जुलाई में 50 लाख नौकरियां गईं, अबतक 1.89 करोड़ नौकरीपेशा बेरोजगार

भारत में रोजगार पाने वाले 21 प्रतिशत लोग वेतनभोगी हैं। इनकी नौकरियों पर अप्रैल के बाद फिर जुलाई में बड़ा संकट आया। देश में अबतक 1.89 करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं...

Update: 2020-08-20 05:33 GMT

जनज्वार। कोरोना संकट ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ने के साथ बड़े पैमाने पर लोगों का छिन लिया है। अबतक देश में इस कारण 1.89 करोड़ लोग बेरोजगार हो चुके हैं। जब देश में अनलाॅक फेज शुरू हो गया तब भी जुलाई महीने में करीब 50 लाख वेतनभोगियों की नौकरी चली गई।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इकनॉमी यानी सीएमआईई ने अपने अध्ययन के आधार पर कहा हे कि जुलाई में लगभग 50 लाख लोगों की नौकरी चली गई। जून में अनलाॅक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद नौकरियों की रिकवरी दिखने लगी थी, लेकिन स्थानीय स्तर पर लगने वाले छोटे लाॅकडाउन की वजह से जुलाई में फिर नौकरियों में गिरावट दिखने लगी। कोरोना के मामले बढने के बाद राज्य सरकारों व जिला प्रशासन ने अपने यहां के कंटोनमेंट जोन में लाॅकडाउन लगाए।

सीएमआईई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अप्रैल में 1.77 करोड़ लोगों की नौकरी चली गई और मई में करीब एक लाख लोगों को फिर से नौकरी मिल गई। जून में जब अनलाॅक शुरू हुआ तो करीब 39 लाख लोगों को नौकरी वापस मिल गई। पर, छोटे लाॅकडाउन ने एक बार फिर संकट गहरा दिया।

सीएमआईई के अध्ययन में कहा गया है कि लाॅकडाउन शुरू होने के बाद नौकरीपेशा लोगों की स्थिति खराब होती गई। अबतक 1.89 करोड़ लोगों की नौकरी जा चुकी है।

भारत में विभिन्न माध्यमों से रोजगार पाने वाले लोगों में वेतनभोगियों का प्रतिशत 21 है। 

इस संबंध में सीएमआईआई के सीइओ महेश व्यास ने कहा है कि वेतन भोगियों की नौकरी जल्दी नहीं जाती है, लेकिन जब जाती है तो दोबारा पाना मुश्किल हो जाता हैै। इसलिए यह हमारे लिए चिंता का विषय है। वेतनभोगी नौकरियां 2019-20 के औसत से लगभग 1.90 करोड़ कम हो गई हैं।

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