महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के मार्गदर्शन से युगांडा में नरबलि प्रथा के खिलाफ कानून पारित
नरबलि प्रथा के खिलाफ कानून का प्रारूप बनाने के लिए युगांडा के सांसद बर्नार्ड अटिक्यू द्वारा शहीद डॉ नरेंद्र दाभोलकर द्वारा वर्ष 1989 में स्थापित महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की ली गयी सहायता...
जनज्वार। युगांडा देश में हाल ही में नरबलि प्रथा के खिलाफ कानून पारित हुआ है। उल्लेखनीय है कि इस कानून का प्रारूप बनाने के लिए युगांडा के सांसद बर्नार्ड अटिक्यू द्वारा महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (शहीद डॉ नरेंद्र दाभोलकर द्वारा वर्ष 1989 में स्थापित) इस संगठन की सहायता ली गयी। यह संगठन महाराष्ट्र राज्य में अंधविश्वास उन्मूलन का कार्य कर रहा है तथा अन्य राज्यों में काम कर रहे बुद्धिवादी संगठनों और व्यक्तियों के साथ तालमेल रखते हुए अंधविश्वास उन्मूलन का कार्य देशव्यापी करने के लिए प्रयास कर रहा है। इसी संगठन द्वारा 9 अगस्त 2019 को मुंबई में आयोजित अंतरराष्ट्रीय तर्कशील सम्मेलन में देश के विविध राज्यों और विदेशों से आये हुए प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
युगांडा के सांसद बर्नार्ड अटिक्यू 'युगांडन पार्लियामेंटरी फोरम फॉर चिल्ड्रन्स' के अध्यक्ष हैं। वे और फोरम के आठ सदस्य नरबली की कुप्रथा का उन्मूलन करने के लिए प्रयासरत थे। इस विषय पर अधिक जानकारी पाने के लिए जब उन्होंने खोज शुरू की, तब उन्हें यह पता चला की भारत देश के महाराष्ट्र राज्य में नरबलि और जादू-टोना के खिलाफ कानून पारित हुआ है और इसमें महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति इस संगठन का काफी योगदान रहा है। तब उन्होंने महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रधान सचिव माधव बावगे से फोन पर संपर्क किया।
बाद में समिति के कार्याध्यक्ष अविनाश पाटिल ने महाराष्ट्र में कानून पारित करने के लिए डॉ नरेंद्र दाभोलकर के नेतृत्व में किया हुआ निरंतर संघर्ष, सरकार को प्रस्तुत किया हुआ कानून का प्रारूप, पारित किया गया कानून, कानून के अंतर्गत दायर अपराध आदि के बारे में नकारी दी।
बर्नार्ड के सचिव एनी एक्या ने संगठन के अंतरराष्ट्रीय समन्वयक प्रो. डॉ. सुदेश घोड़ेराव के सात लगभग 4 साल संवाद साधते हुए महाराष्ट्र के कानून का प्रारूप, निर्माण का इतिहास, कानूनी दिक्कतें, संसदीय प्रणाली तक का सफर, कानून के महत्वपूर्ण शब्दों के अर्थव्याख्या, हत्या और नरबलि में फर्क आदि विविध पहलुओं पर मार्गदर्शन किया। संगठन के कानून विभाग की कार्यवाह एडवोकेट मनीषा महाजन द्वारा बनाया गया सभी कानूनी पहलुओं की जानकारी देने वाला एक नोट फोरम को प्रेषित किया गया था।
इस वर्ष 4 मई को बर्नार्ड द्वारा 'दी प्रिवेंशन एंड प्रोहिबिशन ऑफ हयूमन सेक्रिफ़ाइस' इस कानून का प्रारूप युगांडा सरकार को प्रस्तुत किया, जो 21 मई को पारित हुआ। यह कानून पारित हो जाने पर बर्नार्ड ने महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रति आभार प्रकट किया है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र की तर्ज पर कर्नाटक राज्य में भी जादूटोना विरोधी कानून पारित हुआ है। उस समय भी इस संगठन ने सहायता की थी। अन्य राज्यों में भी यह कानून पारित करा लेने के लिए वहाँ के बुद्धिवादी संगठनों के साथ महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा संपर्क किया जा रहा है। सारे देश के लिए भी ऐसा कानून लागू हो, इसलिए महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति प्रयासरत है।