झारखंड के गुमला में डायन-बिसाही व जादू-टोना के संदेह में 10 दिन में तीसरी हत्या
गुमला झारखंड का ऐसा जिला है जहां अंधविश्वास की वजह से सर्वाधिक हत्याएं होती हैं। अक्सर इसके शिकार बुजुर्ग होते हैं...
जनज्वार। झारखंड का गुमला जिला डायन बिसाही व ऐसे दूसरे अंधविश्वास से बुरी तरह प्रभावित है। इस जिले में डायन व जादू टोना के संदेह में अक्सर हत्याएं होती रहती हैं। पिछले दस दिनों में गुमला जिले के दो प्रखंडों में तीन लोगों की डायन-बिसाही होने व जादू-टोना करने के संदेह में हत्या की गई है। सभी मारे गए लोग 60 साल या उससे अधिक के हैं। मारे गये लोगों में दो महिलाएं व एक पुरुष हैं।
ताजा मामला घाघरा प्रखंड क्षेत्र का है। घाघरा प्रखंड क्षेत्र के सलामी गांव में 80 वर्षीया शनिचरिया देवी की बुधवार को कुल्हाड़ी से काट कर हत्या कर दी गई। अत्यंत उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र होने के कारण पुलिस भी वहां नहीं गई। वृद्धा बेटे मंगरा खड़िया ने बताया कि उसकी मां शनिचरिया देवी घर के दरवाजे पर बैठी थी उसी समय एक व्यक्ति आया और कुल्हाड़ी से मार कर उनकी हत्या कर दी।
उसने बताया कि घर के अंदर सब लोग बैठे हुए थे, इसी दौरान शोर-गुल होने पर सभी बाहर निकले तो देखा कि उसकी मां की हत्या कर दी गई है औार युवक कुल्हाड़ी लिए वहीं खड़ा है। उसने कहा कि उसकी मां पर डायर बिसाही का आरोप लगाया गया है।
इससे पहले पिछले सप्ताह रविवार को गुमला जिले कामडारा प्रखंड के झरगांव निवासी 60 वर्षीया सुकरो देवी की घर में घुसकर पत्थर से कूच कर हत्या कर दी गई थी। उनके सिर पर वार किया गया था। उन पर भी डायन होने का संदेह था। उनके पति सुकरा उरांव व बेटे सूरज उरांव जब घर पहुंचे तो वृद्धा को मृत पाया।
वहीं, उसी दिन कामडारा प्रखंड के आंकरा गोबरटोली गांव के 60 वर्षीय नंदा उरांव की जादू टोना करने के शक में हत्या की गई। इस संबंध में उनकी पत्नी पंडरी उराइन ने इस मामले में सोमरा उरांव पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इस मामले में सोमरा उरांव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उसे शक था कि नंदा उरांव के जादू टोना करने से उसके बेटे की मौत हो गई। इसी वजह से उसने बुजुर्ग की हत्या कर दी।