'ढोंगी धीरेंद्र शास्त्री को जेल भिजवाने तक नहीं बैठेंगे चुप' : तर्कशास्त्री श्याम मानव की चुनौती के बाद नागपुर से भागे बागेश्वर धाम सरकार
Andhvishwas Dhirendra shastri expose : रामकथा की आड़ में अंधविश्वास को बढ़ावा देकर लोगों को ठगने वाले फ्रॉड धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की गिरफ्तारी के लिए कमर कसने वाले अंधश्रद्धा निर्मूल समिति के कार्यकर्ता ने दावा किया है कि वह इस धोखेबाज को जेल की सलाखों में पहुंचाकर ही दम लेंगे। नागपुर में रामकथा के दौरान चमत्कार दिखाने वाले दिव्य दरबार के आयोजन पर समिति के चैलेंज से घबराकर नागपुर से भागे मध्य प्रदेश के छतरपुर इलाके के बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री नाम के इस 26 साल के बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की पोल खोलते हुए श्याम मानव ने इसे सार्वजनिक तौर पर अपने चमत्कार सिद्ध करने का चैलेंज दिया था, जिसके बाद यह बाबा आयोजन को बीच में ही छोड़कर अपने चेले चपाटों के साथ रातों रात नागपुर से सिर पर पांव रखते हुए फरार हो गया था। जनज्वार संपादक अजय प्रकाश ने अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के एक्टिविस्ट श्याम मानव से इस मुद्दे पर बातचीत करते हुए जब समाज में फैली कुरीतियों पर चर्चा की तो उन्होंने इस बाबा की पोल पट्टी खोलते हुए कई खुलासे किए।
यहां बता दे कि महाराष्ट्र राज्य में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति पिछले चालीस साल से समाज में अंधविश्वास फैलाने वाले बाबाओं और ठगों का पर्दाफाश करते हुए समाज में व्याप्त तमाम तरह के अंधविश्वास के खिलाफ जनजागृति अभियान चलाती रही है। समिति के ही प्रयासों से महाराष्ट्र में अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाले बाबाओं व तांत्रिकों पर नकेल कसने के लिए बहुत ज्यादा सख्त जादू टोना विरोधी कानून लाया गया है।
इसी महाराष्ट्र के नागपुर शहर में मध्य प्रदेश का यह 26 साल का लड़का धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जो अपने आप को बागेश्वर पीठाधीश्वर कहते हुए ग्लैमर और लच्छेदार बातों के माध्यम से सोशल मीडिया पर ग्लैमर्स बाबाओं की नई पौध बना हुआ है, एक कार्यक्रम करने नागपुर चला आया। "5 जनवरी से 11 जनवरी तक नागपुर के रेशमबाग में पूज्य सरकार के श्रीमुख से श्री राम चरित्र चर्चा का आयोजन" के तहत नागपुर पहुंचने पर बाबा धीरेंद्र ने रामकथा की आड़ में दिव्य दरबार और प्रेत दरबार जैसी हरकतें करते हुए अंधविश्वास फैलाना शुरू कर दिया।
हैरानी इस बात की थी कि बाबा तो अपने स्वार्थ के लिए लोगों को मूर्ख बना ही रहा था। इसके कार्यक्रम में शामिल होकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और देश के परिवहन मंत्री सहित कई विधायक और भाजपा के जुड़े वरिष्ठ नेता भी इस बाबा के फर्जीवाड़े को शह देने के लिए इसके कार्यक्रम में पहुंचे थे, जिस पर अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने इस बाबा को चैलेंज देते हुए अपने चमत्कार सिद्ध करने के लिए खुली चुनौती देते हुए चमत्कार सिद्ध करने पर तीस लाख का इनाम रखा था। इतना ही नहीं समिति ने यह भी कहा था कि या यदि बाबा अपने चमत्कार सिद्ध कर देता है तो वह खुद उसके पैरों में सिर रखकर माफी मांगते हुए अंधश्रद्धा के खिलाफ चलाए जाने वाले सभी कार्यक्रम भी करना बंद कर देंगे।
