Uttar Pradesh News : कुत्ते और कुतिया की शादी में शामिल हुए 500 लोग, सोने-चांदी के गहनों का चढ़ावा, हिंदू रीति-रिवाजों के साथ पूरी हुई रस्में

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Update: 2022-06-06 07:51 GMT

Uttar Pradesh News : कुत्ते और कुतिया की शादी में शामिल हुए 500 लोग, सोने-चांदी के गहनों का चढ़ावा, हिंदू रीति-रिवाजों के साथ पूरी हुई रस्में

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश (Uttar Prades news) के हमीरपुर (Hamirpur) में एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बन गई है। हरिमपुर के भरुआ सुमेरपुर में बीते रविवार को यह शादी दो संतों के कुत्ता और कुतिया की थी। दोनों संत अपने पालतू पशुओं का विवाह कराकर एक दूसरे के समधी बन गए है। बारात की सारी रस्में हिंदू रीति रिवाज के साथ संपन्न हुई। धूमधाम से बारात निकली। द्वारचार, भांवरे, कलेवा की रस्में भी निभाई गईं।

कुत्ते का रिश्ता कुतिया के साथ हुआ तय

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सौंखर और सिमनौड़ी गांव के बीहड़ों में मनासर बाबा शिव मंदिर है। इस मंदिर के महंत स्वामी द्वारका दास महाराज हैं। उन्होंने अपने पालतू कुत्ते कल्लू का विवाह मौदहा क्षेत्र के परछछ गांव के बजरंगबली मंदिर के महंत स्वामी अर्जुन दास महाराज की पालतू कुतिया भूरी के संग तय किया।

गाजे बाजे के साथ निकली बारात

बता दें कि यह शादी 5 जून की तय हुई थी। तय तिथि के अनुसार द्वारका दास महाराज और अर्जुन दास महाराज ने अपने शिष्यों, शुभचिंतकों को कार्ड भेजकर इस विवाह समारोह में शामिल होने का आग्रह किया था। बारात की निकासी मनासर बाबा शिव मंदिर से गाजे-बाजे के साथ हुई। बारात ने सौंखर गांव की गलियों में भ्रमण किया। हेक बाद बारात मौदहा क्षेत्र के परछछ गांव के लिए रवाना हुई।

यहां पर बजरंगबली मंदिर के महंत स्वामी अर्जुन दास महाराज ने बरात की भव्य अगवानी की और स्वागत सटाकर के बाद द्वारचार, चढ़ावा, भंवरों, कलेवा की रस्म पूरी कराकर बारात को धूमधाम के साथ सम्मान विदा किया।

500 लोग हुए शादी में शरीक

कुत्ता-कुतिया को नए कपड़े और सोने-चांदी के जेवरों से सजाया-संवारा गया। बरातियों के लिए कई तरह के व्यंजन तैयार कराए गए थे। यह अनोखी शादी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई थी। बारात में दोनों पक्षों की तरफ से करीब 500 लोग शरीक हुए।

हिंदू रीति रिवाजों के साथ हुई शादी

कुत्ता कुतिया के विवाह के पूर्व दोनों पक्षों ने सभी हिंदू रीति रिवाजों की रस्में निभाई। पिछले सप्ताह तिलक की रस्म पूरी हो गई थी, जिसमें बाकायदा 11 हजार रुपए कैश चढ़ाए गए थे। तीन jun को जब मंडप लगा तो दोनों पक्षों की ओर से चीकट की रस्म भी अदा की गई।



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