अंधविश्वास : पढ़े-लिखे दंपती ने 2 बेटियों को उतारा मौत के घाट, विश्वास था शरीर को छोड़ देंगी बुरी आत्मायें और वो हो जायेंगी जिंदा
हाइली क्वालीफाइड दंपती ने दो बेटियों की हत्या इस उम्मीद के साथ कर दी कि वे आध्यात्मिक शक्तियों से दोबारा जिंदा हो जाएंगी, क्योंकि कलयुग का अंत होकर सतयुग की शुरुआत होने वाली है, खुद दंपती भी बना रहा था आत्महत्या की योजना....
जनज्वार। अंधविश्वास के चक्कर में फंसकर हमारे समाज में लोग ऐसी—ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं, जिन पर सहज विश्वास करना नामुमकिन है। अंधविश्वास के जाल में फंसने वालों में न सिर्फ अनपढ़ बल्कि हाइली क्वालिफाइड लोग भी शामिल होते हैं।
ऐसा ही एक मामला आंध्र प्रदेश में सामने आया है, जहां एक हाइली क्वालीफाइड दंपती ने तांत्रिक के चक्कर में आकर अपनी दो बेटियों को इसलिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि उन्हें विश्वास था कि बुरी आत्मायें बेटियों का शरीर छोड़ देंगी और वो फिर से जिंदा हो जायेंगी।
जानकारी के मुताकि दंपती वी पुरुषोत्तम नायडू विज्ञान में डॉक्टरेट हैं उनकी पत्नी पत्नी पद्मजा परास्नातक और स्वर्ण पदक विजेता हैं। इतने ज्यादा हाइली क्वालीफाइड होने के बाद भी इन दोनों ने अपनी दोनों बेटियों को इस अंधविश्वास में मार डाला कि दोनों मरकर दोबारा जिंदा हो जायेंगी और उनके अंदर से बुरी आत्मायें बाहर निकल आयेंगी।
दंपती ने अपनी जिन बेटियों की हत्या की उनमें से बड़ी बेटी का नाम अलख्या था, जिसकी उम्र 27 साल थी और वह भोपाल में रहकर पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही थी। वहीं दूसरी बेटी साई दिव्या जिसकी उम्र 22 साल थी, वह जाने माने संगीतकार एआर रहमान के संस्थान में शिक्षा प्राप्त कर रही थी।
शुरुआती छानबीन के बाद चित्तूर पुलिस ने बताया कि आंध्र प्रदेश के चित्तूर में मां-बाप द्वारा मौत के घाट उतारी गयीं दोनों लड़कियों में भी अपने परिजनों की तरह मौत के बाद दोबारा जिंदा होने का अंधविश्वास कूट—कूटकर भरा हुआ था।
चित्तूर के पुलिस अधीक्षक सेंथिल कुमार ने 27 जनवरी को मीडिया को दिये बयान में बताया कि पुलिस ने उस दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने अपनी ही बेटियों की कथित हत्या इस अंधविश्वास के चलते कर दी कि वे बुरी आत्माओं से मुक्त होकर दोबारा जिंदा हो जाएंगी।
पुलिस द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक 26 जनवरी आरोपी मां—बाप को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हिरासत में रखा गया यह दंपती जो अपनी बेटियों को मौत के घाट उतार चुका है, वह बेटियों की हत्या की वजहों को लेकर स्पष्ट हैं। उनको कुछ मानसिक समस्या हो सकती है, लेकिन वे बहुत ही अंधविश्वासी और आध्यात्मिक हैं।'
पुलिस का कहना है कि 'अभिभावकों पूरी तरह से इस भ्रम में हैं कि उनकी बेटियों पर बुरी आत्माओं का कब्जा था और वे(मरने के बाद) उनसे मुक्त होकर लौटेंगी। उन्होंने यह भी स्वीकारा कि उनकी बेटियां भी कुछ इसी तरह सोचती थीं।
चित्तूर के पुलिस अधीक्षक सेंथिल कुमार ने बताया, ऐसा लगता है कि पीड़ितों को डम्बल जैसी भारी चीज से पीटा गया। माता-पिता ने बेटियों की कथित हत्या इसलिए की क्योंकि कि उन्हें विश्वास था कि वे दोबारा जिंदा हो जाएंगी और उसके बाद चारों खुशी-खुशी रहेंगे, जो सीधे—सीधे विकृत सोच की तरफ इशारा करता है।'
बेटियों के हत्यारे मां—बाप के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में हालांकि कोई टिप्पणी नहीं की है।
गौरतलब है कि पुलिस ने 25 जनवरी को बताया था कि हाइली क्वालीफाइड दंपति ने कथित तौर पर अपनी दो बेटियों की हत्या इस उम्मीद के साथ कर दी कि वे आध्यात्मिक शक्तियों से दोबारा जिंदा हो जाएंगी, क्योंकि कलयुग का अंत होकर सतयुग की शुरुआत होने वाली है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दंपति की भी आत्महत्या करने की योजना थी, क्योंकि वे भी साबित करना चाहते थे कि वे जिंदा हो सकते हैं, लेकिन समय पर पुलिस के पहुंचने के चलने वो दोनों आत्महत्या नहीं कर पाये।