Uttar Pradesh News : महिला को जहरीले जीव ने काटा, परिजनों ने कई घंटे खेला अंधविश्वास का खेल, लापरवाही में हो गई मौत

Uttar Pradesh News : प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय के बड़ा मजेसरिया गांव में महिला कृषि कार्य कर रही थी, इस दौरान उसको जहरीले जानवर ने काट लिया, रात तक महिला ठीक थी, सुबह उसकी तबीयत बिगड़ी तो परिजन अस्पताल लाने से पहले झाड़-फूंक कराते रहे...

Update: 2022-05-14 12:45 GMT

Uttar Pradesh News : महिला को जहरीले जीव ने काटा, परिजनों ने कई घंटे खेला अंधविश्वास का खेल, लापरवाही में हो गई मौत

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh News) से अंधविश्वास (Blind Faith) का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बता दें कि यहां प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जिला मुख्यालय के बड़ा मजेसरिया गांव में बीते शुक्रवार ( 14 मई ) देर शाम को एक महिला कृषि कार्य कर रही थी, इस दौरान उसको जहरीले जानवर ने काट लिया। रात तक महिला ठीक थी, सुबह उसकी तबीयत बिगड़ी तो परिजन अस्पताल लाने से पहले झाड़-फूंक कराते रहे। जब तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो परिजन महिला को अस्पताल लेकर आए और वहां उपचार के दौरान महिला ने अपना दम तोड़ दिया। परिजन एक-दो घंटे कर कराते झाड़ फूंक कराते रहे थे

कई घंटे चला अंधविश्वास का खेल

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की निवासी महिला का नाम रुकमणी है। कमलेश मीणा की पत्नी 60 वर्षीय रुकमणी प्रतापगढ़ के बड़ा मजेसिया थाना का है। जहरीले जीव के काटने के बाद सुबह करीब 4 बजे महिला की तबियत धीरे- धीरे ज्यादा बिगड़ गई। जिसके बाद महिला के परिजन करीब 1 से 2 घंटे तक आस पास के गांव में झाड़-फूंक कराते रहें।

तबियत बिगड़ने पर कराया अस्पताल में भर्ती

जब अचानक से तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो महिला को अस्पताल भर्ती कराया। जहां पर कुछ समय बाद महिला ने उपचार के दौरान अपना दम तोड़ दिया। सूचना के बाद जिला अस्पताल पहुंची कोतवाली थाना पुलिस घटना की जानकारी ली। परिजनों की रिपोर्ट पर शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द किया। महिला का एक बेटा और पांच बेटियां हैं।

क्या कहते है डॉक्टरमहिला को जहरीले जीव ने काटा, परिजनों ने कई घंटे खेला अंधविश्वास का खेल, लापरवाही में हो गई मौतइस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि आज के आधुनिक दौर में कई गांव ऐसे है जहां लोग डॉक्टर के पास ना जाकर झाड़-फूंक और तांत्रिक का सहारा ले लेते है, लेकिन ये भूल जाते है कि कभी-कभी ये अंधविश्वास उनकी या उनके परिजनों की जान पर भारी भी पड़ सकता है। पहले लोग झाड़-फूंक के सहारे रहते है, जब तबियत ज्यादा बिगड़ जाती है तब अस्पताल आते है, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है, इसलिए ऐसा करना किसी की जान को खतरे में दाल सकता है। यदि कुछ भी बीमारी या अन्य समस्या हो तो अस्पताल जाकर ही अपना इलाज करना चाहिए, किसी की बातों में आकर जन का जोखिम नहीं उठाना चाहिए। 

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