धीरेंद्र शास्त्री के समर्थक सिर्फ करते हैं कुतर्क, पाखंड का बाजार गर्म रखना ही सिर्फ मकसद

धीरेंद्र शास्त्री की पोल पट्टी जब खुलने लगी और एक्सपोज होने के बाद जब भक्तों की संख्या में कमी आने लगी, तो जाहिर तौर पर इसका असर आर्थिक साम्राज्य पर पड़ेगा तो वह बौखला गये, आप देख सकते हैं कि जनज्वार के चैनल पर कई हजार कमेंट हैं जिनमें शुद्ध गालियां और धीरेंद्र शास्त्री के अंधभक्तों ने कमेंट्स के जरिए गाली-गलौज के अलावा जान से मारने की भी धमकी दी है...

Update: 2023-01-25 11:02 GMT

धीरेंद्र शास्त्री के समर्थक सिर्फ करते हैं कुतर्क, पाखंड का बाजार गर्म रखना ही सिर्फ मकसद

अजय प्रकाश की टिप्पणी

After Dhirendra Shastri Expose : बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री के एक्सपोज होने के बाद उनके बचाव में उतरे लोगों का एक लॉजिक बहुत ही तगड़ा है। वह यह नहीं कह रहे कि धीरेंद्र शास्त्री के ढोंग का भंडाफोड़ हुआ है, यह कुतर्क दे रहे हैं कि सनातन धर्म पर लगातार हमला करने की साजिशकर्ताओं का यह एक समूह है। आखिर धीरेंद्र शास्त्री के एक्सपोज होने का सनातन धर्म से क्या रिश्ता, आखिर इससे हिंदू धर्म कैसे खतरे में आ गया।

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दूसरा आरोप यह है कि जो खुलासा करने वाले लोग हैं या हिंदू धर्म के पाखंड पर जो प्रश्न उठाने वाले लोग हैं वह क्यों नहीं क्रिश्चियन-मुस्लिमों के खिलाफ आवाज उठाते हैं, जबकि उनके धर्मों में भी पाखंड है। तीसरा सवाल वह यह उठाते हैं कि यह हिंदू धर्म पर एक विशेष तरह का प्रायोजित हमला है, जिसके लिए यूट्यूब बनाए जाते हैं और दुष्प्रचार का पूरा एक वितंडा खड़ा किया जाता है।

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जैसा कि आप सभी जानते हैं कि धीरेंद्र शास्त्री के पाखंड ओं के खुलासे की शुरुआत सबसे पहले जनज्वार ने की थी, ऐसे में जनज्वार की जिम्मेदारी है कि इन प्रश्नों के तार्किक जवाब दिए जायें, जिससे कि हिंदू धर्म के भीतर जो लोग भी पाखंडी हों और तथाकथित चमत्कारियों के जाल में फंसे हुए हैं या फंस रहे हैं उन्हें मुक्त कराया जा सके। फिलहाल ही तर्कशास्त्री श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री को चमत्कार सिद्ध करने का जो चैलेंज दिया है वह जनज्वार का वीडियो देखने के बाद ही दिया है और यह मुद्दा राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाया हुआ है।

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जनज्वार मीडिया लगातार बताता आ रहा है और दावा करता है कि वह अंधविश्वास मुक्त भारत और वैज्ञानिक चिंतन और परंपराओं को आगे बढ़ाने की पत्रकारिता में संलग्न है, ऐसे में हमारी कोशिश होती है कि जो भी पाखंड चाहे हिंदू फैलाएं मुस्लिम फैलाएं क्रिश्चियन या सिख फैलाएं या फिर किसी अन्य धर्म और समुदाय या संप्रदाय को मानने वाला व्यक्ति फैलाएं,, हम खुलासे जारी रखेंगे। अंधविश्वास के ढोंग को एक्सपोज करते हुए जनज्वार ने न सिर्फ धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों पर प्रश्न उठाए, बल्कि उसके साथ साथ चमत्कार का दावा करने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा, पंडोखर महाराज और गलत जानकारियां और अवैज्ञानिक जानकारियां प्रसारित करने वाली जया किशोरी पर भी प्रश्न उठाए।

इसके अलावा देशभर में तर्कशास्त्री और वैज्ञानिक चिंतन की जो परंपरा है, उसे भी जनज्वार लगातार आगे बढ़ा रहा है। आपको बताते चलें कि अंधविश्वासी बाबाओं को एक्सपोज करने की कड़ी में जनज्वार ने पहला साक्षात्कार अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से जुड़े तर्कशास्त्री उत्तम जोगदंड का 16 अक्टूबर 2022 किया था। उत्तम जोगदंड ने खुलेआम धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों को चैलेंज करते हुए कहा था कि उनकी संस्था 25,00000 रुपए तक का इनाम दे सकती है, अगर वह चमत्कार साबित करके दिखा दें।

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इतना ही नहीं पंजाब की तर्कशील सोसायटी ने एक करोड़ रुपए तक का चैलेंज दिया है कि धीरेंद्र शास्त्री और उनके जैसे बाबा चमत्कार साबित करके दिखायें। जनज्वार में इन बाबाओं के एक्सपोज होने के बाद मीडिया ने अब लगभग 3 माह बाद इस पर बात करनी शुरू की है, जबकि जनज्वार लगातार अंधविश्वास मुक्त भारत बनाने के अभियान पर लगा हुआ है। चमत्कार के दावों के बाद जब धीरेंद्र शास्त्री के खुलासे राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने लगे और जब धीरेंद्र शास्त्री के चेले-चपाटों और उनके मैनेजमेंट करने वाले लोगों को लगा कि इन खुलासों से हमारा सच पता चल जाएगा और फिर जनता उनके बहकावे में नहीं आएगी तो उन्होंने दुष्प्रचार का हथकंडा अपनाना शुरू कर दिया। इसके लिए सबसे आसान रास्ता है हिंदू और सनातन धर्म को आड़ बनाना।

आईटी सेल और भक्तों के माध्यम से दुष्प्रचार का हथकंडा जब बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री के काम न आया तो उन्होंने बाकायदा एक वीडियो बनाया, जिसमें कहा कि हमारे खिलाफ यूट्यूब बनाए जा रहे हैं और क्रिश्चियन मिशनरी सनातन धर्म के खिलाफ लगी हैं। सनातन धर्म के खिलाफ क्यों लगी हैं, क्योंकि धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ वैज्ञानित चेतना को प्रचारित-प्रसारित करने वाले लोग वैज्ञानिक चिंतन करने वाले लोग सवाल उठा रहे हैं। यह बिल्कुल ठीक वैसे ही है, जैसे राजनीति शास्त्र में कहा जाता है कि नेता की कुर्सी संकट में है तो देश संकट में है।

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धीरेंद्र शास्त्री की पोल पट्टी जब खुलने लगी और एक्सपोज होने के बाद जब भक्तों की संख्या में कमी आने लगी, जाहिर तौर पर इसका असर आर्थिक साम्राज्य पर पड़ेगा तो वह बौखला गये। आप देख सकते हैं कि जनज्वार के चैनल पर कई हजार कमेंट हैं जिनमें शुद्ध गालियां और धीरेंद्र शास्त्री के अंधभक्तों ने कमेंट्स के जरिए गाली-गलौज के अलावा जान से मारने की भी धमकी दी है। ऐसा करके ये लोग सच का मुंह बंद करना चाहते हैं कि इनके काले साम्राज्य का सच समाज के सामने न आ पाये और ये अपने अंधविश्वास का कारोबार करके गरीबों-वंचितों से पैसे ऐंठकर अपने महल खड़े करते रहें। 

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