Uttar Pradesh News : मुर्गे की मौत के बाद आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं, भोज का मेन्यू देख हैरान हुए लोग

Uttar Pradesh News : एक मुर्गे की मौत के बाद परिवार ने पूरे विधि-विधान के साथ उसका श्राद्ध किया, तेरहवीं का भोज आयोजित किया...

Update: 2022-07-23 11:21 GMT

Uttar Pradesh News : मुर्गे की मौत के बाद आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं, भोज का मेन्यू देख हैरान हुए लोग

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में एक मुर्गे की मौत चर्चा का मामला सामने आया है। यहां एक मुर्गे की मौत के बाद परिवार ने पूरे विधि-विधान के साथ उसका श्राद्ध किया। तेरहवीं का भोज आयोजित किया। मुर्गे की तेरहवीं के भोज का निमंत्रण मिलने पर लोग चौंके भी। सोच रहे थे कि आखिर इस भोज में होगा क्या? लेकिन, लोगों ने जब मेन्यू देखा तो दंग रह गए। पूड़ी, सब्जी, दाल, चावल, सलाद, चटनी जैसे तमाम आइटम इस भोज में थे, जो एक सामान्य भोज में हुआ करते हैं।

मुर्गे की मौत के बाद तेरहवीं का कार्यक्रम

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक तेरहवीं का अजीबो-गरीब मामला सामने आया। जिले के फतनपुर थानां इलाके का जहां मुर्गे की तेहरवीं उसके मालिक ने किया तो इलाके में सभी लोग हैरान हो गए। लाली मुर्गे की मौत के बाद विधिवत उसका 13 दिन में तेरहवीं का कार्यक्रम करते हुए 500 ग्रामीणों को भोज खिलाया गया। आपको विश्वास नहीं होगा, लेकिन तस्वीरे देख कर चौक जाएंगे। बेहदौल कला गांव निवासी डॉ. शालिकराम सरोज अपना क्लीनिक चलाते हैं। घर पर उन्होंने बकरी और एक मुर्गा पाल रखा था। मुर्गे से पूरा परिवार इतना प्यार करने लगा कि उसका नाम लाली रख दिया।

कुत्ते के हमले में हुई थी मुर्गे की मौत

8 जुलाई को एक कुत्ते ने डॉक्टर शालिकराम बकरी के बच्चे पर हमला कर दिया। यह देख लाली कुत्ते से भिड़ गया। बकरी का बच्चा तो बच गया लेकिन लाली खुद कुत्ते के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया। 9 जुलाई की शाम लाली ने दम तोड़ दिया। घर के पास उसका शव दफना दिया गया। यहां तक सब सामान्य था। लेकिन, जब शालिकराम रीति रिवाज के मुताबिक मुर्गे की तेरहवीं की घोषणा की तो लोग चौंक उठे। इसके बाद अंतिम संस्कार के कर्मकांड होने लगे। सिर मुंडाने से लेकर अन्य कर्मकांड पूरे किए गए।

500 से अधिक लोगों ने खाया तेरहवीं का खाना

बीते बुधवार सुबह से ही हलवाई तेरहवीं का भोजन तैयार करने में जुट गए। शाम 6:00 बजे से रात करीब 10:00 बजे तक 500 से अधिक लोगों तेरहवीं में पहुंचकर खाना खाया। इसकी चर्चा दूसरे दिन भी इलाके में बनी रही। परिजनों ने मुर्गे के प्रति अपना प्रेम भी इस मौके पर प्रदर्शित किया।

मुर्गे की मौत के बाद घर में मातम जैसा माहौल

शालिक राम की बेटी अनुजा सरोज ने बताया कि लाली मुर्गा मेरे भाइयों जैसा था। उसकी मौत के बाद 2 दिनों तक घर में खाना नही बना। मातम जैसा माहौल था। हम उसको रक्षाबंधन पर राखी भी बांधते थे। उसकी तेरहवीं का कार्यक्रम करते हुए 500 अधिक लोगों को भोजन कराया गया। भोजन में पूड़ी, सब्जी, दाल, चावल, सलाद, चटनी बनवाए गई। गांव के सभी लोगों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया।

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