दिल्ली के बुराड़ी में अंधविश्वास के चलते जिस घर में 11 लोगों ने की थी आत्महत्या, वहां रहने आया नया परिवार
राजधानी दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार 11 सदस्यों ने अंधविश्वास के चलते एक साथ आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के बाद से यह पहली बार है जब कोई नया परिवार वहां रहने आया है....
जनज्वार डेस्क। 1 जुलाई, 2018 की दिल दहला देने वाली घटना किसे नहीं याद होगी,इससे ना सिर्फ राजधानी दिल्ली सहम उठी थी बल्कि पूरा भारत सहम गया था। खबर थी बुराड़ी इलाके में एक परिवार के 11 सदस्यों के आत्महत्या करने की जिस पर लोगों को यकीन नहीं हो रहा था। मरने वालों में बच्चे और बुजुर्ग भी थे। परिवार के 11 में से 10 लोगों के शव घर में बने लोहे के जाल से लटके मिले थे और एक शव बिस्तर पर मिला था। इन मौतों का कारण था अंधविश्वास, इसी अंधविश्वास के चलते पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली थी।
इसकी तस्दीक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हुई थी जिसके बाद उस घर को लेकर तरह-तरह की खबरें उड़ने लगीं। कोई उसे भूतिया बंगले का नाम दे रहा था तो कोई कुछ और कह रहा था। कुछ पड़ोसियों ने तो घर से अजीबोगरीब आवाजें सुनने का जिक्र भी किया था। बताया जा रहा था कि अब कोई भी उस घर में रहने को तैयार नहीं है। लेकिन करीब डेढ़ साल बाद अब एक परिवार उस घर में रहने आया है।
न्यूज एजेंसी 'एएनआई' की खबर के अनुसार, डॉक्टर मोहन सिंह का परिवार बुराड़ी के इसी घर में शिफ्ट हुआ है। मोहन सिंह ने इस घर को किराए पर लिया है। वह पेशे से लैब टेक्निशियन हैं। उनका परिवार ग्राउंड फ्लोर पर रहेगा। घर के इसी फ्लोर पर डायग्नोस्टिक सेंटर भी खोला गया है। पूजा-पाठ के बाद उन्होंने इसकी शुरूआत की।
डॉक्टर मोहन सिंह ने कहा, 'मैं अंधविश्वास में यकीन नहीं करता हूं। अगर मैं इन बातों में यकीन करता तो यहां नहीं आता। मेरे मरीजों को यहां टेस्ट के लिए आने में कोई परेशानी नहीं है। घर सड़क के किनारे है तो ये सुविधाजनक भी है।'
बुराड़ी में उस घर के पास रहने वाले रविंद्र कहते हैं कि जो हुआ सो हुआ, अब सब ठीक है। पड़ोसी सुरेश कहते हैं, 'वो लोग (आत्महत्या करने वाला परिवार) अच्छे थे और यहां पर उनकी आत्मा भटकने जैसा कुछ नहीं है। उनकी आत्मा सीधे स्वर्ग गई होगी।' बताते चलें कि इस घटना के बाद पुलिस को घर से कई ऐसी चीजें बरामद हुई थीं जिनसे साबित हो रहा था कि परिवार ने अंधविश्वास के चलते ऐसा किया है।