अंधविश्वास में युवती के सिर से शैतान भगाने के लिए खिला दिया सूअर का मल, मुंह में आग झोंका-पीटा, हालत गंभीर
महिला उत्पीड़न का एक गंभीर मामला ओडिशा के मलकानगिरी में सामने आया है, जहां एक युवती को भूत व शैतान भगाने के नाम पर सूअर का मल खिलाया गया और उसके मुंह में आग झोंक कर इतनी बेरहमी से पीटा गया कि वह जिंदगी की जंग लड़ रही है...
जनज्वार। विज्ञान-तकनीक व आधुनिक चिकित्सा के युग में ग्रामीण भारत और खासकर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में अंधविश्वास का अधिक बोलबाला है। इस बुराई से समाज को बचाने के लिए जागरूकता के तमाम उपाय किए जाने के बाद भी प्रभावी असर होता नहीं दिख रहा है। ओडिशा के मलकानगिरी में एक तांत्रिक ने एक युवती के सिर से शैतान का साया उतारने का दावा करते हुए इसके लिए उसे सूअर का मल खिला दिया।
मलकानगिरी के एसपी ऋषिकेश खिलारी ने इस मामले में कहा है कि घटना की जांच चल रही है और हम पीड़ित महिला के संपर्क में हैं। अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन एक टीम बनायी गई है जो आरोपी की तलाश कर रही है।
मालूम हो कि ओडिशा के आदिवासी इलाकों में अंधविश्वास का बोलबाला है। मलकानगिरी में एक युवती कुछ समय से बीमार थी। शरीर में बुरी आत्माओं के प्रवेश की बात कह कर लोग उसे एक तांत्रिक के पास ले गए। तांत्रिक ने युवती का इलाज करने के नाम पर न सिर्फ उसे सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया बल्कि उसे उसका मल भी खिला दिया।
तांत्रिक ने तंत्र मंत्र किया और फिर युवती से कहा कि शैतान व बुरी आत्माओं का साया उतारने के लिए उसे सूअर का मल खाना होगा। पीड़िता को तांत्रिक ने तंत्र मंत्र करने के दौरान शैतान को भगाने के नाम पर पीटा भी। इससे उसके चेहरे पर चोट के निशान नजर आने लगे। यह घटना रविवार, 19 जुलाई की है। पिटाई में अधिक चोट लग जाने की वजह से उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उसका इलाज चल रहा है।
यह घटना मलकानगिरी ब्लाक के एमवी 6 गांव का है। परिवार वालों व ग्रामीणों ने महिला से भूत व शैतान के साया का कनेक्शन इस आधार पर जोड़ा कि तीन महीने पहले उसके संपर्क में आयी एक महिला की मौत हो गई। उसके बाद से वह युवती बीमार रहने लगी तो लोग कहने लगे की मरी महिला का भूत इस पर सवार हो गया है। महिला के मुंह में आग की लपट भी डाली गई जिससे उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। उसे जिला मुख्यालय के मुख्य अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
ओडिशा जैसे राज्य के आदिवासी इलाकों में चिकित्सा सेवा का घोर अभाव है। भोले भाले लोग किसी मानसिक बीमारी पर भी अंधविश्वास के फेर में पड़ जाते हैं और ओझा-गुणी व तांत्रिक के माध्यम से ठगे व पीड़ित किए जाते हैं।