मिड-डे-मील से बिगड़ी हालत तो ग्रामीणों ने शुरू करा ली तांत्रिक पूजा, कई छात्राएं कर रहीं हैं अजीबोगरीब हरकतें, UP के महोबा का मामला

जिन छात्राओं की हालत बिगड़ी, उनके परिजन गांव व दूसरे स्थानों पर तांत्रिकों से झाड़-फूंक करा रहे हैं। अभिभावक शिवचरन, श्रीपत, वीरेंद्र, आनंद आदि का कहना है कि छात्राओं के रोने और तेज आवाज से चीखने से वह परेशान हैं...

Update: 2022-12-22 15:09 GMT

मिड-डे-मील से बिगड़ी हालत तो ग्रामीणों ने शुरू करा ली तांत्रिक पूजा, कई छात्राएं कर रहीं हैं अजीबोगरीब हरकतें, UP के महोबा का मामला (photo : social media)

Mahoba news : उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के एक स्कूल में मिड-डे-मील भोजन के दौरान दर्जन भर से अधिक छात्राओं की तबियत बिगड़ने से उनके अभिवावकों में हड़कंप मच गया। इस दौरान छात्राओं के द्वारा अजीबोगरीब हरकतें करने पर सकपकाए उनके अभिवावकों ने इसे ऊपरी साया समझते हुए तंत्र मंत्र का सहारा लेना शुरू कर दिया। खबर मिलने पर मौके पर पहुंची प्रशासनिक टीम ने मिड-डे-मील भोजन के नमूने जांच के लिए लैब में भेज दिए हैं।

जानकारी के अनुसार महोबा जिले के हमीरपुर के ब्लॉक पनवाड़ी के कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय महुआ में सोमवार की दोपहर मध्याहन भोजन के दौरान एक के बाद एक 15 छात्राओं की हालत बिगड़ गई थी। जिन छात्राओं की तबियत खराब हुई, उसमें से कुछ छात्राओं ने भोजन किया था, लेकिन जिन छात्राओं ने भोजन नहीं किया था वह भी अपने को घबराहट व चक्कर आने की शिकायत करने लगी थी। एक साथ पन्द्रह छात्राओं की हालत बिगड़ने की इस घटना से विद्यालय के शेष छात्र-छात्राओं में दहशत पसर गई। जिस वजह से मंगलवार को विद्यालय में आधा दर्जन बच्चे ही पहुंचे। इससे पूरे स्कूल में दिन भर सन्नाटा पसरा रहा।

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सोमवार 19 दिसंबर की इस घटना की प्रभावित छात्राओं को सीएचसी पनवाड़ी में भर्ती कराया गया था, जहां देर शाम हालत में सुधार होने पर सभी की छुट्टी कर दी गई थी। इस घटना की खबर मिलने पर मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने एमडीएम भोजन में बनी सब्जी व रोटी का नमूना जांच के लिए लखनऊ की लैब में भेज दिया।

ग्रामीणों के अनुसार छात्राएं इस घटना के बाद पूरी तरह से बदहवासी की हालत में आ गई थीं। एक छात्रा तो फोन पर अपने भाई को अपनी लाश का पता बताते हुए कह रही थी कि "जंगल में लटकी है मेरी लाश, देख जाओ, बिगाड़ दी है मेरी दशा।" घटना के बाद प्रधानाध्यापक गोविंद रिछारिया का कहना है कि सोमवार को हुई इस घटना के बाद मंगलवार को कुछ बच्चे विद्यालय आए थे। शेष बच्चों को भी विद्यालय आने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

अंधविश्वास में फंसे अभिभावक

दूसरी ओर छात्राओं की हालत बिगड़ने की इस घटना के बाद छात्राओं के अभिभावक अंधविश्वास में उलझ गए हैं। कुछ छात्राओं ने अचानक कुछ दिखने और हालत बिगड़ने की बात बताई थी। जिसके बाद मंगलवार 20 दिसंबर को अभिभावकों ने अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेजा। जिन छात्राओं की हालत बिगड़ी, उनके परिजन गांव व दूसरे स्थानों पर तांत्रिकों से झाड़-फूंक करा रहे हैं। अभिभावक शिवचरन, श्रीपत, वीरेंद्र, आनंद आदि का कहना है कि छात्राओं के रोने और तेज आवाज से चीखने से वह परेशान हैं। बच्चों के अभिभावक इसे तंत्र-मंत्र व ऊपरी चक्कर मान रहे हैं, जिस वजह से अस्पताल से छुट्टी होने के बाद परिजन छात्राओं की तांत्रिकों से झाड़-फूंक भी करा रहे हैं।

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