अंधविश्वास : शिवलिंग मानकर LED बल्ब की घंटों तक हुयी पूजा—आया चढ़ावा, जब पूरा खोदा तो पीटने लगे माथा

लोग अपने-अपने घर से चढ़ावे का सामान दूध, जल, रुपये और प्रसाद आदि लाकर चढ़ाने लगे, दोपहर तक शिवलिंग की खूब पूजा हुई और तमाम लोगों ने दूध चढ़ाया, इस दौरान करीब पंद्रह सौ रुपये भी चढ़ावे में आ गए, दोपहर बाद कुछ लोगों ने मिट्टी हटाकर उस चीज को पूरा निकाला तो वह एक एलईडी बल्ब निकला....

Update: 2021-02-01 06:16 GMT

जनज्वार, बदायूं। उत्‍तर प्रदेश के बदायूं स्थित कुंवरगांव थाना क्षेत्र में अंधभक्ति का बेहद अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां अंधविश्वास में डूबे लोग सुबह से लेकर दोपहर तक शिवलिंग समझकर एक एलईडी बल्ब की पूजा करते रहे और फिर दोपहर बाद जब लोगों ने उसे पूरा खोदा तो शर्म से एक दूसरे से आंखें नहीं मिला पा रहे थे, जबकि अंधविश्वास को न मानने वाले लोग अपनी हंसी नहीं रोक पा रहे थे।

इससे पहले जब तक शिवलिंग की जगह एलईडी बल्ब की बात सामने नहीं आयी थी, तब तक सैंकड़ों लोग उस पर जल, दूध और करीब पंद्रह सौ रुपये भी चढ़ा चुके थे। बाद में चढ़ावे के रुपये गांव के शनि मंदिर में दान करा दिए गए। मामला बदायूं के कुंवरगांव थाना क्षेत्र का है। मामला 27 जनवरी का है, जब सुबह एक व्यक्ति अपनी पशुशाला में सफाई कर रहा था।

जानकारी के मुताबिक झाडू लगाने के दौरान उसे अचानक पशुशाला परिसर में एक सफेद चीज दिखाई दी। उसने थोड़ी मिट्टी हटाई, तो वह गोल जैसी चीज जो चमक भी रही थी। उसने ज्यादा मिट्टी तो नहीं हटाई, लेकिन उसकी सूचना गांव के तमाम लोग को दे दी। कुछ लोग इसे शुरू से अंधविश्वास मान रहे थे, तो कुछ ग्रामीण कहने लगे कि यह भगवान शिव का शिवलिंग है। इस बात पर आसपास कपड़ा बिछा दिया गया और मौके पर अंधभक्तों का पहुंचना शरू हो गया और पूजा अर्चना शुरू हो गई।

इतना ही नहीं, गांव में ऐसी खबर फैली कि हुजूम लग गया। लोग अपने-अपने घर से चढ़ावे का सामान दूध, जल, रुपये और प्रसाद आदि लाकर चढ़ाने लगे। दोपहर तक शिवलिंग की खूब पूजा हुई और तमाम लोगों ने दूध चढ़ाया। इस दौरान करीब पंद्रह सौ रुपये भी चढ़ावे में आ गए। दोपहर बाद कुछ लोगों ने मिट्टी हटाकर उस चीज को पूरा निकाला तो वह एक एलईडी बल्ब निकला।

जब शिवलिंग की हकीकत सामने आयी तो अंधविश्वास को न मानने वालों ने खूब हंसी उड़ायी। पूरा भ्रम जब दूर हुआ तो कुछ सभ्रांत लोगों ने मौके पर पहुंचकर चढ़ावे में आए रुपये गांव के शनि मंदिर में दान करा दिए। इस दौरान पशुशाला परिसर में खूब भीड़ लगी रही, लेकिन हकीकत जानने के बाद हर कोई वहां से ठहाके मारकर जाता हुआ नजर आया।

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