भी कर दिया।
बाबा के दर्शन करने पहुंची सैकड़ों की भीड़
बाबा ने समाधि लेने के लिए नवरात्रि के पहले दिन का समय तय किया था। बुजुर्ग बाबा के कहने पर समाधि के लिए करीब सात फीट गहरा गड्ढा खुदवाया गया। गुरुवार, 7 अक्टूबर को पप्पड़ बाबा ने अपने नाती प्रेमसिंह कुशवाह को दोपहर दो से पांच बजे के बीच अपने समाधि लेने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे अपना देह त्याग कर समाधि ले लेंगे। बाबा के समाधि लेने की खबर आसपास के कई गांव में आग की तरह फैल गई। बाबा के समाधि के दर्शन करने सैंकड़ों की संख्या में भीड़ इकट्ठा गो गयी। दोपहर दो बजे के करीब बाबा समाधि के लिए खोदे गए 7 फीट गड्ढे में उतर कर लेट गए। इस अंधविश्वास के मेले में शामिल लोग ढोल बजाकर भजन-कीर्तन करने लगे। बाबा को पानी और दूध से नहलाया गया। लोगों ने मिठाई और फल-फूल का प्रसाद भी चढ़ाया। कई लोगों ने बाबा की भक्ति में रुपए भी चढ़ाए।
पुलिस की तत्परता से बची बाबा की जान
इन सब प्रक्रिया के बीच किसी ने पुलिस को मामले की सूचना दे दी। अंधविश्वास में समाधि लेने की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गई। इससे पहले कि गांव वाले बाबा पर मिट्टी डालते, इतने में पुलिस गांव में पहुंच गई। शुरुआत में बाबा समाधि से निकलने को तैयार नहीं हो रहे थे, पर पुलिस द्वारा काफी समझाने के बाद उन्हें गढ्ढे से निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वहीं, पप्पड़ बाबा का कहना है कि उन्हें भगवान ने खुद सपने में आकर दर्शन दिया था और मोक्ष पाने के लिए समाधि लेने की बात कही थी, इसलिए वे समाधि ले रहे थे। बाबा का कहना है कि वे 100 साल से ज्यादा जीवन जी चुके हैं, अब उन्हें जीवन में क्या करना है इसलिए वे समाधि लेकर शरीर त्यागना चाहते थे। हालांकि, इस मामले में पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है।