समिति की इस चुनौती से भोले भाले भक्तों को अपने मोहपाश में फंसाकर उन्हें मूर्ख बनाने वाले इस बाबा की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई। समिति की चुनौती स्वीकार कर अपनी चमत्कारिक शक्तियां का प्रदर्शन करना तो दूर यह ढोंगी बाबा नागपुर से रातों रात अपने चेले चपाटों की फौज के साथ फरार हो गया।
इसी धीरेंद्र शास्त्री को चैलेंज करने वाले तर्कशास्त्री श्याम मानव ने जनज्वार को बताया कि वह मुंबई में रहकर चालीस साल से समाज में अंधविश्वास फैलाकर लोगों को मूर्ख बनाने का धंधा करने वाले बाबाओं और तांत्रिकों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। बीते दिनों वह जब इंडियन साइंस कांग्रेस में शामिल होने नागपुर गए थे तो वहां लोगों ने इस फर्जी बाबा के कई किस्से सुनाते हुए बताया था कि यह लोगों को कैसे ठगता है, जिसके बाद जब उनकी टीम ने इसके करीब 4 दर्जन वीडियो देखकर उनकी जांच की तो इस बाबा के सारे दावे समिति के मापदंड पर फर्जी साबित हो रहे थे।
इसके बाद समिति ने धीरेंद्र शास्त्री को बिना जान पहचान के 10 लोगों और उनके पिता का नाम जानने, उनके फोन नंबर बताने के साथ ही कमरे में रखी चीजों के नाम बिना कमरे में जाए बताने का खुला चैलेंज देते हुए अपने चमत्कार सिद्ध करने पर 30 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की थी। समिति ने यह भी कहा था कि यदि बाबा अपने चमत्कार साबित कर देता है तो वह अपना अंधश्रद्धा निर्मूलन का कार्यक्रम बंद करते हुए उससे माफी भी मांगेंगे, लेकिन यह बाबा उनकी चुनौती सामने आने के बाद अपने तय कार्यक्रम से दो दिन पहले ही कार्यक्रम छोड़कर भाग गया।
श्याम मानव जनज्वार से बातचीत में कहते हैं, बाबा की यह सारी हरकतें महाराष्ट्र में लागू जादू टोना विरोधी कानून के तहत अपराध होने के कारण उन्होंने बाबा के भागने के बाद इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दी है। जब तक इस धीरेंद्र शास्त्री नाम के बाबा की गिरफ्तारी नहीं होगी, समिति चुप नहीं बैठेगी। लोगों के इन बाबाओं के जाल में फंसने के सवाल पर श्याम मानव ने कहा कि समाज में धारणा प्रचलित है कि विज्ञान जहां समाप्त होता है वहां से धर्म अथवा अध्यात्म शुरू होता है। धर्म और अध्यात्म में कोई तर्क नहीं चलता, इसी सोच के चलते लोग इनकी हरकतों पर कोई सवाल नहीं उठाते हैं, इसलिए इनकी ठग विद्या खुलेआम चलती रहती है, जबकि सच्चाई तो यह है कि जहां विज्ञान खत्म होता है, अंधविश्वास उसके तत्काल बाद शुरू हो जाता है। इसके खिलाफ तर्क के हथियार का हर समय उपयोग होना चाहिए।
अनपढ़ और पढ़े लिखे लोगों के अंधविश्वास को भी रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि पढ़ाई लिखाई या व्यक्ति का उच्च शिक्षित होना भी व्यक्ति को अंधविश्वास के जाल में फंसने से रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है। जैसे अनपढ़ और पढ़े लिखे व्यक्ति के कपड़ों से लेकर जीवनशैली तक में फर्क साफ दिखता है, वैसे ही इनके बीच व्याप्त अंधविश्वास में भी अंतर होता है। पढ़े लिखे व्यक्ति का अंधविश्वास ज्योतिष, अध्यात्म, बाबाओं की दिव्यता, धार्मिक यात्राओं में दिखता है, जबकि अनपढ़ आदमी भूत प्रेत, तंत्र विद्या जैसे अंधविश्वासों में लिप्त रहता है। इसलिए जरूरी नहीं है कि शिक्षित व्यक्ति अंधविश्वास से मुक्त रह सके। अंधविश्वासों से मुक्त समाज को बनाने के लिए शिक्षा को वैज्ञानिक और तार्किक बनाने के साथ ही व्यापक पैमाने पर अंधविश्वासों के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चलाए जाने, समाज में अभियान चलाकर वर्कशॉप के माध्यम से इनको पोल खोलने जैसे उपायों का सहारा लेना होगा।