अंधविश्वास : यूपी के एक गांव में सांप ने काटा 31 लोगों को, ग्रामीण बोले बदला ले रही है नागिन

ग्रामीण लगातार एक ही बात कह रहे हैं कि नाग पंचमी के दिन गांव के मंदिर में रह रहे नाग के जोड़े में से नाग को ग्रामीणों ने मार डाला था। तब से गुस्साई नागिन गांव में आतंक मचा रही है...

Update: 2020-08-08 11:24 GMT

file photo

लखनऊ, जनज्वार। उत्तर प्रदेश के बहराइच स्थित रुपईडीहा थाने के बाबागंज इलाके में पिछले कुछ दिनों में 31 लोगों को डस लिया है, जिसे ग्रामीण नागिन का बदला बता रहे हैं। इनमें से एक लड़के की सांप के डसने के बाद मौत भी हो चुकी है।

ग्रामीणों का कहना है कि नाग पंचमी के दिन नाग को मारे जाने से गुस्साई नागिन अब इलाके के लोगों को चुन-चुन कर डस रही है। बजाय इस घटना को बरसात में सांप के काटने की घटना मान मीडिया भी नागिन का बदला कहकर प्रचारित—प्रसारित कर रही है। मीडिया बढ़—चढ़कर इस बात को प्रचारित कर रही है कि नागिन ग्रामीणों से बदला ले रही है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बहराइच के रुपईडीहा थाने के बाबागंज इलाके में इन दिनों बारिश के कारण खेतों में पानी भर जाने से जहरीले सांप निकल रहे हैं। शंकरपुर, चिलबिला, बेलभरिया सहित कुछ गांव में दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीण सहित आधा दर्जन पशुओं को सांप ने डस लिया है।

इसे नागिन का कहर और बदला लेने की बात ग्रामीण कुछ यों कहते हैं। ग्रामीण बताते है। शंकरपुर में जानवरों को चारा लगाने जा रहे इबरार को नागपंचमी के दिन सांप ने काटने के लिए दौड़ाया। इबरार ने भाग कर किसी तरह अपनी जान बचायी और इस बीच किसी ने जहरीले सांप को मार डाला। सांप को मारने का बदला अब नागिन गांव वालों से ले रही है।

ग्रामीणों के मुताबिक नागपंचमी के दिल सांप को मारे जारे की घटना के बाद दो दिन में संदीप, गुलाबी देवी, शीला देवी, माया देवी, झल्ले, नेहा, धर्म प्रकाश, विपिन, चिरकू, भागीरथ की पत्नी, नगरिया, बैधे, पवन समेत 26 ग्रामीणों को नागिन ने डस लिया है। इसमें एक ग्रामीण की मौत भी हो गयी है।

ग्रामीण लगातार एक ही बात कह रहे हैं कि नाग पंचमी के दिन गांव के मंदिर में रह रहे नाग के जोड़े में से नाग को ग्रामीणों ने मार डाला था। तब से गुस्साई नागिन गांव में आतंक मचा रही है। सांप के डंक में जकड़े ग्रामीणों ने गांव छोड़ना भी शुरू कर दिया है।

स्थानीय लोग सांप को पकड़ने के लिए सपेरों को बुला रहे हैं, मगर कोई इस गांव में आने को तैयार नहीं है। इस घटना पर एक सपेरा कहता है, यह बारिश का मौसम है और बड़ी संख्या में सांप हैं। हम उन सभी को नहीं पकड़ सकते है।

पीड़ितों के मुताबिक सोते समय उन्हें सांप के काटे जाने का अहसास होता है, लेकिन उन्हें नागिन दिखाई भी नहीं देती है। यहाँ तक कि झाड़-फूंक करने वाले भी गांव में जाने से कतरा रहे हैं। गांव में दहशत का माहौल है, लोग अपने बच्चों को रिश्तेदारी में भेज रहे हैं।

वही इस मसले पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बाबागंज के चिकित्सा अधिकारी कहते हैं कि अस्पताल में सांप की वैक्सीन मौजूद है। तत्काल मरीज को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि किसी की मौत न हो। मगर ग्रामीण अस्पताल जाने के बजाय टोने-टोटके के चक्कर में पड़े हुए हैं। 

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