मृत महिला की आत्मा को भगवान से वापस लाने के नाम पर पुजारी 20 दिनों तक करता रहा कर्मकांड

किडनी की समस्या से पीड़ित एक महिला जब अचेत अवस्था में पहुंच गयी तब उसके परिजनों को पुजारी ने अस्पताल ले जाने से रोक दिया और 20 दिनों तक पूजा-पाठ करता रहा। इस दौरान पुलिस कांस्टेबल महिला की मौत हो गयी...

Update: 2021-01-03 05:12 GMT

तंत्र मंत्र का प्रतीकात्मक फोटो

जनज्वार। तमिलनाडु के डिंडीगुल में एक महिला की मौत हो जाने के बाद उनके दो बच्चों को पुजारी यह दिलासा देता रहा कि पूजा करने से भगवान उसकी मां की आत्मा वापस भेज देंगे और वह जीवित हो जाएंगी। इसके लिए परिवार वाले को भरोसे में लेकर वह पूजा व अन्य दूसरे कर्मकांड करता रहा।

जानकारी के अनुसार, इंदिरा नाम की महिला डिंडीगुल के एक महिला पुलिस थाने में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थीं। महिला को गुर्दे में दिक्कत थी। वह कुछ साल पहले अपने दो बच्चों को लेकर अलग रह रही थी। उनके दो बच्चे हैं एक 13 साल का बेटा और दूसरी नौ साल की बेटी।

कुछ दिन पहले इंदिरा ने अपने खराब स्वास्थ्य को देखते हुए वीआरएस के लिए विभाग में आवेदन दिया था और कुछ दिनों से पुलिस थाने में इस वजह से ड्यूटी पर भी नहीं जा रही थीं। इसके बाद थाने से एक महिला कांस्टेबल उनका हाल जानने व जानकारी लेने उनके घर गयीं तो पाया कि घर के अंदर से तेज दुर्गंध आ रही है।

इसके बाद जब महिला कांस्टेबल ने उनके बच्चों से इसकी वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि उनकी मां सो रही है और उन्हें उठाना नहीं है, नहीं तो इससे भगवान उन्हें नुकसान पहुंचा देंगे। इसके बाद महिला कांस्टेबल ने अधिकारियों को इस वाकये की जानकारी दी। पुलिस टीम आयी और जांच की तो पता चला कि इंदिरा की पहले ही मौत हो चुकी है।

सात दिसंबर से ही वह बेहोशी की अवस्था में थी। पुजारी सुदर्शन की वजह से महिला की बहन उसे अस्पताल भी नहीं ले गयी। पुजारी ने कहा कि इससे भगवान नाराज हो जाएंगे और वे उसकी रक्षा नहीं करेंगे। सुदर्शन पूजा पाठ व तंत्र मंत्र के जरिए उसे होश में लाने की बात कह कर कई दिनों से घर पर ही रह रहा था। पुजारी 20 दिनों तक मरनासन्न स्थिति में कर्मकांड करता रहा और आखिरकार उसकी मौत हो गयी। बहरहाल पुलिस ने पुजारी और महिला की बहन को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

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