अंधविश्वास : दरभंगा में डायन कहकर महिला के साथ मारपीट, चुनाव के बाद जान से मारने की मिल रही धमकी
महिला के उत्पीड़न का मामला दिल्ली हाइकोर्ट के वकील अशोक अग्रवाल के पास शिकायत करने के बाद सामने आया। पीड़ित परिवार ने उनसे मदद का आग्रह किया है...
जनज्वार। बिहार के दरभंगा जिले के बिरौल ब्लाॅक पगहरी गांव में एक महिला को डायन बताकर उनका व उनके परिवार का गांव के लोग उत्पीड़न करते हैं। इस मामले में परिवार ने पूर्व में पुलिस में शिकायत की है और पंचायत के मुखिया व ग्रामीणों से भी मामले का हल करने का आग्रह किया, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं हुआ।
महिला रूजेदा खातून ने कहा कि डायन कह कर उनका व उनके परिवार का उत्पीड़न किया जाता है और गांव वालों ने धमकी दी है कि चुनाव के बाद उन्हें मार देंगे। यह मामला महिला के बेटे मोहम्मद अकबर द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता व दिल्ली हाइकोर्ट के वकील अशोक अग्रवाल को शिकायत करने के बाद सामने आया।
महिला का बड़ा बेटा मोहम्मद अकबर अहमदाबाद में रहता है और वहां वह एक कपड़े की दुकान में काम करता है। घर में उसके माता-पिता व पांच छोटे भाई-बहन हैं जिसकी सुरक्षा को लेकर वह चिंतित रहता है। लडकेे ने अपने माता-पिता का वीडियो वकील अशोक अग्रवाल को भेज कर मदद की गुहार लगायी, जिसके बाद अग्रवाल ने उस वीडियो को बिहार पुलिस, बिहार सरकार व गृह मंत्री अमित शाह को ट्वीट कर मदद करने की अपील की।
इस संबंध में अशोक अग्रवाल ने जनज्वार को कहा कि उन्होंने अभी वीडियो ट्वीट कर मदद की अपील की है, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर वे इसको लेकर बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखेंगे और पीड़ित परिवार को मदद पहुंचाने के लिए अन्य आवश्यक उपाय करेंगे।
वहीं, महिला के पुत्र मोहम्मद अकबर ने जनज्वार को बताया कि वह घर से दूर रहता है और परिवार के लिए चिंतित रहता है। लड़के ने कहा कि वह जब गांव गया था तो बिरौल जाकर पुलिस के पास शिकायत उसने की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। मुखिया को बोलने पर वे कहते हैं कि डायन-वायन हम मानते नहीं है, कुछ नहीं होता है। परिवार का पिछले तीन साल से उत्पीड़न किया जा रहा है।
उसने बताया कि उसके पिता मोहम्मद तफीद की उम्र करीब 55 साल और मां की उम्र 45 साल है। अकबर के अनुसार, जब गांव में किसी की तबीयत भी खराब होती है तो लोग उसके माता-पिता के पास आ जाते हैं और कहते हैं कि डायन कर दिया है इसे ठीक करो नहीं तो मारेंगे और यह कह कर मारने-पीटने लगते हैं। अकबर ने यह भी बताया कि यह हिंदू-मुसलिम का मामला नहीं है, बल्कि परिवार का उत्पीड़न करने वाले लोग उसके धर्म के ही हैं।