किडनी के रोगी युवक की अंधविश्वास में चली गयी जान, पाखंडी बाबा ने किया था झाड़-फूंक से ठीक करने का दावा

जब युवक की तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उसके दोस्त उसे फिर से इलाज के लिए अस्पताल ले जाना चाह रहे थे लेकिन बाबा ने सबको डांट कर भगा दिया। अंततः युवक की मौत हो गई।

Update: 2020-09-04 17:16 GMT

जनज्वार। बिहार के शेखपुरा जिले के कोरामा थाना क्षेत्र के डीहकुसुम्भा गांव में एक युवक की मौत झाड़फूंक के चक्कर में हो गई। युवक पिछले नौ महीने से किडनी की बीमारी से परेशान था। उस पर उसके परिजनों को भरोसा था कि झाड़फूंक से वह ठीक हो जाएगा.

इस कारण सुरेंद्र महतो के 30 वर्षीय बेटे प्रवीण कुमार का लोग झाड़फूंक कराते रहे। वह बेंगलुरु में रह कर टाइल्स मिस्त्री का काम करता था। जब वह बीमार पड़ा तो उसके इलाज के लिए लखनऊ के संजय गांधी पीजी अस्पताल ले जाया गया। वहां डाॅक्टरों ने किडनी बदलने की बात कही।

इसके बाद उक्त लड़के का इलाज बिहारशरीफ के एक निजी अस्पताल में कराया जा रहा था। रविवार को उसकी हालत गंभीर हो गई, जिसके बाद उसे शेखपुरा के एक अस्पताल ले जाया गया। फिर सोमवार को अस्पताल से उसकी छुट्टी करवा कर उसे घर लाया गया।

इसके बाद लोगों को लगा कि इसकी झाड़फूंक करवाने से शायद इसे लाभ हो तो एक बाबा से मोबाइल पर ही झाड़फूंक करवाया। बाबा ने उसकी दवा बंद करवा कर झाड़फूंक करवाने को कहा। युवक खून की कमी से भी ग्रस्त था। आखिरकार युवक की मौत हो गई।

जब युवक की तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उसके दोस्त उसे फिर से इलाज के लिए अस्पताल ले जाना चाह रहे थे लेकिन बाबा ने सबको डांट कर भगा दिया। अंततः युवक की मौत हो गई। मृतक प्रवीण की पत्नी व तीन साल की बेटी उसकी मौत से बेसहारा हो गए। 

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