अंधविश्वास : प्रेमिका के पिता को पट्टीदार पर था जादू-टोने का शक, प्रेमी ने इंप्रेस करने के लिए कर दी उसकी हत्या

पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी मुंबई में छिपा हुआ है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित कर कार्रवाई करेगी...

Update: 2020-09-05 06:05 GMT

जनज्वार। छत्तीसगढ के जशपुर में लाॅकडाउन से एक सप्ताह पहले हुए नीमगांव हत्याकांड का अंधविश्वास वाला एंगल निकला है। लाॅकडाउन लगने से एक सप्ताह पहले 17 मार्च 2020 को जतरू राम के घर पर अज्ञात हमलावरों ने धावा बोल उनकी हत्या कर दी थी। पांच महीने से अधिक समय चली लंबी जांच के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि यह हत्या अंधविश्वास व प्रेमिका के पिता को खुश करने के लिए की गई।

पुलिस जांच में इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड सुरेंद्र राम भगत पाया गया है। सुरेंद्र राम भगत ने इस हत्याकांड की साजिश जतरू राम के पट्टीदार एतवा राम पर रौब जमाने के लिए बुना। सुरेंद्र राम एतवा राम की बेटी से प्यार करता था और उसकी बेटी से शादी करना चाहता था।

एतवा राम के इकलौते बेटे की असयम मौत हो गई थी और उसे संदेह था कि जतरू राम के द्वारा जादू-टोना कराए जाने से उसके बेटे की मौत हुई है। ऐसे में वह प्रतिशोध की आग में जलता रहता था, उस पर उसका जतरू राम से जमीन का पुराना विवाद था।

अपनी प्रेमिका के पिता के इस अंधविश्वास व विवाद का फायदा उठाते हुए सुरेंद्र राम भगत ने उसे प्रभावित करने के लिए जतरू राम की हत्या की साजिश रची, ताकि उसका एतवा की बेटी से रिश्ता पक्का हो सके।

इसके बाद 16 व 17 मार्च की दरमियानी रात जैसे ही सुरेंद्र राम शौच के लिए कमरे से बाहर निकले तीन आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया। सुरेंद्र राम ने लकड़ी से जतरू राम के सिर पर वार किया, जिससे उसकी मौत हो गई।

इस मामले में एसडीपीओ सुरेंद्र परिहार ने बताया है कि आरोपी हीरालाल, रंजीत खलखो, देवनारायण यादव और राधा बाई को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, मुख्य सरगना सुरेंद्र राम फरार है और उसके मुंबई में होने का अंदेशा है। उसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित कर कार्रवाई की जाएगी।

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