Uttar Pradesh News : अंधविश्वास के नाम पर युवक ने दी खुद की बलि, शीतला माता मंदिर में ब्लेड से काटा अपना गला

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के जनपद के लालगंज थाना क्षेत्र के नदनी गांव निवासी मनोज कुमार शनिवार को गड़बड़ा धाम स्थित शीतला माता मंदिर अपनी मां के साथ दर्शन करने आया था, परिजन पूजन दर्शन में व्यस्त थे, तभी मनोज ने देवी मां के सामने बैठ कर ब्लेड से अपना गला काट लिया...

Update: 2022-10-23 11:44 GMT

Uttar Pradesh News : अंधविश्वास के नाम पर युवक ने दी खुद की बलि, शीतला माता मंदिर में ब्लेड से काटा अपना गला

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। बता दें कि आज कल अंधविश्वास के नाम पर लोग अपनी जान देने से भी बाज नहीं आते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के जनपद के लालगंज थाना क्षेत्र के नदनी गांव निवासी मनोज कुमार शनिवार को गड़बड़ा धाम स्थित शीतला माता मंदिर अपनी मां के साथ दर्शन करने आया था। परिजन पूजन दर्शन में व्यस्त थे। तभी मनोज ने देवी मां के सामने बैठ कर ब्लेड से अपना गला काट लिया। घटना के बाद परिजनों में हड़कंप मच गया। वहीं इस मामले में परिजनों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से मानसिक तनाव में था। बताया जा रहा है कि पीड़ित को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां उसकी मौत हो गई।

युवक कुछ दिनों से था मानसिक रूप से परेशान

युवक अपने माता-पिता के साथ गड़बड़ा धाम मंदिर दर्शन के लिए आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार युवक कुछ दिनों से मानसिक रूप से परेशान भी था। युवक बीए का छात्र बताया जा रहा है। युवक की मां ने फौरन उपचार के लिए एंबुलेंस सर्विस 108 पर कॉल कर बेटे को उपचार के लिए प्राइमरी हेल्थ सेंटर (पीएचसी) पर लेकर पहुंचीं। जहां पर डॉ. कामेश्वर तिवारी और डॉ. अभिषेक जायसवाल ने प्राथमिक उपचार करने के बाद हालत गंभीर देखकर मंडलीय चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया, जहां इलाज के दौरान घायल मनोज की मौत हो गयी। बेटे की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

आधुनिक समय में फैल रहा अंधविश्वास

जानकारी के लिए आपको बता दें कि आधुनिक समय में भी अंधविश्वास के नाम पर अक्सर ऐसी बातें देखने मिलती हैं, जो समाज के लिए कलंक से कम नहीं। जरुरत है ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए समाज में जागरुकता का प्रसार करना होगा। ऐसे मामलों को रोकने में पुलिस या प्रशासनिक व्यवस्था ही नहीं बल्कि समाज को आगे आना होगा। अंधविश्वास और अंधश्रद्धा के नाम पर लोग ऐसा काम करते है जो उनकी जान पर भी भारी पड़ जाता है। 

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